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दुबई में फंसी गर्भवती महिला आना चाहती है भारत, सुप्रीम कोर्ट से लगाई ये गुहार
कोविड 19 ने दुनियाभर में तबाही मचा रखा है। भारत ही नहीं दुनिया के कई मजबूत व समृद्ध देश इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। मौजूदा हालात में कई देशों में लॉकडाउन है। लोग जहां-तहां फंस गए हैं।
नई दिल्ली कोविड 19 ने दुनियाभर में तबाही मचा रखा है। भारत ही नहीं दुनिया के कई मजबूत व समृद्ध देश इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। मौजूदा हालात में कई देशों में लॉकडाउन है। लोग जहां-तहां फंस गए हैं।
ऐसी एक कहानी एक महिला की है जो भारत से दूर लॉकडाउन में दूसरे देश में फंस गई है। ये महिला केरल के कोझिकोड की रहने वाली ए. गीता श्रीधरन है जो दुबई में इंजीनियर हैं। गीता गर्भवती हैं और जुलाई में उनकी डिलीवरी है। गीता चाहती हैं कि उनका बच्चा इंडिया में जन्म लें।
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आना चाहती हैं इंडिया
लेकिन फिलहाल लॉकडाउन की वजह से राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें 3 मई तक बंद हैं और अगर लॉक़डाउन बढ़ती है तो वो इंडिया डिलीवरी के लिए नहीं आ पाएंगी। गीता श्रीधरन ने कहीं और से कोई मदद न मिलती देख सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मदद की गुहार लगाई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि दुबई में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। उसकी डिलीवरी जुलाई में है। वह भारत में अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं। इसलिए लौटना चाहती है, क्योंकि केरल में देखभाल के लिए उसका परिवार है।
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अजन्मी संतान खतरे में...
उनके पति एक कंपनी में कार्यरत है और उसकी कंपनी में लॉकडाउन के दौरान भी काम बंद नहीं हुआ है। इसलिए वह डिलीवरी सेवा के लिए छुट्टी नहीं ले सकते। याचिकाकर्ता का कहना है कि कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ के संक्रमण के डर के कारण यह और भी अधिक जरूरी है कि वह घर लौटे, ताकि उसका ध्यान रखा जा सके। उन्होंने ये भी कहा कि भारत सरकार उनको वापस आने की सुविधा नहीं दे रही है इस वजह से वो और उनकी अजन्मी संतान लगातार खतरे में रह रहे हैं। गीता ने अपनी याचिका में कहा है कि सिर्फ वही नहीं बल्कि दुबई में ऐसे और भी लोग हैं जो इंडिया आना चाहते हैं।
बता दें कि भारत मे देशव्यापी लॉकडाउन के कारण भारतीय हवाईअड्डों से सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें 3 मई तक बंद की गई हैं।