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कोरोना का खतरा कम नहीं, पीएम मोदी ने किया आगाह, कहा-न हो लापरवाह
30 सितंबर को देश में सबसे ज्यादा 14,23,052 लोगों की टेस्टिंग की गई। उसके बाद टेस्टिंग में लगातार कमी आई है और यह आंकड़ा नौ लाख से 12 लाख के बीच में बना हुआ है।
नीलमणि लाल
लखनऊ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लोगों को कोरोना के खतरे के प्रति आगाह किया है और अपील की है कि लोग सावधानी में रत्ती भर ढिलाई न करें। प्रधानमंत्री ने उन्हीं बातों की तरफ ध्यान खींचा है जो आजकल हो रहा है यानी लोग दिन ब दिन लापरवाह होते जा रहे हैं। दो गज की दूरी, मास्किंग, हाथ धोना ये सब या तो लोगों ने एकदम बंद कर दिया है या बेहद ढिलाई कर दी है।
कोविड के नए मामलों की तुलना
भले ही देश में 4 अक्टूबर से लगातार कोविड के नए मामलों की तुलना में ज्यादा मरीज ठीक हो रहे हैं। एक्टिव मामलों की संख्या 17 सितंबर के उच्चतम स्तर 10.17 लाख से घटकर 8.39 लाख पर आ गई है। कोरोना से प्रतिदिन मरने वालों की संख्या भी लगातार 1000 से नीचे बनी हुई है। रिकवरी रेट भी 87 फीसदी हो गया है।
सभी आंकड़े पॉजिटिव हैं। लेकिन ये ढिलाई का वक्त नहीं है। लेकिन अब भारत संक्रमण के मामले में न केवल दूसरे नंबर पर पहुंच गया है, बल्कि वह पहले नंबर पर मौजूद अमेरिका से बहुत पीछे नहीं है। 12 अक्टूबर तक भारत में 71.77 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके थे, जबकि अमेरिका में 80.37 लाख मामले थे।
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सर्दियों के मौसम और त्योहारी सीजन
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) की चेतावनी है कि सर्दियों के मौसम और त्योहारी सीजन को देखते हुए अकेले दिल्ली में हर दिन 15 हजार नए मामले आ सकते हैं। दक्षिण भारत के चार राज्य ओणम और गणेश चतुर्थी से शुरू हुए त्योहारी सीजन के बाद कोरोना के संक्रमण की नई लहर का सामना कर रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार 22 अगस्त से शुरू हुए गणेश चतुर्थी के बाद महाराष्ट्र में 46 फीसदी, तेलंगाना में 50 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 67 फीसदी और केरल में 65 फीसदी नए मामले आए हैं। नवरात्रि, दशहरा, दीपावली, दिवाले, छठ और क्रिसमस त्योहारों के समय बड़े पैमाने पर लोगों के यात्रा करने और बाजारों में निकलने की पूरी संभावना है। इसे देखते हुए कोरोना का संक्रमण फिर तेजी से बढ़ने की आशंका है।
भारत सरकार की एक्सपर्ट कमेटी का कहना है कि त्योहारों पर सावधानी नहीं बरती गयी तो अगले एक महीने में देश में 36 लाख नए केस आ जायेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी कहा है कि त्योहारों के मौसम में कोरोना के संक्रमण का खतरा निश्चित रूप से अधिक है। अगर हम इस वक्त ज्यादा भीड़भाड़ करेंगे तो बड़ी मुसीबत में फंस जाएंगे। लोग मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। तभी खतरे को कम किया जा सकता है।
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संक्रमण में गिरावट पर भी सवाल
एम्स के सेंटर फॉर कम्युनिटी डिजीज के पूर्व प्रमुख डॉ. चंद्रकांत एस. पांडव का कहना है कि संक्रमण का कम होना टेस्टिंग पर निर्भर करता है। टेस्टिंग कम कर दीजिए संक्रमण के मामले कम हो जाएंगे। अब सर्दियों में मामले बढ़ना तय है।
वैसे ये बात आंकड़ों से भी साबित होती है। 30 सितंबर को देश में सबसे ज्यादा 14,23,052 लोगों की टेस्टिंग की गई। उसके बाद टेस्टिंग में लगातार कमी आई है और यह आंकड़ा नौ लाख से 12 लाख के बीच में बना हुआ है। हालांकि कम टेस्टिंग पर सरकार का दावा है कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइलाइन से कहीं ज्यादा टेस्टिंग कर रही है। हालांकि प्रति दस लाख लोगों पर टेस्टिंग के मामले में भारत प्रमुख देशों में बहुत पीछे है। भारत में प्रति दस लाख पर केवल 64,275 लोगों की टेस्टिंग हुई है, जबकि अमेरिका में यह 3.60 लाख, रूस में 3.47 लाख, ब्रिटेन 3.96 लाख, इजरायल में 4.30 लाख और इटली में दो लाख से ज्यादा है।