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घनघोर लापरवाही: इन 11 राज्यों ने नहीं बांटा गरीबों को मुफ्त राशन
पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत जुलाई में मुफ्त अनाज का वितरण नहीं किया है।
नई दिल्ली: गरीबों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने के काम को अभी भी कुछ राज्य गंभीरतापूर्वक नहीं ले रहे हैं। पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत जुलाई में मुफ्त अनाज का वितरण नहीं किया है।
ये हाल तब है जब की बिहार और असम जैसे कई बड़े राज्य बाढ़ की जबरदस्त मार झेल रहे हैं। लोगों को एक वक्त का पेट भरने के लिए तमाम तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत जुलाई में मुफ्त अनाज का वितरण नहीं किया। जिसके फलस्वरूप राशन दुकानों के माध्यम से मुफ्त खाद्यान्न पिछले महीने 81 करोड़ लाभार्थियों में से केवल 62 प्रतिशत तक ही पहुंच पाया।
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अनाज वितरण केंद्र की फ़ाइल फोटो
खाद्य मंत्री ने अनाज वितरण में तेजी लाने का किया आग्रह
उन्होंने राज्यों से अनाज वितरण में तेजी लाने का आग्रह किया है। खाद्य मंत्री ने बताया कि जुलाई माह में कम अनाज वितरण का कारण यह भी है कि कुछ राज्य दो महीने, तीन महीने या छह महीने में एक बार में ही अनाज वितरण का कार्यक्रम चलाते रहे हैं।
खाद्य मंत्री ने बताया कि पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल से ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के अंतर्गत चयनित लाभार्थियों को मुफ्त अनाज का वितरण किया जा रहा है।
इस योजना का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के कारण लोगों को होने वाली मुश्किलों से निजात दिलाना है। इसके तहत प्रति लाभार्थी को 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल) और एक किलो चना दिया जा रहा है।
योजना शुरू में तीन महीने के लिए शुरू की गयी थी लेकिन बाद में इसे नवंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया।, जिसके बाद पहले तीन महीनों में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएमजीकेएवाई के तहत करीब 95 प्रतिशत लाभार्थियों को अनाज का वितरण किया। लेकिन जुलाई में वितरण 62 प्रतिशत ही हो पाया।’
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इन राज्यों ने नहीं बांटा राशन
खाद्य मंत्री ने कहा कि माह के दौरान करीब नौ राज्यों ने 90 प्रतिशत वितरण किया जबकि पांच राज्यों ने 80 प्रतिशत अनाज मुफ्त वितरण किया।
पिछले महीने कुल 81 करोड़ लाभार्थियों में से 49.87 करोड़ को अनाज वितरित किया गया। इन्हें करीब 24.94 लाख टन अनाज वितरित किये गये।
जिन राज्यों ने जुलाई माह का अनाज वितरित नहीं किया, उनमें उत्तराखंड, पुडुचेरी, नगालैंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल,मिजोरम, लक्षद्वीप और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह सहित 11 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश हैं।
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अगस्त माह में 1.45 करोड़ लाभार्थियों को दिया गया अनाज
उन्होंने बताया कि कई राज्य अनाज का वितरण दो महीने, तीन महीने या छह महीने में एक बार ही कर रहे हैं। ज्यादातर वितरण चालू महीने में हो जाना चाहिए। खाद्यान्न का वितरण जारी है। पीएमजीकेवाई के तहत अगस्त में अब तक राज्य 72,711 टन अनाज राशन की दुकानों के माध्यम से 1.45 करोड़ लाभार्थियों को वितरित किए।
पासवान ने कहा कि असम और बिहार में वितरण कार्य प्रभावित हुआ है। इन राज्यों में पीएमजीकेएवाई के तहत जुलाई में क्रमश: केवल 21 प्रतिशत और 52 प्रतिशत लाभार्थियों को अनाज ही बांटे जा सके हैं।
अनाज वितरण केंद्र की फ़ाइल फोटो
दिल्ली की स्थिति पर जताई नाराजगी
पासवान ने बताया कि राशन कार्ड ‘पोर्टेबिलिटी’ सेवा ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ से मार्च, 2021 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को कनेक्ट कर दिया जाएगा। अभी तक 24 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को इससे जोड़ा जा चुका है।
दिल्ली में घरों तक अनाज की डिलिवरी को लेकर नाराजगी प्रकट करते हुए पासवान ने कहा कि यह सुविधा उन लाभार्थियों के लिए बेहतर है, जो राष्ट्रीय राजधानी में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लेकिन जो बाहर से आते हैं और राशन लेना चाहते हैं, उनके लिए क्या होगा। मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री (अरविंद केजरीवाल) से आग्रह करता हूं कि इस मामले पर ध्यान दे।’