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लालू प्रसाद यादव के खिलाफ झारखंड HC में PIL, लगाया गया ये आरोप

PIL में लालू प्रसाद पर आरोप लगाया गया है कि, राजद अध्यक्ष जेल मैनुअल का उल्लंघन करते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही बिना इजाजत लोगों से मिल रहे हैं।

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Published on: 26 Nov 2020 5:01 PM IST
लालू प्रसाद यादव के खिलाफ झारखंड HC में PIL, लगाया गया ये आरोप
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शिकायत पत्र स्वीकार करने के दौरान थाना प्रभारी की ओर से भरोसा दिलाया गया था कि वह इस मामले में उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त कर विधि सम्मत कार्रवाई करेंगे।

रांची: बिहार में सरकार को अस्थिर करने के कथित आरोप के बीच राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। झारखंड हाईकोर्ट में लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ PIL दायर की गई है। भाजपा नेता अनुरंजन अशोक ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। PIL में कहा गया है कि, लालू प्रसाद जेल मैनुअल का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं। इस काम में प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। लिहाज़ा, इस पूरे प्रकरण की जांच होनी चाहिए। इस बीच लालू प्रसाद के विरूद्ध पुनदाग टीओपी में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जा रही है।

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लालू प्रसाद पर आरोप

PIL में लालू प्रसाद पर आरोप लगाया गया है कि, राजद अध्यक्ष जेल मैनुअल का उल्लंघन करते हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही बिना इजाजत लोगों से मिल रहे हैं। इतना ही नहीं लालू को प्रशासन का पूरा सहयोग भी मिल रहा है। चार घोटाले में जब से उन्हे सज़ा मिली है उसके बाद से ही वे रिम्स में आराम कर रहे हैं।

rajeev-kumar rajeev-kumar (Photo by social media)

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि, कोर्ट का ही निर्णय है कि, न्यायिक हिरासत में रहते हुए जिन्हे भी रिम्स में इलाज के लिए लाया जाएगा उन्हे इलाज करने के बाद दोबारा जेल भेजा जाएगा। लालू प्रसाद ने जेल को ही रिम्स में शिफ्ट करा दिया है। रिम्स में लालू को तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। ऐसे में ये कहना कि, लालू जेल की सज़ा काट रहे हैं मुनासिब नहीं होगा। लिहाज़ा, कोर्ट को भी इसपर संज्ञान लेना चाहिए। PIL में जेल आईजी, डीजीपी और संबंधित अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है।

गृह विभाग का पक्ष

praveen-kumar praveen-kumar (Photo by social media)

लालू प्रसाद के ऑडियो प्रकरण को लेकर जेल आईजी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। अलबत्ता सहायक कारा महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा है कि, इस बाबत रांची उपायुक्त और एसएसपी को जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होने बताया कि, रिम्स एक अस्पताल है नाकि, जेल। गृह विभाग ने SOP जारी किया है जिसके तहत इलाजरत बंदी की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी ऑफिसर इनचार्ज पर होती है जो डीएसपी लेवल के अधिकारी होते हैं। जहां तक बंदी से मिलने का सवाल है तो इसके लिए जेल मैनुअल के मुताबिक जेल अधीक्षक अनुमति देते हैं। लिहाज़ा, जांच रिपोर्ट आने के बाद ही गृह विभाग कुछ भी कहने की स्थिति में होगा।

24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट

प्रकरण को लेकर रांची उपायुक्त छवि रंजन ने जेल अधीक्षक को 24 घंटे के अंदर जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। गृह विभाग से निर्देश मिलने के बाद उपायुक्त ने ये क़दम उठाया है। दरअसल, गृह विभाग ने अपना पल्ला झाड़ते हुए पूरे मामले को रांची ज़िला प्रशासन की ओर मोड़ दिया है। विभाग का साफ मानना है कि, फिलवक्त लालू प्रसाद जेल में न होकर रिम्स परिसर में हैं। लिहाज़ा, लालू सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उनकी नहीं है।

anuranjan-ashok anuranjan-ashok (Photo by social media)

क्या है पूरा मामला

चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता लालू प्रसाद पर आरोप है कि, उन्होने रिम्स के केली बंगला से भाजपा विधायक ललन पासवान को फोन किया। इस फोन में उन्होने स्पीकर के चुनाव से खुद को दूर रखने और मंत्री बनाने का प्रलोभन दिया। आरोप है कि, लालू प्रसाद के सेवादार इरफान अंसारी ने अपने फोन नंबर से विधायक ललन पासवान से बात कराया। इस पूरे प्रकरण को सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा और फोन नंबर को भी जारी किया। मामला सामने आने के बाद ही लालू प्रसाद के खिलाफ पीआईएल दायर की गई है।

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लालू की जमानत पर सुनवाई

चारा घोटाले में सज़ायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर 27 नवंबर को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में अगर लालू प्रसाद को ज़मानत मिल जाती है तो उनके बाहर निकलने का रास्ता साफ हो जाएगा। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पिछले 06 नवंबर को की थी लेकिन सीबीआई ने एफिडेविट के लिए कोर्ट से समय की मांग की थी।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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