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शौर्य चक्र से सम्मानित राफेल के पहले कमांडिंग अफसर, अब लद्दाख में होगी तैनाती

राफेल स्क्वाड्रन के पहले कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टरन हरकीरत सिंह है। ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह भारतीय वायुसेना के उन पायलटों में से एक हैं, जो फ्रांस से राफेल उड़ाकर भारत ला रहे हैं।

Shivani
Published on: 28 July 2020 5:39 PM GMT
शौर्य चक्र से सम्मानित राफेल के पहले कमांडिंग अफसर, अब लद्दाख में होगी तैनाती
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लखनऊ: फ्रांस से पांच राफेल विमान बुधवार को भारत के पंजाब अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे। वहीं राफेल स्क्वाड्रन के पहले कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टरन हरकीरत सिंह है। ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह भारतीय वायुसेना के उन पायलटों में से एक हैं, जो फ्रांस से राफेल उड़ाकर भारत ला रहे हैं। आपको बता दें, हरकीरत सिंह मिग और सुखोई भी उड़ा चुके हैं।

राफेल को भारत ला रहे ये शूरवीर

भारत के ही फाइटर पायलट लड़ाकू विमान राफेल को उड़ाकर देश लेकर आएंगे। 36 विमानों में से 5 राफेल भारत आ रहे हैं। राफेल को लाने वाले इंडियन एयरफोर्स के जाबांज पायलटों की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं , ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह। ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को राफेल को भारत लाने की जिम्मेदारी मिली हैं।

ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह शौर्य चक्र से सम्मानित

ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह नयी 17 वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर हैं। बता दें क़ि ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह पहले मिग -21 के पायलट थे, उन्हें एयरक्राफ्ट और खुद की जान बचाने के लिए साल 2009 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।

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पहले मिग -21 के पायलट कैप्टन हरकीरत सिंह

बता दें कि साल 23 सितंबर 2008 की रात मिग 21 का दो विमानों वाली अभ्यास अवरोधन उड़ान बाइसन में भरनी थी। उस समय कैप्टन हरकीरत सिंह स्क्वाड्रन लीडर थे। करीब चार किलोमीटर की ऊंचाई पर अवरोध प्रक्रिया के दौरान इंजन से तीन धमाके हुए। हरकीरत सिंह ने तुरंत आग पर काबू पाया, जिससे विमान को लैंड करवाया जा सका।

7000 किमी की दूरी दो दिन में तय करेंगे राफेल

फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भर चुके 5 राफेल जेट करीब 7000 किमी की दूरी तय करेंगे। दो दिनों राफेल जेट भारत पहुँच जाएंगे। इस दौरान रास्ते में वह यूएई में रुकेंगे। बता दें कि साल 2021 अंत तक सभी 36 राफेल जेट की डिलिवरी कर दी जाएगी। भारतीय वायुसेना के शौर्य और पराक्रम को सौ गुना बढ़ाने राफेल आ रहा है।

राफेल की खासियत:

-लड़ाकू विमान राफेल एक मल्टीरोल फाइटर विमान है।

-राफेल की खासियत है कि वह हवा में हवा के अलावा ज़मीन पर हमला कर सकता है।

-बेहद कम ऊंचाई पर रहने के बावजूद राफेल एक साथ हवा व ज़मीन पर परमाणु हमला व मिसाइल दागने में सक्षम है।

-विमान इलेक्ट्रानिक स्कैनिंग रडार से थ्रीडी मैपिंग कर रियल टाइम में दुश्मन की पोजीशन खोज लेता है।

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-यह हर मौसम में लंबी दूरी के खतरे को भी समय रहते भांप सकता है और नजदीकी लड़ाई के दौरान एक साथ कई टारगेट पर नजर रख सकता है।

-राफेल जमीनी सैन्य ठिकाने के अलावा विमानवाहक पोत से भी उड़ान भरने के सक्षम है।

-ये लड़ाकू विमान परमाणु हथियार ढोने समेत तमाम तरह के मिशन को अंजाम देने की क्षमता रखता है।

-1 मिनट में विमान के दोनों तरफ से 30 MM की तोप से 2500 राउंड गोले दाग सकता है।

-राफेल लड़ाकू विमान की मारक क्षमता 3700 KM. है जबकि यह 2,130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है।

-यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है।

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-300 किमी. की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी।

-हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल।

-9.3 टन वजन के साथ 1650 KM. तक उड़ान भरने में सक्षम है।

-14 हार्ड प्वाइंट के जरिए भारी हथियार भी गिराने की क्षमता है।

-अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।

-150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज।

-75 फीसदी विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार, परमाणु हथियार ले जाने में हैं सक्षम।

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