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Sathya Sai Baba: कौन थे सत्य साईं बाबा, जिनके मंदिर का लोकार्पण कर रहे पीएम मोदी
Sathya Sai Baba: राजधानी तिरूवनंतपुरम के पास थोन्नाक्कल के सैरग्राम में निर्मित यह दुनिया का पहला सत्य साईं बाबा मंदिर है, जिसका लोकार्पण आज यानी शुक्रवार 4 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा।
Sathya Sai Baba: देश के सबसे प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरूओं में से एक श्री सत्य साईं बाबा के देश-विदेश में अनुनायी हैं। आम लोगों के अलावा इनके दरबार में नेता-अभिनेता से लेकर फिल्म स्टार तक हाजिरी लगाते रहे हैं। साईं बाबा के निधन के 12 साल बाद केरल में उनका एक भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है। राजधानी तिरूवनंतपुरम के पास थोन्नाक्कल के सैरग्राम में निर्मित यह दुनिया का पहला सत्य साईं बाबा मंदिर है, जिसका लोकार्पण आज यानी शुक्रवार 4 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा।
कौन थे सत्य साईं बाबा ?
23 नवंबर 1926 को आंध्र प्रदेश के पुट्टापर्थी गांव में जन्मे श्री सत्य साईं बाबा का पूरा जीवन रहस्यों से भरा रहा है। उनके भक्त उन्हें चम्तकारिक पुरूष मानते थे। हालांकि, उनके विरोधी उन्हें ढोंगी कहा करते थे। सत्य साईं में आस्था रखने वाले लोग केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी मौजूद हैं। आज विश्व के 148 देशों में सत्य साईं केंद्र स्थापित है। भारत में भी कई साईं संगठन हैं, जो बाबा के संदेशों के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। सत्य साईं ने खुद को शिरडी के साईं बाबा का अवतार बताया था, इसलिए उनके अनुनायी उन्हें इसी रूप में पूजते हैं।
सत्य साईं से जुड़ी कहानियां
पुट्टापर्थी के सत्य साईं बाबा को लेकर जनमानस में कई कहानियां प्रचलित है। कहा जाता है कि बचपन में उन्हें एकबार बिच्छु ने काट लिया था, जिसके बाद वो कोमा में चले गए थे। जब उन्हें होश आया तो उनका व्यवहार और आचरण बिल्कुल बदल गया था। उनके अजीबोगरीब व्यवहार से परिवार के लोग भी परेशान हो गए थे और उनका मानना था कि उनके लड़के पर काले जादू का साया हो गया है। कहा जाता है कि उन्होंने अचानक धाराप्रवाह संस्कृत भाषा बोलना शुरू कर दिया था, जबकि उन्हें इस भाषा का तनिक भी ज्ञान था। सत्य साईं ने खाना-पानी त्यागकर मंत्र और श्लोक पढ़ना शुरू कर दिया था।
सत्या साईं का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जो धार्मिक लोकगीत आदि गाने बजाने वाले समुदाय से संबंध रखता था। कहा जाता है कि जब सत्य साईं का जन्म हुआ था तो उनके घर में रखे वाद्य यंत्र अचानक बजने लगे थे। उनके भक्तों के बीच एक कहानी उनके बचपन की भी प्रचलित है। बताया जाता है कि सत्य साईं जब स्कूल में पढ़ा करते थे, तब टीचर ने उन्हें किसी कारण से बेंच पर खड़ा कर दिया था। वे घंटों बेंच पर खड़े रहे थे। जब क्लास खत्म हुई और टीचर अपनी कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार हुए तो वे उठ ही नहीं पा रहे थे। उनके भक्तों का कहना है कि ऐसा सत्य साईं के चमत्कार के कारण हुआ।
पुनर्जन्म की कर चुके हैं भविष्यवाणी
खुद को साईं का अवतार बताने वाले श्री सत्य साईं बाबा अपने चमत्कारों को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहते थे। हवा से भभूति बरसाना, हाथ में सोने की चेन या अंगुठी का अचानक आ जाना, शिवरात्रि पर सोने का शिवलिंग अपने मुंह से निकलना, ऐसे कुछ चमत्कार थे, जिससे उनके भक्त काफी प्रभावित रहते थे। हालांकि, कुछ लोग इन सबक चीजों को हाथ की सफाई मानते थे। सत्य साईं बाबा अपने प्रवचनों में अक्सर कहा करते थे कि मैं देह स्वरूप नहीं हूं, मैं आत्मा स्वरूप हूं, मुझे देह मानने की भूल मत करो। उन्होंने अपने पुनर्जन्म की भी भविष्यवाणी कर दी थी। बाबा ने अपने भक्तों से कहा था कि उनका अगला अवतार कर्नाटक में प्रेमा साईं के रूप में 2024 में जन्म लेगा। 24 अप्रैल 2011 को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझते हुए सत्य साईं का अस्पताल में निधन हो गया था। अपने देहावसान के वक्त उनकी उम्र 86 वर्ष थी।
40 हजार करोड़ की थी संपत्ति
साल 2011 में जब सत्य साईं बाबा का निधन हुआ था, तो उनकी संपत्ति लगभग 40 हजार करोड़ रूपये के आसपास से थी। उनके निधन के बाद इस संपत्ति को लेकर खींचतान भी देखने को मिली थी। सत्य साईं दुनियाभर में जरूर एक बड़ी शख्सितयत थे। लेकिन उनपर कई गंभीर किस्म के आरोप भी लगे थे। जिनमें यौन शोषण जैसे आरोप भी शामिल हैं।