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PM मोदी का पटरी दुकानदारों से सवाल- कैसे बनते हैं मोमोज, बच्चे खरीदते हैं भेलपुरी?
वाराणसी के अरविन्द मौर्या मोमोज का व्यवसाय करते हैं। पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि क्या योजना का लाभ मिल रहा है। मोमोज कैसे बनते हैं। कोरोना संकट के बीच मोमोज की बिक्री कैसे हो रही है।
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पीएम स्वनिधि योजना के तहत उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों से वर्चुअल संवाद किया। पीएम मोदी ने लखनऊ और वाराणसी समेत कई जिलों के रेहड़ी और पटरी दुकानदारों से डिजिटल संवाद किया। उन्होंने वाराणसी में मोमोज बेचने वाले एक दुकानदार से मोमोज बनाना पूछा, तो वहीं लखनऊ के लइया चना बचने वाले एक स्ट्रीट वेंडर से पूछा कि क्या बच्चे लईया चना खाना पसंद करते है।
वाराणसी के मोमोज बेचने वाले से की बात:
वाराणसी के अरविन्द मौर्या मोमोज का व्यवसाय करते हैं। पीएम मोदी ने उनसे पूछा कि क्या योजना का लाभ मिल रहा है। मोमोज कैसे बनते हैं। कोरोना संकट के बीच मोमोज की बिक्री कैसे हो रही है। इस पर अरविन्द ने बताया कि अब माहौल सही है। मोमोज खरीदने आने वालों को वे मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंडिंग का पालन करने पर फ्री में एक मोमो है।
लखनऊ का चना जोर गर्म
वहीं पीएम मोदी ने मने मोदी ने लखनऊ के विजय बहादुर से बात की। वे लइया चना मूंगफली के साथ भेलपुरी का व्यवसाय करते हैं। पीएम ने उनसे पूछा बच्चों को भेल पसंद है। भेल बेच कर कितना मुनाफा हो जाता है। सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है।
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पीएम मोदी का सम्बोधन:
संवाद कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि बिना बैंक कर्मियों के सहयोग के यह काम नहीं हो सकता था। मैं सभी बैंक कर्मियों का भी धन्यवाद करता हूं। सभी गरीबों के आशीर्वाद बैंक कर्मियों को मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब स्ट्रीट वेंडर्स बैंक के भीतर नहीं जाते थे, उन्हें डर लगता था। आज बैंक उनके घर तक जा रहा है।
-मैंने स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए ये अनुभव किया कि सभी को खुशी भी है और आश्चर्य भी है।पहले तो नौकरी वालों को लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर लगाने होते थे, गरीब आदमी तो बैंक के भीतर जाने का भी नहीं सोच सकता था। लेकिन आज बैंक खुद आ रहा है।
-हमारे रेहड़ी-पटरी वालों की मेहनत से देश आगे बढ़ता है। ये लोग आज सरकार का धन्यवाद दे रहे हैं, लेकिन मैं इसका श्रेय सबसे पहले बैंक कर्मियों की मेहनत को देता हूं। बैंक कर्मियों की सेवा के बिना ये कार्य नहीं हो सकता था।
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-आज का दिन आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण दिन है। कठिन से कठिन परिस्थितियों का मुकाबला ये देश कैसे करता है, आज का दिन इसका साक्षी है। कोरोना संकट ने जब दुनिया पर हमला किया, तब भारत के गरीबों को लेकर तमाम आकांक्षा व्यक्त की जा रही थी:
-मेरे गरीब भाई बहनों को कैसे कम से कम तकलीफ उठानी पड़े, सरकार के सभी प्रयासों के केंद्र में यही चिंता थी। इसी सोच के साथ देश ने 1 लाख 70 हजार करोड़ से गरीब कल्याण योजना शुरू की। आज हमारे रेहड़ी-पटरी वाले साथी फिर से अपना काम शुरु कर पा रहे है। आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ रहे है।
-1 जून को पीएम स्वनिधि योजना को शुरु किया गया था। 2 जुलाई को ऑनलाइन पॉर्टल पर इसके लिए आवेदन शुरु हो गए थे। योजनाओं पर इतनी गति देश पहली बार देख रहा है।
यूपी की अर्थव्यवस्था में स्ट्रीट वेंडर्स की बहुत बड़ी भूमिका
-यूपी से जो पलायन होता था उसे कम करने में भी रेहड़ी-पटरी के व्यवसाय की बहुत बड़ी भूमिका है। इसलिए पीएम स्वनिधि योजना का लाभ पहुंचाने में भी यूपी आज पूरे देश में नंबर वन है।
-कोरोना की तकलीफों का आपने जिस तरह से सामना किया है, जिस सावधानी से आप अब बचाव के नियमों का पालन कर रहे हैं, उसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। आपकी इस सजगता से देश जल्द ही इस महामारी को पूरी तरह से हराएगा।
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