TRENDING TAGS :
पेट्रोल लेकर BSNL टावर पर चढ़े बुजुर्ग, आत्मदाह की दी धमकी, जमकर किया हंगामा
पठानकोट दो बुजुर्ग मंगलवार को बीएसएनएल के 80 फुट ऊँचे टावर पर चढ़ गए। दोनों बुजुर्ग अपने साथ पेट्रोल की बोतलें लेकर टावर पर चढ़े हैं।
चंडीगढ़: पंजाब में दो बुज़ुर्गों ने जमकर उपद्रव मचाया है। पठानकोट दो बुजुर्ग मंगलवार को बीएसएनएल के 80 फुट ऊँचे टावर पर चढ़ गए। दोनों बुजुर्ग अपने साथ पेट्रोल की बोतलें लेकर टावर पर चढ़े थे। इस घटना से सबके होश उड़ गए। बता दें कि रोजगार की मांग को लेकर बीते 70 दिनों से लगातार जारी धरना प्रदर्शन में ये दोनों बुजुर्ग शामिल थे।
पठानकोट में बांध विस्थापित रोजगार की मांग को लेकर कर रहे प्रदर्शन
दरअसल, पंजाब के पठानकोट में किसान आंदोलन की तर्ज पर पिछले 70 दिन से बांध विस्थापित रणजीत सागर बांध के चीफ इंजीनियर दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे थे। हालंकि प्रशासन इन प्रदर्शनकारियों की मांग पर कोई सुनवाई नहीं कर रहा है, जिसके चलते आज दो बुजुर्ग शाहपुरकंडी में स्थित बीएसएनएल के टावर पर चढ़ गए।
ये भी पढ़ेँ- नांदेड़ हिंसा में सख्त एक्शन: 400 के खिलाफ केस दर्ज, पुलिस पर हमले का आरोप
बीएसएनएल के 80 फुट ऊँचे टावर पर चढ़े दो बुजुर्ग
टावर पर चढ़े बुजुर्गों में 87 वर्षीय सरम सिंह और 76 वर्षीय कुलविंदर सिंह हैं। उनके बाकी साथी टावर के पास प्रशासन के खिलाफ लगातार नारेबाजी करने लगे। बुजुर्गों ने चेतावनी दी कि जब तक प्रशासन उनके पारिवारिक सदस्यों को रोजगार देने की मांग पूरी नहीं करता, तब तक वह नीचे नहीं उतरेंगे। बुजुर्गों ने कहा कि वह आत्मदाह करने के लिए भी तैयार हैं। सूचना मिलते ही पुलिस - प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाने की कोशिश की लेकिन बुजुर्ग नीचे नहीं उतरें।
27 सालों से रोजगार की मांग को लेकर संघर्ष
गौरतलब है कि बैराज बांध विस्थापित पिछले 27 सालों से रोजगार की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। ये विस्थापित कभी मलिकपुर डीसी दफ्तर की पानी की टंकी तो कभी इस टावर पर चढ़ जाते हैं। एक बार एक विस्थापित ने खुद को आग भी लगा ली थी, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।
ये भी पढ़ेँ- दिल्ली में कोरोना विस्फोट: अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़, फुल हुए ICU-Ventilator
कई बार टंकी/ टावर पर चढ़ चुके बुजुर्ग
बता दें कि दोनों बुजुर्गों मे से एक 87 साल के सरम सिंह इसके पहले भी दो बार मिनी सचिवालय स्थित पानी की टंकी पर चढ़ चुके हैं। वहीं कुलविंदर भी 2 बार ओवरहेड टंकी पर चढ़ चुके हैं। बार बार टंकी या टावर पर चढ़ने के मामले के कारण प्रशासन ने टावर पर 20 फुट ऊंचाई तक कंटीले तार लगवा दिए थे लेकिन प्रदर्शनकारी टावर पर फिर भी चढ़ गए।