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Income Tax Return: सावधान! इनकम टैक्स रिफंड का नया स्कैम चल रहा, बच कर रहें
Income Tax Return: फैक्ट चेक ट्वीट के अनुसार, वायरल मैसेज में लिखा है - आपको 15,490/- रुपये का टैक्स रिफंड स्वीकृत किया गया है, यह राशि आपके खाता संख्या 5xxxxxx6755 में जमा की जाएगी। यदि यह सही नहीं है तो कृपया नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपने बैंक खाते की जानकारी अपडेट करें।
Income Tax Return: प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट चेक यूनिट ‘पीआईबी फैक्ट चेक’ ने लोगों को आयकर रिटर्न रिफंड के संबंध में फर्जी संदेशों के प्रति सचेत किया है। ये चेतावनी इसलिए दी गयी है क्योंकि लोगों के पास ऐसा मैसेज मिला है जिसमें दावा किया गया है यूजर को 15,490 रुपये का आयकर रिफंड मंजूर कर लिया गया है। फैक्ट चेक ट्वीट के अनुसार, वायरल मैसेज में लिखा है - आपको 15,490/- रुपये का टैक्स रिफंड स्वीकृत किया गया है, यह राशि आपके खाता संख्या 5xxxxxx6755 में जमा की जाएगी। यदि यह सही नहीं है तो कृपया नीचे दिए गए लिंक पर जाकर अपने बैंक खाते की जानकारी अपडेट करें।
सच्चाई जाना लीजिये
सच्चाई ये है कि यदि किसी का रिफंड बकाया है तो आयकर विभाग कभी भी रिफंड के लिए कोई लिंक नहीं देता है। आयकर विभाग द्वारा आईटीआर को विधिवत प्रोसेस करने के बाद ही रिफंड भेजा जाता है। अगस्त 2023 से प्रभावी आदेश में आयकर विभाग ने टैक्स दाखिल करने वालों के लिए रिटर्न जमा करने के 30 दिनों के भीतर अपने रिटर्न को ई-सत्यापित करना अनिवार्य कर दिया है। अगर आप इसे समय पर सत्यापित नहीं करते हैं, तो आपका आईटीआर अमान्य माना जाएगा, यानी रेतुर्न भरना बेकार चला जा जाएगा।
यदि आईटीआर प्रोसेस नहीं हुआ है और टैक्स विभाग को अतिरिक्त जानकारी की आवश्यकता है, तो यह करदाताओं की रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर एक सूचना भेजता है।
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घोटालेबाजों से बचें
अब पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने सलाह दी है कि - घोटालेबाज करदाताओं को धोखाधड़ी वाले लिंक के माध्यम से अपने बैंक खाते की जानकारी अपडेट करने के लिए बरगला रहे हैं। किसी भी संवेदनशील जानकारी को साझा करने से सावधान रहें और अपने आयकर रिटर्न से संबंधित कोई भी कार्रवाई करने से पहले हमेशा संदेशों की प्रामाणिकता को सत्यापित करें। इसके अतिरिक्त, जिन वेबसाइटों पर आपको एसएमएस द्वारा लिंक भेजा जाता है, उन पर कभी भी डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की जानकारी न दें क्योंकि यह आपके कार्ड की जानकारी चुराने के लिए एक फ़िशिंग घोटाला हो सकता है।
आयकर वेबसाइट के अनुसार - यदि आपको कोई ई-मेल प्राप्त होता है या कोई वेबसाइट मिलती है जो आपको लगता है कि आयकर विभाग का होने का दिखावा कर रही है, तो ई-मेल या वेबसाइट यूआरएल को [email protected] पर फारवर्ड करें। मेल की कॉपी [email protected] पर भी भेजी जा सकती है। आप संदेश को प्राप्त होने पर फारवर्ड कर सकते हैं या ई-मेल का इंटरनेट हेडर प्रदान कर सकते हैं। प्रेषक का पता लगाने में हमारी सहायता के लिए इंटरनेट हेडर में अतिरिक्त जानकारी होती है। ई-मेल या हेडर जानकारी हमें अग्रेषित करने के बाद, संदेश हटा दें।
ध्यान दीजिये
- आयकर विभाग ई-मेल के माध्यम से विस्तृत व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगता है।
- आयकर विभाग आपके पिन नंबर, पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड, बैंक या अन्य वित्तीय खातों के लिए जानकारी मांगने का अनुरोध करने वाला ई-मेल नहीं भेजता है।
- अगर आपको इनकम टैक्स विभाग का दावा करने वाले की तरफ से कोई मैसेज मिलता है या कोई लिंक मिलता है तो :
- जवाब न दें। कोई भी अटैचमेंट न खोलें क्योंकि उनमें वायरस कोड हो सकता है जो आपके कंप्यूटर को संक्रमित कर देगा।
- किसी भी लिंक पर क्लिक न करें. यदि आपने किसी संदिग्ध ई-मेल या फ़िशिंग वेबसाइट के लिंक पर क्लिक किया है तो बैंक खाता, क्रेडिट कार्ड विवरण जैसी गोपनीय जानकारी दर्ज न करें।
- संदेश से लिंक को काटकर अपने ब्राउज़र में पेस्ट न करें, क्योंकि घोटालेबाज लिंक को वास्तविक जैसा बना सकते हैं, लेकिन वास्तव में यह आपको विभिन्न वेबसाइटों पर भेजता है।
- एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर, एंटी स्पाइवेयर और फ़ायरवॉल का उपयोग करें और उन्हें अपडेट रखें।
- कुछ फ़िशिंग ई-मेल में ऐसे सॉफ़्टवेयर होते हैं जो आपके कंप्यूटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं या आपकी जानकारी के बिना इंटरनेट पर आपकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकते हैं। एंटी-वायरस और एंटी-स्पाइवेयर सॉफ़्टवेयर और फ़ायरवॉल आपको ऐसी अवांछित फ़ाइलों को अनजाने में स्वीकार करने से बचा सकते हैं।