प्रेरणा मिशन एप: बेसिक शिक्षा में नई क्रांति की शुरुआत, 2022 तक बदलेगा नजारा

'मिशन प्रेरणा' को उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम कहा जा सकता है, इस कार्यक्रम के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत 1.6 लाख विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढानें के लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है

Roshni Khan
Published on: 28 Feb 2021 10:44 AM GMT
प्रेरणा मिशन एप: बेसिक शिक्षा में नई क्रांति की शुरुआत, 2022 तक बदलेगा नजारा
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प्रेरणा मिशन व प्रेरणा एप: बेसिक शिक्षा में नई क्रांति की शुरुआत, 2022 तक बदलेगा नजारा (PC: social media)

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलनें से रोकने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर सभी स्कूल कालेज बंद कर दिये गए थे। ऐसे में बच्चों की शिक्षा प्रभावित न होने देने के लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गई थी। बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन सभी स्कूलों में शिक्षक-अभिभावक वाट्सएप ग्रुप के जरिए शैक्षिक सामग्री भेजने का कार्य शुरू किया गया था। लेकिन इसके लिए बच्चों में प्रेरणा की बहुत जरूरत थी। इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार ने मिशन प्रेरणा चलाया।

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'मिशन प्रेरणा' को उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम कहा जा सकता है

'मिशन प्रेरणा' को उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम कहा जा सकता है, इस कार्यक्रम के माध्यम से बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत 1.6 लाख विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढानें के लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है। इससे बच्चों में समझ के साथ पढ़ने और बुनियादी गणित की गणना व प्रश्नों को हल करने आदि की क्षमता उत्पन्न होती है, जो उनके भविष्य में अन्य कलाओं एवं विषयों के सीखने का आधार बनती है।

सभी छात्रों के अध्ययन के परिणामों में सुधार लाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने मार्च 2022 तक कक्षा 1 से 5 में मूलभूत शिक्षा प्राप्त करने के लक्ष्य को ही सबसे महत्वपूर्ण माना गया है।

एकीकृत ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था भी है

मिशन प्रेरणा के अंतर्गत प्रदेश के 75 जिलों के 1.1 लाख से अधिक विद्यालय, 3.5 लाख से अधिक शिक्षक और 1.2 करोड़ विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त कराने के लक्ष्य पर फोकस किया गया है। प्रेरणा मिशन का फोकस जहां बुनियादी शिक्षा है। वहीं यह एकीकृत ऑनलाइन निगरानी व्यवस्था भी है, जिसमें विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर के नियमित आकलन के लिए प्रेरणा तालिका बनायी जा रही हैं।

संचालन में जिलाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है

इससे बच्चों में शैक्षिक गुणवत्ता के साथ प्रशासनिक जवाबदेही शामिल हो रही है। मिशन के संचालन में जिलाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मिशन प्रेरणा के माध्यम से उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों को अपनी शैक्षिक गुणवत्ता को बेहतर बनानें व उसमें सुधार करनें के लिए मार्च 2022 तक का समय निर्धारित किया गया है।

yogi-adityanath yogi-adityanath (PC: social media)

योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर 2019 में किया था

इसके लिए प्रत्येक जिले में प्रेरक ब्लाक बनाने के लिए खंड शिक्षाधिकारियों को अपने ब्लाक का चयन कर समस्त शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों व सभी एआरपी को प्रेरित करने के लिए निर्देशित किया गया है। इस योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर 2019 में किया था। जिसने 2020 में कोरोना काल में अहम भूमिका निभायी। 2020 में घोषित नई शिक्षा नीति में भी इसे प्राथमिकता दी गई।

अनुकूल बनाने के लिए प्रिंट समृद्ध बनाया जा रहा है

सभी परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को बुनियादी भाषा एवं गणित में सफल बनाने के लिए एवं मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु मिशन प्रेरणा एवं प्रेरणा तकनीकी फ्रेमवर्क भी दिया गया है। इस फ्रेमवर्क के अंतर्गत विद्यालयों तथा कक्षा-कक्षों के रूपांतरण हेतु अनेक शैक्षणिक कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। कक्षाओं के शैक्षणिक परिवेश को छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए अनुकूल बनाने के लिए प्रिंट समृद्ध बनाया जा रहा है।

शिक्षा केवल औपचारिकता न रहकर छात्र-छात्राओं के विकास का साधन बने

सरकार का उद्देश्य है कि शिक्षा केवल औपचारिकता न रहकर छात्र-छात्राओं के विकास का साधन बने, इसके लिए एक नया लर्निंग आउटकम फ्रेमवर्क तैयार किया गया है, जिसमें शिक्षकों को अधिगम स्तरों की सूची भेजी गई है। उक्त के आधार पर कक्षाओं का संचालन किया जाना है। शिक्षकों की शिक्षण विधा एवं कौशल विकास के लिए हस्तपुस्तिकाएँ एवं क्रियान्वयन संदर्शिकाएँ भी प्रेषित की गयी हैं। साथ ही डिजिटलवीडियो एवं प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षकों द्वारा शिक्षण तकनीकियों को आत्मसात किया जा रहा है।

याकलाप एवं गतिविधियाँ संपादित की जा रही हैं

मिशन प्रेरणा प्रदेश के समस्त 1.35 लाख परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए उत्तर प्रदेश सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत विद्यालयों तथा कक्षा-कक्षों के रूपान्तरण हेतु निम्नलिखित कि याकलाप एवं गतिविधियाँ संपादित की जा रही हैं:-

सभी परिषदीय विद्यालयों में पुस्तकालय हेतु 500 से 1000 एनसीईआरटी की पुस्तकों से युक्त क्रियाशील पुस्तकालय एवं रीडिंग कार्नर स्थापित किया जा रहा है।

सभी परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं द्वारा एक्टिविटी बेस्ड लर्निंग के लिए गणित किट दी जा रही हैं।

प्रिंटरिच वातावरण के लिए कक्षा-कक्षों की दीवारों पर चस्पा करने हेतु पोस्टर तथा अध्यापक-छात्र संवाद चार्ट जनपदों को भेजे गये हैं।

बुनियादी शिक्षा कौशल विकास हेतु प्रत्येक छात्र को ग्रेडेड रीडिंग बुक्स देने की कार्यवाही चल रही है।

समस्त अभिभावकों को छात्र-छात्राओं की प्रगति का रिपोर्ट कार्ड साझा किया गया है एवं विद्यालय का रिपोर्ट कार्ड विद्यालय में प्रदर्शित किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

बुनियादी शिक्षा एवं उपचारात्मक शिक्षा हेतु शिक्षक हस्तपुस्तिकायें-आधारशिला, ध्यानाकर्षण, शिक्षण संग्रह एवं आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिकाएं तथा प्रत्येक शिक्षक को शिक्षक डायरी उपलब्ध करायी गयी हैं।

बुनियादी शिक्षा पर सभी शिक्षकों को 100 घण्टे से अधिक का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

अभिभावकों को दीक्षा एवं रीड एलांग ऐप डाउनलोड कर बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

इन हस्तपुस्तिकाओं में दी गयी शिक्षण तकनीकियों एवं बुनियादी शिक्षा पर आधारित लगभग 100 वीडियो विकसित किये गये हैं, जिसे शिक्षण कार्य हेतु शिक्षकों द्वारा प्रयोग किया जा रहा है।

प्रेरणा मिशन की नवीनतम कड़ी है प्रेरणा लक्ष्य एप। जिसका उद्घाटन पिछले सप्ताह बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्रप्रभार) द्वारा शुभारम्भ किया गया। प्रेरणा लक्ष्य एप एक परिवर्तनात्मक असेसमेंट टूल है, जिसके माध्यम से शिक्षकों एवं अभिभावकों द्वारा यह ज्ञात किया जा सकेगा कि बच्चों के सीखने का स्तर क्या है तथा उन्हें कक्षावार बच्चों की कौन सी दक्षताओं की सम्प्राप्ति के लिए अधिक ध्यान दिया जाना है। प्रेरणा लक्ष्य पूर्णतः निःशुल्क है। एप का प्रयोग आफलाइन भी किया जा सकता है।

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इस तरह से बेसिक शिक्षा या मूलभूत शिक्षा में अभिनव प्रयोगों के जरिये योगी आदित्यनाथ सरकार शिक्षा की हाईटेक क्रांति के एक नये युग में प्रवेश कर रही है। जिसके निश्चय ही दूरगामी परिणाम होंगे।

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