×

चीन पर राफेल का निशाना, लद्दाख में होंगे तैनात

फ्रांस से राफेल फाइटर जेट्स का पहला बैच आने से भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।

Newstrack
Published on: 28 July 2020 1:09 PM GMT
चीन पर राफेल का निशाना, लद्दाख में होंगे तैनात
X

नई दिल्ली: फ्रांस से राफेल फाइटर जेट्स का पहला बैच आने से भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। ये विमान भारतीय वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल किये जाने के बाद लद्दाख सेक्टर में तैनात किए जाएंगे।

वायुसेना पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में पिछले कुछ हफ्तों से रात के समय में लड़ाकू हवाई गश्त कर रही है। इसका उद्देश्य चीन को यह संदेश देना है कि वह इस पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिये बखूबी तैयार है। काफी ऊंचाई वाले इस क्षेत्र में जटिल सुरक्षा परिदृश्य से निपटने में थल सेना और वायुसेना की समन्वित लड़ाकू क्षमता जरूरी है और इसमें राफेल विमानों का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। राफेल की मारक क्षमता इतनी है कि वह चीन के काफी अंदर तक तबाही मचा सकता है। राफेल में लगे मिसाइल सिस्टम बहुत एडवांस हैं।

ये भी पढ़ें:जानिए कौन हैं ग्रुप कैप्‍टन हरकीरत सिंह, जो होंगे राफेल के पहले कमांडिंग ऑफिसर

चीन के साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर, मिराज 2000 जैसे अग्रिम मोर्चे के अपने लगभग सभी तरह के लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में सीमांत वायुसेना ठिकानों और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे स्थानों पर तैनात किये हैं। यही नहीं, अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर और विभिन्न अग्रिम स्थानों पर सैनिकों को पहुंचाने के लिये चिनूक हेलीकॉप्टर तैनात किये गये हैं।

इन मिसाइलों से लैस होगा राफेल

फ्रांस से आने वाले राफेल में स्काल्प और मिटियोर मिसाइलें पहले से लगी होंगी जबकि अन्य मिसाइलें बाद में लगाई जाएंगी।

हैमर मिसाइल

60 से 70 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को हिट करने में सक्षम इन मिसाइलों की राफेल जेट्स में तैनाती का आदेश दिया गया है। हैमर यानी हाइली एजाइल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज, एक मध्यम श्रेणी का एयर-टू-ग्राउंड हथियार है जिसे शुरूआत में फ्रांसीसी एयरफोर्स और नेवी के लिए डिज़ाइन और बनाया गया था। हैमर भारत को पूर्वी लद्दाख जैसे पहाड़ी क्षेत्रों सहित किसी भी इलाके में किसी भी बंकर को टारगेट करने की क्षमता देगा।

मिटयोर

मिटयोर विजुअल रेंज के पार भी अपना टारगेट हिट करने वाली मिसाइल है और इसकी रेंज 150 किमी है। राफेल में इसके लग जाने के बाद एयर टू एयर हमला करने में राफेल की ताकत कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी। पाकिस्तानी वायुसेना अमेरिका की एयर टू एयर मिसाइल ‘अमराम’ का इस्तेमाल करती है। समझा जाता है कि वायु सेना मिटियोर से पाकिस्तानी वायु सेना का काफी दक्षता से मुकाबला कर सकेगी। पाक वायसेना अपने एफ-16 विमानों में अमराम मिसाइलों का इस्तेमाल करती है। मिटियोर मिसाइल दुश्मन देश के लड़ाकू जहाजों को आसानी से अपना निशाना बना सकती है।

स्काल्प

राफेल में लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम स्काल्प मिसाइलें भी लगेंगी। यह ब्रह्मोस की तरह क्रूज मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर से ज्यादा है। इस मिसाइल का इस्तेमाल दुश्मन के भीतरी इलाकों में स्थित ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है। स्कॉल्प मिसाइलें दुश्मन देश के पुल, रेल, सड़क, पावर प्लांट्स, एयरफील्ड्स, बंकर्स, कमान एवं कंट्रोल सेंटर्स को आसानी से निशाना बना सकती हैं। यह मिसाइल रडार को भी चकमा दे देती है और इसका इस्तेमाल मौसम की सभी दशाओं में किया जा सकता है। स्काल्प डीप रेंज में टारगेट हिट कर सकती है। ये करीब 300 किलोमीटर तक अपने टारगेट को निशाना बना कर तबाह कर सकती है।

ये भी पढ़ें:अब ये एक्टर ICU परः इलाज के लिए नहीं हैं पैसे, लोगों से मांगी मदद

माइका

हवा से हवा में मार करने वाली माइका मल्टी-मिशन मिसाइल है। ये सेल्फ डिफेंस मिसाइल है जिसके दागने के बाद दुश्मन के जहाजों का बचना मुश्किल होता है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story