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जदयू और लोजपा में टकराव चरम पर, मांझी बन सकते हैं नीतीश के नए साथी
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण बदलते दिख रहे हैं। एनडीए के घटक जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया है।
पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी समीकरण बदलते दिख रहे हैं। एनडीए के घटक जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया है। लोजपा के मुखिया चिराग पासवान खुलकर नीतीश कुमार की आलोचना कर रहे हैं। दूसरी ओर विपक्षी महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के मुखिया जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री की तारीफ करने में जुटे हुए हैं। इन दोनों पार्टियों के रुख में आए बदलाव को राज्य में बनते नए सियासी समीकरण का संकेत माना जा रहा है।
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नीतीश पर हमलावर हैं चिराग
बिहार की सियासत में हाल के दिनों में जदयू और लोजपा का तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। लोजपा के मुखिया चिराग पासवान ने बाढ़ की विभीषिका और कोरोना संक्रमण निपटने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर नाकामी का आरोप लगाया है। हालांकि उनका कहना है कि इसे स्वस्थ आलोचना के रूप में देखा जाना चाहिए। उनका कहना है कि सहयोगी दल होने का मतलब यह नहीं है कि हम हर मुद्दे पर आंख मूंदकर बैठे रहें।
जदयू ने दिया करारा जवाब
हालांकि जदयू की ओर से पहले चिराग पासवान की आलोचनाओं की अनदेखी की गई मगर फिर जदयू की ओर से करारा जवाब दिया गया। जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने चिराग पासवान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें कालिदास तक बता डाला। उन्होंने कहा कि जिस तरह कालिदास जिस डाल पर बैठे थे उसी को काट रहे थे, मौजूदा समय में वही काम चिराग पासवान भी कर रहे हैं।
चिराग और पप्पू यादव की महत्वपूर्ण बैठक
इस बीच चिराग पासवान की जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव के साथ हुई मुलाकात को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब चार घंटे तक बातचीत हुई। हालांकि दोनों के बीच किस बात को लेकर चर्चा हुई, इसकी जानकारी नहीं दी गई है मगर माना जा रहा है कि पासवान और पप्पू यादव के बीच बिहार में तीसरा मोर्चा बनाने के मुद्दे पर बातचीत हुई है।
राज्य में बन सकता है तीसरा मोर्चा
अगर दोनों नेताओं के बीच में राज्य में तीसरा मोर्चा बनाने पर सहमति बनती है तो बिहार में सपा, बसपा समेत दूसरे छोटे दलों को मिलाकर तीसरा मोर्चा आकार ले सकता है। सियासी जानकारों का कहना है कि अगर राज्य में तीसरा मोर्चा बनता है तो निश्चित रूप से चुनाव के दौरान सियासी समीकरणों में काफी बड़ा बदलाव दिखाई पड़ेगा।
चिराग पासवान ने की आपात बैठक
लोजपा मुखिया पासवान ने राजधानी पटना पहुंचने के बाद अपने पार्टी के सांसदों और विधायकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक भी की। जानकार सूत्रों का कहना कि इस बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। चिराग पासवान की ओर से अचानक आपात बैठक बुलाए जाने को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए लोजपा की ओर से कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।
मांझी कर रहे नीतीश की तारीफ
इस बीच जीतन राम मांझी की पार्टी हम इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लगातार तारीफ करने में जुटी हुई है। पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान का कहना है कि चिराग पासवान संकट की घड़ी में भी सियासत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिराग को अपने बयानों पर लगाम लगानी चाहिए। उन्होंने चिराग को बचकानी हरकतें छोड़ देने की नसीहत तक दे डाली।
मांझी के नीतीश कुमार की ओर बढ़ते झुकाव के बीच रिजवान ने यह कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया है कि सियासत संभावनाओं का खेल है और कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता।
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एनडीए हो सकता है नया ठिकाना
विपक्षी महागठबंधन में समन्वय समिति के गठन और सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मांझी और राजद में काफी तनातनी चल रही है। मांझी कई बार राजद को बड़ा फैसला लेने की चेतावनी दे चुके हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि ऐसे में मांझी कोई बड़ा सियासी फैसला ले लें तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। महागठबंधन में नाराज चल रहे मांझी को सुरक्षित विकल्प की तलाश है। ऐसे में वे एनडीए को अपना नया ठिकाना बना सकते हैं।
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