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भारत ने दी चीन को चेतावनी, कहा- सीमा पर शांति के लिए गंभीरता से काम करे
चीन को सबक सिखाने के लिए भारत हर वो कदम उठा जा रहा है। जिससे उसकी विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाई जा सके। इसी कड़ी में आज भारत के रक्षामंत्री तीन दिवसीय रूस के दौरे पर मास्को पहुंचे हैं।
नई दिल्ली: सीमा विवाद के बाद से भारत और चीन के बीच रिश्ते लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। भारत ने चीन के साथ सीमा विवाद के मसले को सुलझाने के लिए कई बार कोशिशें की।
सैन्य स्तर से लेकर कूटनीतिक स्तर पर कई बार दोनों देशों के बीच बातचीत भी हुई लेकिन हर बार बातचीत बेनतीजा ही रही।
इस बीच चीन द्वारा सीमा पर नापाक हरकतें जारी रही। जिसके बाद से भारत ने भी उसका मुंहतोड़ जवाब देना शुरू कर दिया। नतीजतन ये हुआ है कि आज दोनों देश युद्ध की कगार पर खड़े हैं।
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चीन को सबक सिखाना चाहता है भारत
चीन को सबक सिखाने के लिए भारत हर वो कदम उठा जा रहा है। जिससे उसकी विस्तारवादी नीतियों पर अंकुश लगाई जा सके। इसी कड़ी में आज भारत के रक्षामंत्री तीन दिवसीय रूस के दौरे पर मास्को पहुंचे हैं। वे यहां अपने समकक्ष रूस के रक्षामंत्री के साथ बातचीत करेंगे।
वे SCO की बैठक में भी हिस्सा लेंगे। कहा तो ये भी जा रहा है कि चीन के रक्षामंत्री भी इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए वहां पर पहुंचे हुए हैं लेकिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ उनकी मुलाकात होगी या नहीं इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं आई है।
उधर चीन के साथ जारी तनाव के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि आगे का रास्ता कूटनीतिक और सैन्य वार्ता है। हम शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से सभी मुद्दों को हल करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।
हम मजबूती के साथ चीन से ये कहना चाहते हैं कि वह डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन के जरिए सीमा पर शांति बहाल करने के लिए पूरी गंभीरता के साथ काम करे। जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिए।
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चीन यथास्थिति को भंग करना चाहता है: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद पर कहा कि यह बिल्कुल साफ़ है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं, वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का परिणाम हैं। चीन अपनी गतिविधियों के माध्यम से यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना चाहता है।
सेना प्रमुख ने लिया मौके पर हालात का जायजा
गुरुवार की सुबह भारत के सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख के दो दिवसीय पर यहां पहुंच चुके हैं। सूत्रों के माध्यम से अभी तक जो जानकारी मिल रही है।
उसके मुताबिक सेना प्रमुख का ये दौरा पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के नाकाम कोशिशों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के उद्देश्य से हो रहा है।
उन्होंने बताया कि इलाके में सैनिकों की तैनाती का निरीक्षण कर रहे सेना के शीर्ष कमांडर जनरल नरवणे को उत्पन्न हुई स्थिति के साथ ही क्षेत्र में मुकाबले की भारत की तैयारी से अवगत कराया जा रहा है।
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