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इमरजेंसी के बहाने PM मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा- 25 जून के पाप के दाग कभी नहीं मिटेंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के सामान्य वातावरण में, भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में सबके लिए गौरव करने की बात है कि हमारा मतदाता कितना जागरूक है। अपने से ज्यादा वो अपने देश से कैसे प्यार करता है, ये इस चुनाव में देखने को मिला है। इस बात के लिए देश का मतदाता अभिनंदन का पात्र है।

Dharmendra kumar
Published on: 25 Jun 2019 12:02 PM GMT
इमरजेंसी के बहाने PM मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा- 25 जून के पाप के दाग कभी नहीं मिटेंगे
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नई दिल्ली: लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं। लोकसभा में पीएम मोदी का संबोधन शुरू होते ही सदन में मोदी-मोदी के नारे लगे। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति जी का अभिभाषण, देश के नागरिकों ने जिस आशा-आकांक्षाओं के साथ हमें इस सदन में भेजा है, उसकी एक तरह से प्रतिध्वनि है।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे कभी लगता है कि अगर 125 करोड़ देशवासियों के सपनों को अगर मुझे जीना है, तो मुझे छोटा सोचने का हक़ भी नहीं है, और इसलिए जब हौंसला बना लिया ऊंची उड़ान का, तो देखना फिजूल है कद आसमान का।

पीएम मोदी ने कहा कि कल कांग्रेस नेता गिना रहे थे किसने किया, किसने किया आज 25 जून है बताओ देश में आपातकाल किसने लगाया, जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था। देश की मीडिया को दबोच दिया गया। हिन्दुस्तान को जेलखाना बना दिया गया, सिर्फ इसलिए कि किसी की सत्ता न चली जाए. पीएम मोदी ने कहा कि न्यायपालिका का अनादर कैसे होता है वह उसका जीता-जागता उदाहरण है।

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उन्होंने कहा कि आज हम 25 जून को लोकतंत्र के प्रति अपना समर्पण फिर एक बार देना होगा। संविधान को कुचलने का पाप कोई भूल नहीं सकता, यह दाग कभी मिटने वाला नहीं है। इस दाग को बार-बार याद करना चाहिए ताकि फिर से कोई ऐसा पैदा न हो जो इस रास्ते पर जाए। लोकतंत्र के प्रति आस्था का महत्व समझाने के लिए इसे याद करने की जरूरत है किसी को भला-बुरा कहने के लिए नहीं।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं चुनौती देता हूं कि 2004 से 2014 तक शासन में बैठे हुए लोगों ने कभी अटल जी की सरकार की तारीफ की हो। उनकी छोड़ों नरसिम्हा राव जी की सरकार की तारीफ की हो। इस सदन में बैठे हुए इन लोगों ने तो एक बार भी मनमोहन सिंह जी की सरकार का जिक्र तक नहीं किया, अगर किया हो तो बताएं।

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पीएम मोदी ने कहा कि आपकी ऊंचाई आपको मुबारक हो। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि जमीन दिखना बंद हो गया है। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आप जड़ों से उखड़ गए हैं। आप इतने ऊंचे चले गए हैं कि आपको जमीन के लोग तुच्छ लगने लगे हैं। आपका और भी ऊंचा होना मेरे लिए संतोष और आनंद की बात है।

उन्होंने कहा कि यहां कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता, ऐसी गलती हम नहीं करते। हम दूसरे की लकीर छोटी करने में विश्वास नहीं करते, हम अपनी लकीर लंबी करने के लिए जिंदगी खपा देते हैं।

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उन्होंने कहा कि हमने देश आजाद होने के बाद जाने-अनजाने में एक ऐसा कल्चर स्वीकार कर लिया था, जिसमें देश के सामान्य मानवी को हक के लिए जूझना पड़ता है। क्या सामान्य मानवी के हक की चीजें सहज रूप से उसे मिलनी चाहिए या नहीं। हमने मान लिया था कि ये तो ऐसे ही चलता है। आज मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि कठिनाईयों के बावजूद हमने सही दिशा को छोड़ा नहीं।

पीएम ने कहा कि मैं संतोष के साथ कह सकता हूं कि 70 साल से चली आ रही बीमारियों को दूर करने के लिए हमने सही दिशा पकड़ी और काफी कठिनाइयों के बाद भी उसी दिशा में चलते रहे। हम उस मकसद पर चलते रहे और ये देश दूध का दूध पानी का पानी कर सकता है ये सबने देखा। उन्होंने कहा कि चर्चा के प्रारम्भ में पहली बार सदन में आए डॉ प्रताप सारंगी जी और आदिवासी समाज से आयी हमारी बहन हिना गावित जी ने जिस प्रकार से विषय को प्रस्तुत किया और जिस बारीकी से बातों को रखा, तो मैं समझता हूं कि मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा।

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उन्होंने कहा कि चर्चा के प्रारम्भ में पहली बार सदन में आए डॉ प्रताप सारंगी जी और आदिवासी समाज से आयी हमारी बहन हिना गावित जी ने जिस प्रकार से विषय को प्रस्तुत किया और जिस बारीकी से बातों को रखा, तो मैं समझता हूं कि मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा। पीएम मोदी ने कहा कि ये कोई जीत या हार का प्रश्न नहीं है। ये जीवन की उस आस्था का विषय है, जहां कमिटमेंट क्या होता, डेडिकेशन क्या है, जनता के लिए जीना-जूझना-खपना क्या होता है। और जब पांच साल की अविरत तपस्या का संतोष मिलता है तो वो एक अध्यात्म की अनुभूति करता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के सामान्य वातावरण में, भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में सबके लिए गौरव करने की बात है कि हमारा मतदाता कितना जागरूक है। अपने से ज्यादा वो अपने देश से कैसे प्यार करता है, ये इस चुनाव में देखने को मिला है। इस बात के लिए देश का मतदाता अभिनंदन का पात्र है। उन्होंने कहा कि 2019 का जनादेश पूरी तरह कसौटी पर कसने के बाद, हर तराजू पर तौलने के बाद, पल पल को जनता ने जांचा और परखा है और उसके आधार पर समझा है और तब जाकर फिर से हमें चुना है।

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उन्होंने कहा कि मैं इस चर्चा को सार्थक बनाने के लिए इसमें भाग लेने वाले सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। कई दशकों के बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है। एक सरकार को फिर से लाए हैं और पहले से ज्यादा शक्ति देकर लाए हैं।

Dharmendra kumar

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