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बजट पर राहुल बोले-पूंजीपति दोस्तों को देश की संपत्ति हैंडओवर कर रही मोदी सरकार
राहुल गांधी का तर्क है कि अगर गरीबों के हाथों में पैसा आएगा तो वो खर्च कर पाएंगे और अगर खर्च करेंगे तो इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी। वहीं इस इस बार के बजट में मोदी सरकार की तरफ से ऐसी किसी खास योजना का ऐलान नहीं किया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में मोदी सरकार 2.0 का तीसरा बजट 2021-22 (Budget 2021-22) पेश किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि 'हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए समर्पित है'। किसानों का नाम आते ही संसद में हंगामा मच गया। विपक्ष ने केंद्रीय बजट 2021 को निराशाजनक बताया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गरीबों के हाथ में नगदी देने की बात तो भूल ही जाइए, मोदी सरकार भारत की संपत्ति को अपने पूंजीपति दोस्तों को हैंडओवर करने की तैयारी कर रही है। राहुल गांधी ने कहा कि बजट में गरीबों के लिए कुछ नहीं है। बजट 2021 पूरी तरह से निराशाजक है।
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बजट पर राहुल बोले-पूंजीपति दोस्तों को देश की संपत्ति हैंडओवर कर रही मोदी सरकार(फोटो: सोशल मीडिया)
गरीबों के पैसा खर्च करने से इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी: राहुल
कांग्रेस नेता का तर्क है कि अगर गरीबों के हाथों में पैसा आएगा तो वो खर्च कर पाएंगे और अगर खर्च करेंगे तो इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी।
वहीं इस इस बार के बजट में मोदी सरकार की तरफ से ऐसी किसी खास योजना का ऐलान नहीं किया है। बजट में केंद्र सरकार ने रेलवे सेक्टर, बैंक के विनिवेश बीमा और कई पीएसयू का फैसला किया है। इसके पीछे सरकार की सोच है कि इससे सरकारी खजाने में और धन आएगा।
राहुल ने किसानों और मजदूरों के लिए की थी रोजगार देने की मांग
राहुल गांधी ने बजट पेश होने से पहले कहा था सरकार को इस बजट में किसानों और मजदूरों को रोजगार देने के प्रावधान करना चाहिए।
मंझोले सेक्टर के उद्योगों की मदद की जानी चाहिए जिससे नई नौकरियां पैदा हो सके। उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में खर्चे बढ़ाने की बात कही थी। ताकि लोगों की जान बच सके। उन्होंने ये भी कहा था कि सरकार को रक्षा सेक्टर में भी खर्च बढ़ाने की आवश्यकता है।
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बजट पर राहुल बोले-पूंजीपति दोस्तों को देश की संपत्ति हैंडओवर कर रही मोदी सरकार(फोटो: सोशल मीडिया)
आजाद भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया था?
आजाद भारत का पहला बजट 1947 में पेश किया गया था। देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने बजट पेश किया था। उस दौरान वह बजट दस्तावेजों को चमड़े के एक ब्रीफकेस में लेकर संसद भवन पहुंचे थे। उसके बाद से देश का हर वित्त मंत्री बजट दस्तावेजों को चमड़े के ब्रीफकेस में लेकर संसद पहुंचता रहा है।
लेकिन मोदी सरकार में जब निर्मला सीतारण देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं तो उन्होंने इस परंपरा का भारतीयकरण किया।
वह लाल कपड़े के बस्ते में बजट दस्तावेजों को लेकर संसद भवन पहुंचीं। दरअसल यह भारतीय बहीखातों का ही एक स्वरूप है। बता दें कि निर्मला सीतारमण के महिला वित्त मंत्री बनने से पहले इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहने के दौरान देश की वित्त मंत्री का पदभार संभाल चुकी हैं।
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