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सुस्त पड़ी मोदी सरकार की ये दो महत्वपूर्ण योजनाएं, संसदीय समिति ने उठाए सवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नेक मंशा के साथ दो महत्वपूर्ण योजनाओं वन नेशन, वन राशन कार्ड और मजदूरों के लिए किराये पर मकान देने की योजना को शुरू किया था। उसमें अभी तक अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नेक मंशा के साथ दो महत्वपूर्ण योजनाओं वन नेशन, वन राशन कार्ड और मजदूरों के लिए किराये पर मकान देने की योजना को शुरू किया था।
उसमें अभी तक अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई है। ये बातें संसद की एक स्थायी समिति ने कही है। बताया जा रहा है कि अगले महीने के पहले सप्ताह में समिति इस बारे में अपनी सिफारिशें दे सकती है।
समिति के एक सदस्य के हवाले से प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वन नेशन, वन राशन कार्ड और सस्ता किराया मकान परिसर (एआरएचसी) योजना में उम्मीद के हिसाब से प्रगति नहीं हो पाई है। इसलिए समिति इस बारे में अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। जिसमें उनकी सिफारिशें और टिप्पणियां भी शामिल है।
राशन कार्ड की प्रतीकात्मक फोटो
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वन नेशन, वन कार्ड पर क्या है समिति की राय
समिति के सदस्य ने बताया कि इस योजना के तहत अबतक 24 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए हैं। छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, असम और पश्चिम बंगाल इसके दायरे से अभी बाहर हैं।
देश भर में इस साल जुलाई माह में एक देश, एक राशन कार्ड के तहत सिर्फ 2,000 राशन कार्डधारक ही लाभान्वित हो पाए हैं। जबकि देश में 81 करोड़ राशन कार्डधारक हैं। सदस्य के अनुसार कई तकनीकी मुद्दे हैं जो एक देश, एक राशन कार्ड योजना पर असर डाल रहे हैं और समिति अगले महीने पेश की जाने वाली रिपोर्ट में इस संदर्भ में अपनी सिफारिशें देगी।
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प्रवासी मजदूरों की फाइल फोटो
एआरएचसी पर क्या कहती है समिति
यहां ये भी बता दें कि कोरोना पीरियड में केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के हित में एआरएचसी योजना भी शुरू की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने दो मॉडल प्रस्तुत किये हैं। जिसमें से पहला, केंद्र और राज्यों द्वारा (सार्वजनिक-निजी भागीदारी में) निर्मित खाली पड़े मकानों को किराये पर देना।
जबकि दूसरे मॉडल का उद्देश्य मजदूरों को किराये पर देने के लिये निजी और सार्वजनिक क्षेत्र को खाली पड़े जमीन पर मकान बनाने के लिये इनकरेज करना है। समिति के सदस्य ने बताया कि एआरएचसी योजना के तहत दोनों मॉडल उम्मीद के अनुरूप प्रगति नहीं हुई है। पंजाब केवल अकेलान ऐसा राज्य है जिसने इस बारे में ज्ञापन लाने का काम किया है।
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