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MP में नहीं थम रहा सियासी ड्रामा,BJP नेता ने कमलनाथ सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे ने मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस पार्टी वाली सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं। दरअसल, चार दिन से गायब चार विधायकों में से एक कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

suman
Published on: 7 March 2020 2:48 PM GMT
MP में नहीं थम रहा सियासी ड्रामा,BJP नेता ने कमलनाथ सरकार पर लगाया बड़ा आरोप
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भोपाल: मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी ड्रामे ने मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मध्यप्रदेश में कमलनाथ की कांग्रेस पार्टी वाली सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं। दरअसल, चार दिन से गायब चार विधायकों में से एक कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा भेजा।

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वापस लौटे विधायक

मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार को समर्थन देने वाले चार गायब विधायकों में शामिल सुरेंद्र सिंह शेरा शनिवार को वापस लौट आए और कहा कि वह अब भी कांग्रेस के पक्ष में हैं। राज्य के बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक शेरा दोपहर की फ्लाइट से दिल्ली से वापस लौटे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें अगवा नहीं किया गया है।

कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह उसके विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है ताकि राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर जाएं। वहीं, अभी भी कांग्रेस के तीन विधायक हरदीप सिंह डंग, बिसाहूलाल सिंह और रघुराज कंसाना के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल पाई है।

सुरेंद्र सिंह शेरा ने इस बात को खारिज कर दिया कि उन्हें किसी के द्वारा अगवा किया गया था। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी ने अगवा नहीं किया था। अब उन विधायकों की मान-मनौव्वल की जा रही है कमलनाथ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को सभी विधायकों से बातचीत की। दो विधायकों बिसाहूलाल सिंह और रघुराज कंसाना से बात नहीं हुई। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायक हरदीप डंग से संपर्क हो गया है।

भाजपा भी तैयारी में

जानकारी के अनुसार भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया भी बंगलूरू में इन चारों के संपर्क में हैं। भाजपा ने अपने सभी विधायकों के फोन सर्विलांस पर लगा दिए हैं। दूसरी तरफ शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर पर शुक्रवार को भाजपा नेता जुटे।

इसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रतिनिधि के तौर पर धर्मेंद्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, प्रहलाद पटेल और नरोत्तम मिश्रा शामिल हुए। माना जा रहा है कि भाजपा बजट सत्र से पहले कांग्रेस विधायकों की नाराजगी का फायदा उठाना चाहती है। संकट से उबरने के लिए कमलनाथ और दिग्विजय ने मंत्रिमंडल में नाराज विधायकों को जगह देने के लिए फॉर्मूला तैयार किया है। जिसके लिए कुछ भरोसेमंद मंत्रियों के इस्तीफे लिए जा सकते हैं।

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नेता बिकाऊ नहीं

सीएम कमलनाथ ने कहा, 'यहां जो नेता हैं, वो बिकाऊ नहीं हैं। ये सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं। हमें अपनी राजनीति की भी ऐसी पहचान बनानी हैं कि हमें गर्व हो, ऐसी पहचान बनाएं कि हम छाती ठोक के कह सकें कि हम मध्यप्रदेश से हैं।'

निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने बंगलूरू से भोपाल वापस आने पर कहा, 'मैं अपनी बेटी के इलाज के लिए बंगलूरू में था। मुझे किसी ने बंधक बनाकर नहीं रखा था। मैं जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करुंगा।'

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भाजपा विधायक संजय पाठक का बड़ा बयान

मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच भाजपा विधायक संजय पाठक का बड़ा बयान सामने आया है। कटनी जिले के विजयराघवगढ़ से भाजपा विधायक संजय पाठक ने शनिवार को कहा कि मुझ पर बहुत दबाव है। मुझे भाजपा छोड़ने और कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए कहा जा रहा है, अगर मैं ऐसा नहीं करता हूं तो मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की जाएगी। मेरी जान को लगातार खतरा है। मैं मर जाऊंगा लेकिन भाजपा कभी नहीं छोड़ूंगा।

वहीं, संजय पाठक का कहना है कि यह सरकार द्वारा बदले की भावना से की गई कार्रवाई है। बता दें कि संजय पाठक का नाम कथित रूप से विधायकों की खरीद-फरोख्त में भी आया था। हालांकि, उन्होंने ऐसे किसी भी मामले में शामिल होने से इनकार किया था।

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