TRENDING TAGS :
किसानों सावधान! अगर किया ऐसा, तो नहीं मिलेगा सरकार की इस योजना का लाभ
किसी भी देश के लिए किसान सबसे जरुरी होता है। देश को आगे बढ़ाने में किसान का योगदान सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में किसानों के लिए हम लाए हैं बड़ी खबर।
नई दिल्ली: किसी भी देश के लिए किसान सबसे जरुरी होता है। देश को आगे बढ़ाने में किसान का योगदान सबसे ज्यादा होता है। ऐसे में किसानों के लिए हम लाए हैं बड़ी खबर। पीएम-किसान सम्मान निधि स्कीम के अंदर सालाना 6000 रुपये का लाभ लेने के लिए कुछ लोग गड़बड़ी करने लगे हैं। तो ऐसे लोग अब सावधान हो जाएं। अब मोदी सरकार उन लोगों पर सख्त हो गई है जिन्होंने ऐसा किया है।
मोदी सरकार ने आठ राज्यों के ऐसे 1,19,743 लोगों से कुछ समय पहले ही पैसा वापस ले लिया है। लाभार्थियों के नामों एवं उनके बैंक अकाउंट के दिए गए रिकॉर्ड मेल नहीं खा रहे थे। कृषि मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन अकाउंट्स में बिना वेरीफिकेशन पैसा जमा हो गया था। मतलब, बैंक अकाउंट और खेत मालिक के नाम के बीच अंतर पाया गया। ऐसे में बैंक अकाउंट और आधार में किसान का नाम एक होना चाहिए वरना परेशानी खड़ी हो सकती है।
ये भी पढ़ें:मोदी का हिन्दुस्तान है, अगर हो गया इशारा तो कर देंगे एक घंटे में सफाया: लीलाराम
स्कीम का पैसा केंद्र सरकार के खाते से किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे नहीं जा रहा। मोदी सरकार राज्यों के अकाउंट में पैसा भेजती है फिर उस अकाउंट से किसानों तक पैसा पहुंचता है। सूत्रों का कहना है कि वेरीफिकेशन करने से पहले ही ऐसे 1।19 लाख बैंक अकाउंट 2000 रुपये की किश्त जमा हो गई थी। लेकिन जब डाटा का वेरीफिकेशन शुरू हुआ तो गलती पकड़ में आने लगी। सरकार की कोशिश है कि स्कीम का पैसा सही किसानों तक पहुंचे। यह बात अच्छी तरह से समझ लीजिए, अगर आप किसान नहीं हैं और सेटिंग करके गलत तरीके से इस स्कीम का फायदा उठा रहे हैं तो हर हाल में पैसे वापस करने होंगे।
गड़बड़ी पर ऐसे वापस लिया जाता है पैसा
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्यों को पत्र लिखकर कह दिया था कि अगर अपात्र लोगों को लाभ मिलने की सूचना मिलती है तो उनका पैसा कैसे वापस होगा। एक बातचीत में योजना के CEO विवेक अग्रवाल ने कहा था कि इतनी बड़ी योजना है तो गड़बड़ी की संभावना बनी ही रहती है। अगर अपात्र लोगों के खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ तो उसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से वापस लिया जाएगा। बैंक इस पैसे को अलग अकाउंट में डालेंगे और राज्य सरकार को वापस करेंगे। राज्य सरकारें अपात्रों से पैसे वापस लेकर https://bharatkosh।gov।in/ में जमा कराएंगी। अगली किश्त जारी होने से पहले ऐसे लोगों का नाम हटाया जाएगा।
किसे मिलेगा और किसे नहीं मिलेगा लाभ?
केंद्र सरकार ने सभी किसानों के लिए पीएम-किसान स्कीम लागू कर भले ही कर दी है लेकिन कुछ लोगों के लिए शर्तें लगाई ही गईं हैं। जिन लोगों के लिए कंडीशन लागू है वो यदि गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं तो आधार वेरीफिकेशन में पता चल जाएगा।
ये भी पढ़ें:लखनऊ: PM मोदी ने लोकभवन में किया वाजपेयी की 25 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण
सभी 14.5 करोड़ किसान परिवार इसके लिए पात्र हैं। पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को एक इकाई माना जाएगा। जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे।
MP, MLA, मंत्री और मेयर को भी इसका फायदा नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों। यदि इनमें से किसी ने आवेदन किया है तो पैसा नहीं आएगा।
मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकार में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को इसका फायदा नहीं मिलेगा। यदि ऐसे लोगों ने इसका फायदा उठाया तो आधार अपने आप बता देगा।
बिजनेसमैने, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा।
इनकम टैक्स देने वालों और 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ से वंचित रखने का प्रावधान है। अगर किसी आयकर देने वाले ने स्कीम की दो किश्त ले भी ली है तो वो तीसरी बार में पकड़ा जाएगा। क्योंकि आधार वेरीफिकेशन हो रहा है।
ये भी पढ़ें:‘महामना’ ने दिया था BHU से भी बड़ा ये तोहफा, आज भी है गरीबों के लिए वरदान
खेती-किसानी के लिए अहम योजना
खेती-किसानी के विकास के लिए बनाई गई यह सबसे अहम योजना है। केंद्र सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर-यूपी से इसकी औपचारिक शुरुआत की थी। इसके अंदर अब चौथी किश्त भी जानी शुरू हो गई है। देश के 2,73,00277 किसानों के बैंक अकाउंट में चौथी किश्त भी पहुंच गई। जबकि अब तक इस स्कीम से 8,46,14,987 किसानों को इसका फायदा मिल चुका है।