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55 साल से बंद पड़ी थी रेल सेवा, अब शुरु होने से होंगे ये बड़े फायदे
साल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हो गई यह रास्ता बंद हो गया। हालांकि, पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश और भारत सरकार ने इस रास्ते को खोलने को लेकर काफी चर्चा की और यहां से ढांचे को दुरुस्त किया और आज वह दिन आ गया जब फिर से यह रेल रूट शुरू हो गया।
नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच आज यानी गुरुवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दौरान PM मोदी ने बांग्लादेश को ये भरोसा दिलाया है कि कोरोना काल में बांग्लादेश उनकी प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके साथ ही दोनों देश के प्रधानमंत्री ने हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी रेल लिंक को हरी झंडी दिखा दी है। वहीं कई MoU भी साइन किए गए हैं।
हल्दीबाड़ी से चिल्हाटी
बता दें कि 5 साल पहले की बात है। भारत से ट्रेन छुक-छुक करते हुए पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) जाती थी। हल्दीबाड़ी से चिल्हाटी स्टेशन पुराने ब्राड गेज रेलवे रूट का हिस्सा थे और यह लिंक सिलीगुड़ी और कोलकाता के बीच जुड़ी हुई थी। यहां से बांग्लादेश तक ट्रेनें जाती थीं।
1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग में बंद हो गई सेवा
साल 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हो गई यह रास्ता बंद हो गया। हालांकि, पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश और भारत सरकार ने इस रास्ते को खोलने को लेकर काफी चर्चा की और यहां से ढांचे को दुरुस्त किया और आज वह दिन आ गया जब फिर से यह रेल रूट शुरू हो गया।
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संयुक्त रूप से चिलहटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक को शुरू
पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने संयुक्त रूप से चिलहटी-हल्दीबाड़ी रेल लिंक को शुरू किया। दोनों देशों के बीच इस सेवा के शुरू होने से रिश्तों की डोर और मजबूत हुई है। दोनों देशों के बीच ढाका से सिलीगुड़ी तक पैसेंजर ट्रेन चलाने की भी योजना है।
7.5 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, ये होगा रूट
7.5 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के जरिए वाया बांग्लादेश पश्चिम बंगाल का असम तक संपर्क आसान हो जाएगा। इस ट्रेन के चलने से दोनों देशों के बीच कारोबारी रिश्ते भी मजबूत होंगे। इसके अलावा टूरिजम को भी बल मिलेगा। बांग्लादेश के पेत्रापोल-बेनापोल सीमा से भारत में प्रवेश करेगी और उत्तर बंगाल के चिलहटी-हल्दीबाड़ी सीमा से निकलेगी।
सिलीगुड़ी से चलने वाली ट्रेन चिलहटी, दोमार, तोरनबाड़ी, निल्फामाड़ी, सईदपुर, दर्शना, परबतीपुर और हल्दीबाड़ी से पार निकलने के बाद ट्रेन बेनापोल-पेत्रापोल होते हुए सियालदह पहुंचेगी।
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जलपाईगुड़ी से कोलकाता 7 घंटे में पहुंच जाएंगे
नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि हल्दीबाड़ी स्टेशन से अंतरराष्ट्रीय सीमा साढ़े 4 किलोमीटर दूर है। वहीं, बांग्लादेश से चिलहटी सीमा साढ़े 7 किलोमीटर दूर है। पहले इस रूट पर चिलहटी से हल्दीबाड़ी के बीच एक मालगाड़ी को रवाना किया गया है। नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के अधिकारी ने बताया कि जब इस मार्ग पर पैसेंजर सर्विस शुरू हो जाएगी तो जलपाईगुड़ी से कोलकाता 7 घंटे में पहुंच जाएंगे और पहले से 5 घंटे समय की बचत होगी।
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