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सेक्स समर्थक खुशबू ने झेला भगवा बिग्रेड का हमला, अब ओढ़ा भाजपा का केसरिया
खुशबू ने सितंबर 2005 में एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में विवाह पूर्व यौन संबंध स्थापित किए जाने को जायज ठहराया था और कहा था कि भारत के महानगरों में रहने वाली लड़कियां अब विवाह पूर्व सेक्स को जीवन में कलंक नहीं मानती हैं।
अखिलेश तिवारी
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी का केसरिया दुपट्टा पहनने वाली दक्षिण भारतीय अभिनेत्री खुशबू सुंदर को कभी भाजपा समेत राजनीतिक दलों व हिंदूवादी संगठनों के घोर विरोध का सामना करना पड़ा था जब उन्होंने विवाह से पहले लड़कियों के सेक्स संबंध को जायज ठहराया था।
विवाह पूर्व सेक्स को जीवन में कलंक नहीं मानती, खुशबू सुंदर
खुशबू ने सितंबर 2005 में एक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में विवाह पूर्व यौन संबंध स्थापित किए जाने को जायज ठहराया था और कहा था कि भारत के महानगरों में रहने वाली लड़कियां अब विवाह पूर्व सेक्स को जीवन में कलंक नहीं मानती हैं। अब लड़कियां अपनी यौन इच्छा को लेकर स्वतंत्र जीवन जी रही हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर विवाह से पहले लड़कियां सुरक्षित यौन संबंध बनाती हैं तो यह गलत नहीं है। किसी भी पुरुष को यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उसकी जीवन साथी विवाह तक कुंवारी बनी रहे।
हिंदूवादी संगठनों ने खुशबू की कड़ी निंदा की थी
तब उनकी विभिन्न राजनीतिक दलों और हिंदूवादी संगठनों ने कड़ी निंदा की थी। सरकार को उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करानी पड़ी थी क्योंकि तब उनकी जान को भी खतरा पैदा हो गया था। तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने भी खुशबू के बयान को तमिल संस्कृति विरोधी बताया था। इसके बाद उनके खिलाफ अलग-अलग अदालतों में 22 मुकदमे दर्ज हुए। खुशबू ने इसके विरोध में मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दाखिलकर सभी मुकदमों को निरस्त करने की अपील की थी। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अदालत ने विवाह पूर्व यौन संबंधों को गलत करार देने से मना कर दिया। अदालत ने कहा कि बगैर विवाह किए भी कोई बच्चे पैदा कर सकता है।
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कौन हैं खुशबू
खुशबू दक्षिण भारतीय फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री हैं। 1970 में उनका जन्म मुंबई में हुआ है। 1980 में उन्होंने बॉलीवुड की फिल्म द बर्निंग ट्रेन में बाल कलाकार की भूमिका निभाई है। बाद में उन्होंने अमिताभ बच्चन की फिल्म लावारिस और सुनील दत्त की दर्द का रिश्ता में अहम भूमिका निभाई। इससे उन्हें पहचान भी मिली। उनका असली नाम नकहत खान है। वह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलगू, मराठी भाषाओं की जानकार हैं। उनकी पहली शादी दक्षिण भारत के अभिनेता प्रभु से हुई। यह शादी हालांकि बहुत दिनों तक समाज की जानकारी में नहीं आई। वह लिव-इन-रिलेशनशिप में प्रभु के साथ रहीं । बाद में एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में खुशबू ने विवाह की बात स्वीकार की लेकिन तब तक उनका यह रिश्ता टूट चुका था। इसके बाद उनकी जिंदगी में दक्षिण भारत की फिल्मों के डायरेक्टर सुंदर सी से शादी कर ली और हिंदू धर्म अपना लिया।
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डीएमके से शुरू की राजनीति की पारी
सुप्रीम कोर्ट ने जब 2010 में खुशबू को उनके विवादित बयान के लिए दोषमुक्त कर दिया तो उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की पार्टी द्रविण मुनेत्र कषगम द्रमुक के साथ की। कु छ साल बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रवक्ता बनाया लेकिन अब वह कांग्रेस छोडक़र भाजपा के साथ हो गई हैं। कभी भाजपा नेताओं ने भी उनके चरित्र और सोच को लेकर सवाल उठाए थे और उन्हें भारतीय संस्कृति को जानबूझकर अपमानित करने वाला बताया था लेकिन अब वह भाजपा के साथ हो गई हैं।
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खुशबू के स्टारडम का कमाल, तमिलनाडु में बना है मंदिर
जाहिर है कि उनके विवादित बयानों को भाजपा ने भुला दिया है और उनकी लोकप्रियता के रथ पर सवार होकर दक्षिण भारत में अपनी जड़ें जमाना चाहती है। खुशबू के स्टारडम का आलम यह है कि कभी उनके प्रशंसकों ने तमिलनाडु में उनका मंदिर बनाया था जहां उनकी प्रतिमा की देवी रूप में पूजा की जाती थी। उनके विवादित बयान के बाद मंदिर में तोड़-फोड़ भी हुई थी लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिमाओं के पुनर्निर्माण का समय आ गया है।
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