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राफेल आज पहुंचेगा भारत, तैयारियां ऐसी, आसपास परिंदा भी नहीं आएगा नजर
भारतीय वायुसेना के लिए आज गर्व करने का दिन है। हो भी क्यों न, जिस लडाकू विमान राफेल का सभी को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार था वो आज भारत पहुंच रहा है। राफेल की पहली खेप की लैंडिंग अम्बाला के एयरबेस पर होगी।
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के लिए आज गर्व करने का दिन है। हो भी क्यों न, जिस लडाकू विमान राफेल का सभी को बड़ी ही बेसब्री से इंतजार था वो आज भारत पहुंच रहा है।
राफेल की पहली खेप की लैंडिंग अम्बाला के एयरबेस पर होगी। जिसके बाद वायुसेना की ताकत आज कई गुना बढ़ने वाली है। अंबाला एयरबेस से सटे चार गांव में धारा 144 लगा दी गई है। हालांकि, सिर्फ अंबाला ही नहीं बल्कि राजस्थान के जोधपुर में भी तैयारियां की जा रही हैं। जिसे बैकअप के तौर पर तैयार किया जा गया है।
उत्तर भारत में आज तेज बारिश का अलर्ट है, ऐसे में अगर मौसम की कुछ परेशानी होती है तो राफेल को जोधपुर में उतारा जा सकता है।अम्बाला एयरबेस के पास आधिकारिक फोटोग्राफी से अलग फोटो खींचने पर रोक लगा दी गई है, साथ ही एक जगह लोगों के जुटने पर रोक है।
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अंबाला में आज मौसम बिगड़ सकता है, मौसम विभाग की ओर से बारिश होने की चेतावनी दी गई है। ऐसे में जोधपुर में बैकअप प्लान तैयार है, जहां राफेल को उतारा जा सकता है।
आज दोपहर को राफेल विमान भारत पहुंचेंगे, जिसके बाद वायुसेना प्रमुख की उपस्थिति में उन्हें रिसीव किया जाएगा। हालांकि, ये वायुसेना में फाइनल इंडक्शन नहीं होगा, क्योंकि वो प्रक्रिया अगस्त के आखिर में की जाएगी। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बतौर मेहमान उपस्थित रह सकते हैं।
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हवा में ही हुई फ्यूलिंग
मंगलवार को राफेल विमानों ने फ्रांस से उड़ान भरी थी, जिसके बाद एक बार हवा में ही उनकी फ्यूलिंग हुई। जिसके बाद पांचों लड़ाकू विमान यूएई के अल दाफरा बेस पर रुके। बुधवार सुबह सभी विमान यहां से उड़ान भरेंगे, जिसके बाद दोपहर दो बजे तक वो भारत के अंबाला पहुंच सकते हैं।
बता दे कि भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे के तहत राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप आज भारत के अंबाला में पहुंचेगी। पहली खेप में कुल पांच लड़ाकू विमान होंगे, जिन्हें रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद रहेंगे।
राफेल विमान को वायुसेना की गोल्डन ऐरो 17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। इसने कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी और भारत की सबसे पुरानी स्क्वाड्रन में से एक है।
चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत को आज ताकतवर लड़ाकू विमान मिल रहे हैं, जिनकी तैनाती उत्तर भारत के बेस पर ही की जा रही है ताकि मुश्किल वक्त के दौरान दुश्मन को मज़ा चखाया जा सके।
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