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Mann Ki Baat: राष्ट्रबोध कराता है मन की बात

Mann Ki Baat: मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने जनता से सीधा संपर्क करने के लिए आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया था। प्रथम बार अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से जनता को संबोधित किया गया। 30 अप्रैल को 100वां एपिसोड का महत्वपूर्ण पड़ाव है।

Dr. Saurabh Malviya
Published on: 29 April 2023 8:46 PM IST
Mann Ki Baat: राष्ट्रबोध कराता है मन की बात
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Mann Ki Baat Program 100 Episode (Photo: Social Media)

Mann Ki Baat: किसी भी राष्ट्र की उन्नति के लिए आवश्यक है कि उसके प्रधानमंत्री की बात जनता तक पहुंचे तथा जनता की बात प्रधानमंत्री तक पहुंचे। इससे दोनों के मध्य तालमेल बना रहता है। इससे जनता को पता चलता है कि उनका प्रधानमंत्री उनके लिए क्या सोचता है तथा उनके लिए क्या कार्य कर रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री को ज्ञात होता है कि जनता को उससे क्या अपेक्षाएं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विचारों के धनी हैं। उनकी वाक्पटुता अद्भुत है। उनके भाषणों में उनके इस सदगुण को देखा जा सकता है। वह ‘मन की बात’ नामक रेडियों कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न विषयों पर जनता से बात करते हैं। महीने के अंतिम रविवार को इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने जनता से सीधा संपर्क करने के लिए आकाशवाणी पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया था। प्रथम बार अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से जनता को संबोधित किया गया। 30 अप्रैल को 100वां एपिसोड का महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस कार्यक्रम में वह सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देते हैं तथा इसके अतिरिक्त जनकल्याण के लिए कार्य कर रहे लोगों के बारे में भी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाते हैं। इस कार्यक्रम की एक बड़ी विशेषता यह भी है कि प्रधानमंत्री द्वारा ‘मन की बात’ के विषय के लिए जनता से आग्रह किया जाता है।

कि वे विषय भेजें तथा उन विषयों में से प्रधानमंत्री द्वारा कोई एक विषय का चयन किया जाता है। तत्पश्चात उस विषय पर प्रधानमंत्री द्वारा जनता को संबोधित किया जाता है। लोग अपने सुझाव सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री तक पहुंचाते हैं। यह कार्यक्रम दूरदर्शन एवं आकाशवाणी द्वारा सीधा प्रसारित किया जाता है। यह यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है। यह कार्यक्रम लगभग 20 मिनट का होता है। देश के अधिकांश लोगों के पास रेडियो है। आकाशवाणी पर इस कार्यक्रम का प्रसारण होने के कारण अधिक से अधिक लोग इसे सुन पाते हैं। इसके अतिरिक्त दूरदर्शन की पहुंच भी अधिकांश जनसंख्या तक है।

संचार क्रांति के इस युग में संचार माध्यमों का उपयोग करते हुए संचार माध्यमों के द्वारा मोदी जी प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। सर्व सुलभ रेडियो आज अपनी सार्थकता सिद्ध करने में सफल है। इसके द्वारा कहीं भी किसी भी रूप में भारत का आम आदमी दूरवर्ती पर्वत, मैदान, खेत-खलिहान, ट्रक चालक, बस चालक, खेतों में काम करने वाले किसान, मजदूर या दफ्तर में काम करने वाले कर्मचारी, अधिकारी सभी के लिए रेडियो उपयोगी है। रेडियो बिना तार के सर्व सुलभ है। इस माध्यम से मोदी जी भारत के मन की बात करते हैं, भारत के जीवन की बात करते हैं, समाज एवं जीवन की बात करते हैं, भारतीय ज्ञान परंपरा की बात करते हैं, भारतीय संस्कृति की बात करते हैं। भारतबोध का यह मंत्र तथा भारतबोध का दर्शन प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में मोदी मंत्र के रूप में जनता को प्राप्त हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक विषयों पर अपने मन की बात जनता से साझा की है। इन विषयों में भारत की जी-20 अध्यक्षता, अंतरिक्ष में निरंतर प्रगति, वाद्य यंत्रों के निर्यात में वृद्धि, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, ड्रोन उद्योग, कौशल विकास, स्वच्छ भारत अभियान, कृषि एवं किसानों से संबंधित समस्याएं, विज्ञान से संबंधित मिशन, दिव्यांग बच्चों के लिए छात्रवृत्ति, विद्यार्थियों को परीक्षा के समय होने वाले तनाव तथा परीक्षा में सफल होने वाले बच्चों को बधाई, युवाओं से मद्य पदार्थों से दूर रहने का आग्रह, योग के लाभ, कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों के समग्र विकास पर चर्चा, सैनिकों की सराहना, जन धन योजना एवं सरकार की अन्य विकास योजनाओं की सफलता, खिलाड़ियों की प्रशंसा एवं बधाई, प्राकृतिक आपदा आदि सम्मिलित हैं।

देश एवं समाज के हित के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि है। वह उन्हें बधाई देते हुए प्रोत्साहित करते हैं तथा मन की बात में उनका उल्लेख करके युवाओं को प्रेरित करते हैं। उल्लेखनीय है कि नवम्बर 2022 में प्रसारित ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “कोई अगर विद्या का दान कर रहा है, तो वह समाज हित में सबसे बड़ा काम कर रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में जलाया गया एक छोटा सा दीपक भी पूरे समाज को रोशन कर सकता है। मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि आज देशभर में ऐसे कई प्रयास किए जा रहे हैं। यूपी की राजधानी लखनऊ से 70-80 किलोमीटर दूर हरदोई का एक गांव है बांसा।

मुझे इस गांव के जतिन ललित सिंह जी के बारे में जानकारी मिली है, जो शिक्षा की अलख जगाने में जुटे हैं। जतिन जी ने दो साल पहले यहां सामुदायिक पुस्तकालय एवं संसाधन केंद्र शुरू किया था। उनके इस केंद्र में हिंदी और अंग्रेजी साहित्य, कंप्यूटर, लॉ और कई सरकारी परीक्षाओं की तैयारियों से जुड़ी तीन हजार से अधिक किताबें मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “झारखंड के संजय कश्यप जी भी गरीब बच्चों के सपनों को नई उड़ाने दे रहे हैं। अपने विद्यार्थी जीवन में संजय जी को अच्छी पुस्तकों की कमी का सामना करना पड़ा था। ऐसे में उन्होंने ठान लिया कि किताबों की कमी से वे अपने क्षेत्र के बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं होने देंगे। अपने इसी मिशन की वजह से आज वह झारखंड के कई जिलों में बच्चों के लिए ‘लाइब्रेरी मैन’ बन गए हैं।

संजय जी ने जब अपनी नौकरी की शुरुआत की थी, तब उन्होंने पहला पुस्तकालय अपने पैतृक स्थान पर बनवाया था। नौकरी के दौरान उनका जहां भी ट्रांसफर होता था, वहां वे गरीब और आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी खोलने के मिशन में जुट जाते हैं। ऐसा करते हुए उन्होंने झारखंड के कई जिलों में बच्चों के लिए लाइब्रेरी खोल दी हैं। उनका उनका यह मिशन आज एक सामाजिक आंदोलन का रूप ले रहा है। ऐसे अनेक प्रयासों के लिए मैं उनकी विशेष सराहना करता हूं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनुसार- “किसी भी देश समाज की विकास की प्रक्रिया में युवाओं विशेषकर विद्यार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। देश की उन्नति में, देश के नेतृत्व में और नए-नए नवाचार को सुदृढ़ करने के लिए युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बात को भली-भांति समझते हैं, इसलिए वह देश के नवनिर्माण के लिए युवाओं से आगे आने का आह्वान करते हैं। अपने गौरवशाली अतीत, वैभवशाली संपन्न भारत का परिचय प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में समय-समय पर किया जाता है। वह जनता को जीवन के सभी क्षेत्रों से अवगत करवाते रहते हैं। उन्होंने अमृत काल में महान स्वतंत्रता सेनानियों, तीज-त्यौहारों, भारतीय जीवन पद्धति तथा भारतीय संस्कृति से जनता का परिचय करवाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागालैंड का उल्लेख करते हुए कहा कि “नागालैंड में नागा समाज की जीवनशैली, उनकी कला- संस्कृति और संगीत, ये हर किसी को आकर्षित करती है। ये हमारे देश की गौरवशाली विरासत का अहम हिस्सा है।

इन परम्पराओं और स्किल को बचाकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए वहां के लोगों ने एक संस्था बनाई है, जिसका नाम है- ‘लिडि-क्रो-यू’। नागा संस्कृति के जो खूबसूरत आयाम धीरे-धीरे खोने लगे थे, ‘लिडि-क्रो-यू’ संस्था ने उन्हें फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया है। इससे इन युवाओं का अपनी संस्कृति से जुड़ाव तो होता ही है, साथ ही उनके लिए रोजगार के नए-नए अवसर भी पैदा होते हैं। नागा लोक-संस्कृति के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जानें, इसके लिए भी लिडि-क्रो-यू के लोग प्रयास करते हैं’। आपके क्षेत्र में भी ऐसी सांस्कृतिक विधाएं और परम्पराएं होंगी। आप भी अपने-अपने क्षेत्र में इस तरह के प्रयास कर सकते हैं। अगर आपकी जानकारी में कहीं ऐसा कोई अनूठा प्रयास हो रहा है, तो आप उसकी जानकारी मेरे साथ भी जरूर साझा करिए।“

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की जनता से संपर्क स्थापित करने के इस प्रयास की चारों ओर प्रशंसा हो रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से वह देश के नागरिकों से राष्ट्र के विकास के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों से जुड़ने का आह्वान करते हैं। उनका मानना है कि नागरिक इन कार्यक्रमों में भागीदारी करके देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कहते है- इस रविवार को मन की बात का 100वां एपिसोड प्रसारित होने जा रहा है। मन की बात की यह सेंचुरी राष्ट्र निर्माण में हर देशवासी के प्रयासों को समर्पित है। एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भवन को समर्पित है। (डॉ. सौरभ मालवीय लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल में सहायक प्राध्यापक हैं।)

Dr. Saurabh Malviya

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