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प्रधानमंत्री मोदी देंगे आज देश को आयुर्वेद का उपहार, दो राष्‍ट्रीय संस्‍थान होंगे शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली व धन्‍वंतरि जयंती के मौके पर देश को आयुर्वेद का बड़ा उपहार देने जा रहे हैं। शुक्रवार को वह एक साथ देश को दो राष्‍ट्रीय स्‍तर के आयुर्वेद संस्‍थान देने जा रहे हैं।

Monika
Published on: 13 Nov 2020 3:42 AM GMT
प्रधानमंत्री मोदी देंगे आज देश को आयुर्वेद का उपहार, दो राष्‍ट्रीय संस्‍थान होंगे शुरू
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प्रधानमंत्री मोदी का दिवाली उपहार, आयुर्वेद संस्थाकन होंगे शुरू

नई दिल्‍ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली व धन्‍वंतरि जयंती के मौके पर देश को आयुर्वेद का बड़ा उपहार देने जा रहे हैं। शुक्रवार को वह एक साथ देश को दो राष्‍ट्रीय स्‍तर के आयुर्वेद संस्‍थान देने जा रहे हैं। जयपुर में राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान (एनआईए) और गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्‍थान (आईटीआरए) का उद्घाटन प्रधानमंत्री आयुर्वेदिक दिवस के मौके पर करेंगे। प्रधानमंत्री ने इन संस्‍थानों को 21 वीं सदी में आयुर्वेद क्षेत्र में भारत का नेतृत्‍वकर्ता बताया है।

पांचवां आयुर्वेदिक दिवस

शुक्रवार को देश अपना पांचवां आयुर्वेदिक दिवस मनाने जा रहा है। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से आयुर्वेद शिक्षा को बढावा देने का जो माहौल बना है उसके तहत पांच साल पहले सरकार ने धन्‍वंतरि जयंती को आयुर्वेदिक दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान कर रखा है। इस बार शुक्रवार को धन्‍वतंरि जयंती मनाई जा रही है। 2016 से आयुर्वेदिक दिवस मनाया जा रहा है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय से इस कार्यक्रम के बारे में एक बयान जारी किया गया है जिसमें प्रधानमंत्री ने इन संस्‍थानों को देश व‍ विश्‍व मानवता के कल्‍याण की दिशा में महत्‍वपूर्ण बताया है। बयान में कहा गया कि ‘‘इन संस्थानों से 21वीं सदी में आयुर्वेद की प्रगति और विकास में विश्व में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने की उम्मीद की जाती है।’’

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ज्‍यादा व्यवसाय और समाज के प्रति पुनर्समर्पण का अवसर

आयुर्वेदिक दिवस के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह उत्सव या पर्व से भी कहीं ज्‍यादा व्यवसाय और समाज के प्रति पुनर्समर्पण का अवसर है। कोविड-19 महामारी से निपटने में आयुर्वेद की महत्‍ता सबके सामने उजागर हुई है। आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया को आयुर्वेद से दिशा मिलेगी। पूरी दुनिया को स्‍वस्‍थ रहने का तरीका आयुर्वेद से बताया जा सकता है।

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देश में जन स्वास्थ्य की चुनौतियों से निपटने के लिए सस्‍ते उपाय उपलब्‍ध कराने में भी आयुर्वेद और आयुष स्‍वास्‍थ्‍य पद्धतियों का उपयोग किया जा सकता है। अभी बहुत सारी ऐसी बीमारियां हैं जिनके बारे में आयुर्वेद में काम किया जाना है। दोनों नए संस्‍थान इस दिशा में प्रभावी भूमिका का निर्वाह करेंगे।

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राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान जयपुर

आयुर्वेद शिक्षा के लिए जयपुर स्थि‍त राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान एक शीर्ष संस्‍थान है जो केंद्र सरकार के आयुष मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। देश में दो राष्‍ट्रीय संस्‍थान आयुर्वेद शिक्षा के लिए हैं जिसमें एक जयपुर का राष्‍ट्रीय आयुर्वेद संस्‍थान और दूसरा जामनगर का आयुर्वेद शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्‍थान (आईटीआरए) है। प्रधानमंत्री ने अपने बयान में कहा है कि ‘‘आईटीआरए, जामनगर को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में और एनआईए, जयपुर को विश्वविद्यालय दर्जा हासिल करने वाले संस्थान के रूप में राष्ट्र को समर्पित करना, न केवल आयुर्वेदिक शिक्षा के आधुनिकीकरण बल्कि परम्परागत औषधि के क्रमिक विकास की दिशा में ऐतिहासिक माना जाएगा।

अखिलेश तिवारी

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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