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जिस दवा के लिए तड़प रहे हैं राष्ट्रपति ट्रंप, कभी उस कंपनी के मालिक थे अमिताभ
चीन से शुरू हुई कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। कोरोना वायरस भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया है ताकि इस जानलेवा के संक्रमण की कड़ी को तोड़ा जा सके।
नई दिल्ली: चीन से शुरू हुई कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। कोरोना वायरस भारत में भी तेजी से पैर पसार रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया है ताकि इस जानलेवा के संक्रमण की कड़ी को तोड़ा जा सके। चीन के वुहान से शुरू हुई इस महामारी ने अमेरिका जैसे सुपर पावर देश की भी कमर तोड़ दी है। अमेरिकी मदद के लिए भारत की राह देख रहा है जिस दवाई से अमेरिका इस वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन तैयार करना चाहता है, वह दवाई उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बनती है।
इस दवा को फॉर्मा कंपनी इप्का लैब (Ipca Laboratories) बनाती है। इस दवा का नाम है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और कोलोगिन फॉस्फेक्ट लेरियागो टैबलेट। इस दवाई का उत्पादन भारी मात्रा में उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सेलाकुई स्थित सिडकुल में और सिक्किम प्लांट में हो रहा है। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी कि कभी इस कपंनी के मालिक अमिताभ बच्चन थे।
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अभिताभ ने 1975 में इस फॉर्मा कंपनी का टेकओवर किया था, लेकिन बाद में सदी के महानायक कंपनी से बाहर निकल गए। अभिताभ बच्चन ने भाई अजिताभ बच्चन और पत्नी जया बच्चन के साथ मिलकर इप्का लैब (Ipca Laboratories) को टेकओवर किया। अभिताभ, अजिताभ और जया के इस कंपनी में 36 प्रतिशत शेयर थे। बाकी 18 फीसदी हिस्सेदारी एमआर चंदूरकर और प्रेमचंद गोढा के पास थी।
इसके बाद बाॅलीवुड शहंशाह अमिताभ, भाई अजिताभ और पत्नी जया बच्चन इप्का के बोर्ड में शामिल हो गए। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में एमआर चंदूरकर और प्रेमचंद गोढा भी शामिल थे।
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वर्ष 1975 में जब अमिताभ बच्चन ने इस कंपनी का टेकओवर किया था, उस समय इपका लैब (Ipca Laboratories) का कुल टर्नओवर सिर्फ 54 लाख रुपए था। साल 1997 में अभिताभ, अजिताभ और जया ने अपनी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया। बताया जाता है कि अभिताभ, अजिताभ और जया को हिस्सेदारी बेचने के बदले 80 करोड़ रुपए मिले थे।
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Ipca Laboratories की शुरुआत
इप्का लैब की 1949 में दो मेडिकल प्रोफेशनल्स केबी मेहला और डॉ. एनएस टिबरेवाला ने मिलकर शुरुआत की थी। यह कंपनी एक ग्लोबल फॉर्मास्युटिकल कंपनी बन चुकी है। इस कंपनी में हजारों कर्मचारी काम करते हैं। 2018-2019 में कंपनी की कुल कमाई थी 3687 करोड़ रुपए।
वर्तमान में कंपनी के बोर्ड आॅफ डायरेक्टर में प्रेमचंद गोढा, अजीज कुमार जैन, प्रणय गोढ़ा, प्रशांत गोढ़ा, आनंद टी कुसरे, देव प्रकाश यादवा, मनीषा प्रेमनाथ और कमल किशोर सेठ शामिल हैं।