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टूटी IAS अफसरों के काम करने की परंपरा, मोदी ने किया एलान, बनना होगा कर्मयोगी

मिशन कर्मयोगी के तहत शुरू किए गए नए डिजिटल प्लेटफॉर्म से अब सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। मोबाइल के जरीए ट्रेनिंग दी जाएगी।

Shivani
Published on: 3 Sep 2020 2:27 PM GMT
टूटी IAS अफसरों के काम करने की परंपरा, मोदी ने किया एलान, बनना होगा कर्मयोगी
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मिशन कर्मयोगी के तहत शुरू किए गए नए डिजिटल प्लेटफॉर्म से अब सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। मोबाइल के जरीए ट्रेनिंग दी जाएगी।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने जब से देष की बागडोर संभाली है कुछ न कुछ ऐसा करते हैं जो देष में कभी नहीं हुआ। उनके कई फैसलों ने देष के हालातों को बदलने का काम किया है। अब वह एक बार फिर एक ऐसा काम करने जा रहे हैं जिससे पूरे देश की ब्यूरोक्रेसी का बुुनियादी ढांचा ही बदल जाएगा। कहा जा रहा है कि नौकरशाही में व्यापक सुधार के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम 'मिशन कर्मयोगी' को मंजूरी प्रदान किए जाने से सरकार में मानव संसाधन प्रबंधन की पद्धतियों में मूलभूत सुधार आएगा।

मोदी सरकार ने दी 'मिशन कर्मयोगी' को मंजूरी

बतातें चलें कि साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मसूरी के सिविल सर्विस अधिकारियों के ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट गए थे। उस दौरान वहां मोदी ने सरकारी बाबुओं की ट्रेनिंग में व्यापक बदलाव पर चर्चा की थी। मिशन कर्मयोगी के तहत शुरू किए गए नए डिजिटल प्लेटफॉर्म से अब सिविल सेवा से जुड़े अधिकारी कहीं भी बैठकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट के माध्यम से भी ट्रेनिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।



'मिशन कर्मयोगी' बदल देगा देश के हालात, खर्च होंगे 511 करोड

मिशन कर्मयोगी पर अगले पांच साल में करीब 511 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर तक ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह समग्र और विस्तृत योजना व्यक्तिगत के साथ-साथ संस्थागत क्षमता के निर्माण पर केन्द्रित होगी।

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सिविल सेवकों के लिए बढ़ाया जाएगा ट्रेनिंग का स्टैंडर्ड

इस योजना के तहत सिविल सेवकों को अब कल्पनाशील और नवाचारी (इनोवेटिव), पेशेवर और प्रगतिशील, एनर्जेटिक (ऊजार्वान) और चमत्कारी, पारदर्शी एवं तकनीक युक्त, रचनात्मक और सृजनात्मक बनाने की तैयारी है। सिविल सेवकों के लिए ट्रेनिंग के स्टैंडर्ड को भी बढ़ाया जाएगा।

PM Modi approves mission karmayogi to prepare civil servants for future मोदी सरकार का 'मिशन कर्मयोगी' (Photo Via Socail Media)

45 लाख अधिकारियों को ट्रेंड किया जाएगा

'मिशन कर्मयोगी' सरकारी कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए पैमाने और आधुनिक बुनियादी ढांचे का उपयोग करेगा। मिशन कर्मयोगी में सरकारी अधिकारियों के लिए नए तरह की ट्रेनिंग का प्रस्ताव रखा गया है। अब ये मिशन कैसे काम करेगा। इस मिशन की वजह से देश की ब्यूरोक्रेसी में कितना बदलाव आएगा और कैसे इस मिशन के तहत करीब 45 लाख अधिकारियों को ट्रेंड किया जाएगा। यह सिविल सेवा से जुड़े अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे के पैमाने और स्थिति का उपयोग करेगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एकीकृत सरकारी ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच (आईजीओटी) मानव संसाधन प्रबंधन और निरंतर सीखने में मदद करेगा। नेशनल प्रोग्राम फॉर सिविल सर्विसेज कैपेसिटी बिल्डिंग के तहत मिशन कर्मयोगी को चलाया जाएगा। मिशन कर्मयोगी के तहत सरकारी अधिकारियों को खास ट्रेनिंग दी जाएगी।

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