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मोदी को घेरने की कोशिश में कृषि कानून की खामियां गिनाने से चूके राहुल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बुधवार को बोलते हुए यह कहा था कि कृषि कानून को लेकर विपक्ष की ओर से खूब हंगामा किया जा रहा है लेकिन इसके कंटेंट और इंटेंट यानी कानून की विषय वस्तु और उसके उद्देश्य की चर्चा नहीं हो रही है।

Shraddha Khare
Published on: 12 Feb 2021 10:30 AM IST
मोदी को घेरने की कोशिश में कृषि कानून की खामियां गिनाने से चूके राहुल
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मोदी को घेरने की कोशिश में कृषि कानून की खामियां गिनाने से चूके राहुल photos (social media)

नई दिल्ली : लोकसभा में बजट प्रस्ताव और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कृषि कानून की खामियां गिनाने का अच्छा मौका मिला था लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर हमलावर दिखने की कोशिश में इसे गंवा दिया। उन्होंने अपने भाषण में कानून के कंटेंट और इंटेंट की बात तो कहीं लेकिन उनका पूरा जोर "हम दो हमारे दो'' को समझाने पर ही रहा। देश में मोदी का समर्थन करने वालों को वह यह बताने में नाकाम दिखे कि कृषि कानून में ऐसी खामियां कौन सी हैं जिनसे केंद्र सरकार अपने खास पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने जा रही है।

कंटेंट और इंटेंट को लेकर लोकसभा में हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बुधवार को बोलते हुए यह कहा था कि कृषि कानून को लेकर विपक्ष की ओर से खूब हंगामा किया जा रहा है लेकिन इसके कंटेंट और इंटेंट यानी कानून की विषय वस्तु और उसके उद्देश्य की चर्चा नहीं हो रही है। बृहस्पतिवार को सदन में राहुल गांधी को जब बोलने का मौका मिला तो उन्होंने कहा कि वह आज प्रधानमंत्री के कंटेंट और इंटेंट को ही देश को बताएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानून की खूबियों को बताया

ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि राहुल गांधी इस बार कृषि कानून को लेकर गंभीर विमर्श की शुरुआत करेंगे लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं रहे। उनका भाषण उसी तरह से राजनीति की चाशनी में लिपटा रहा है जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कृषि कानून की खूबियों को लेकर लच्छेदार बातें तो बहुत की लेकिन कानून का एक भी ऐसा प्रावधान नहीं बताया जिससे गरीब किसान को सही मायने में फायदा होता दिखाई दे। जिस तरह से प्रधानमंत्री ने कृषि कानून को लेकर अच्छी-अच्छी बातें की और सुनहरे सपने दिखाए लेकिन हकीकत में कानून की एक भी तथ्यपरक बात बताने में नाकाम रहे उसी तरह राहुल गांधी भी कृषि कानून की चर्चा करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आक्रामक दिखने की अपनी कोशिश में ट्रैक से भटकते दिखाई दिए।

प्रधानमंत्री ने बताया कैसे पूंजीपतियों को होगा फायदा

उन्होंने कहा कि कृषि कानून का कंटेंट यह है कि इससे प्रधानमंत्री के एक मित्र पूंजीपति को कृषि उत्पादों के बाजार खोलने का मौका मिलेगा और इससे छोटे छोटे दुकानदार कारोबारी बेरोजगार हो जाएंगे। दूसरे कानून से प्रधानमंत्री के दूसरे पूंजीपति मित्र को कृषि उत्पादों के असीमित भंडारण का मौका मिलेगा और इससे देश में जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा इस तरह कानून का उद्देश्य अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाना है।

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राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर लगाया यह आरोप

कंटेंट और इंटेंट की इस बहस में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हम दो हमारे दो के नारे को साकार करने का आरोप लगाया लेकिन वह अपने पूरे भाषण में मोदी समर्थक देशवासियों को यह बताने में नाकाम रहे कि कृषि कानून की कौन सी धारा या प्रावधान किसानों के विरोध में है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि लोकसभा के मंच को प्रधानमंत्री और राहुल गांधी दोनों ने अपने राजनीतिक भाषण के मंच के तौर पर इस्तेमाल किया जिससे फिलहाल किसान आंदोलन और किसानों को कोई दिशा मिलती दिखाई नहीं दे रही है।

रिपोर्ट : अखिलेश तिवारी

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