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आ रहा राफेलः बहुत खास अम्बाला एयरबेस, पाक युद्ध में रही खास भूमिका,

सामरिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण अम्बाला एयरबेस में फ़्रांस से मिले राफेल फाइटर जेट्स के पहले स्क्वाड्रन की तैनाती की गई है। अंबाला एयरबेस में राफेल के आने से पहले मिग 21 बाइसन को नाल (जोधपुर) एयर बेस शिफ्ट कर दिया गया है।

Newstrack
Published on: 29 July 2020 10:01 AM GMT
आ रहा राफेलः बहुत खास अम्बाला एयरबेस,  पाक युद्ध में रही खास भूमिका,
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नई दिल्ली: सामरिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण अम्बाला एयरबेस में फ़्रांस से मिले राफेल फाइटर जेट्स के पहले स्क्वाड्रन की तैनाती की गई है। अंबाला एयरबेस में राफेल के आने से पहले मिग 21 बाइसन को नाल (जोधपुर) एयर बेस शिफ्ट कर दिया गया है। उसकी जगह राफेल की तैनाती हो रही है। राफेल के लिए एयरफोर्स की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को पिछले साल सितंबर में फिर से शुरू किया गया। इस एयर बेस में 41 साल पहले भी ब्रिटेन से जगुआर फाइटर जेट की पहली खेप खेप पहुंची थी। अंबाला एयरबेस ने पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में अहम भूमिका निभाई है।

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अंबाला छावनी

अंग्रेजों ने ही 1841 में हरियाणा स्थित अंबाला में सैन्य छावनी की स्थापना की थी। दरअसल, ये छावनी करनाल से यहाँ शिफ्ट की गयी थी। करनाल से सैन्य छावनी को अंबाला शिफ्ट करने की सबसे बड़ी वजह दिल्ली-लाहौर रोड पर अपनी पकड़ को मजबूत करना था। इस सड़क के जरिए सैन्य छावनी शिमला से भी सीधे जुड़ जाती थी, जो उस समय देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी हुआ करती थी।

फैक्ट

- 1919 में रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) के 99 स्क्वाड्रन का ठिकाना अंबाला में बनाया गया। बाद में इसका नाम ११२ आरएएफ स्क्वाड्रन बना दिया गया।

- 1920 में अंबाला एयरबेस को सेना मुख्यालय बनाया गया।

- 1920 में अंबाला एयर फोर्स स्टेशन को आरएएफ इंडिया कमांड के मुख्यालय में बदल दिया गया।

- 1922 में सेना मुख्यालय को शिमला में ट्रांसफर कर दिया गया।

- 1938 में अम्बाला को स्थायी वायुसेना अड्डा बनाया गया। यहीं पर एडवांस्ड फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल भी था।

- 1939 में तत्कालीन फ्लाइट लेफ्टिनेंट (बाद में एयर मार्शल) सुब्रतो मुखर्जी अंबाला में स्क्वाड्रन लीडर बने थे। स्क्वाड्रन की कमान संभालने वाले वह पहले भारतीय अधिकारी थे।

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- 1947-48 में कश्मीर घाटी से घुसपैठियों को खदेड़ने में अंबाला एयरबेस का अहम योगदान था।

- आजादी मिलने के बाद अंबाला में भारतीय वायुसेना ने अपने 1 स्क्वाड्रन को तैनात किया था।

- आजादी के तुरंत बाद भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह ने अंबाला एयरबेस की कमान संभाली।

- आज़ादी के बाद अम्बाला में एरियल फोटोग्राफिक सर्वेक्षण का केंद्र भी बनाया गया।

- अंबाला एयरबेस से वैम्पायर्स, टोफोरिस, मिस्ट्रेस और हंटर्स एयरक्राफ्ट का संचालन कॉम्बेट अभियानों में किया गया था।

- 1965 में पाकिस्तान के बी57 बमवर्षकों द्वारा अंबाला एयरबेस पर हमला किया गया था।

- 1971 में भी पाकिस्तान ने अंबाला समेत कई एयरफोर्स स्टेशन को तबाह करने की कोशिश की थी।

- 1980 में अंबाला एयरबेस पर ही जगुआर एयरक्राफ्ट की तैनाती की गई थी। इसके बाद साथ ही मिग-21 बाइसन और मिराज-2000 को भी तैनात किया गया था।

- 1999 कारगिल युद्ध के दौरान अंबाला एयरबेस से ही मिराज-2000 के जरिए पाकिस्तानी घुसपैठियों के खिलाफ ऑपरेशन सफेद सागर चलाया गया था।

- बालाकोट एयरस्ट्राइक को भी अंबाला एयरबेस से उड़े मिराज-2000 विमानों ने अंजाम दिया था।

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