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Budget 2021: BJP सरकारों ने इन परंपराओं को बदल दिया, पहले होता था ऐसा

रेल मंत्रालय भारत सरकार के सबसे बड़े मंत्रालयों में से एक है। आम बजट से पहले हर साल रेल बजट किया जाता था। देश का पहला रेल बजट वर्ष 1924 में पेश किया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने साल 2016 में इस परंपरा को बदल दिया।

Dharmendra kumar
Published on: 1 Feb 2021 4:17 AM GMT
Budget 2021: BJP सरकारों ने इन परंपराओं को बदल दिया, पहले होता था ऐसा
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देश का आम बजट पहले शाम को पांच बजे पेश किया जाता था, लेकिन जब पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 1999 का आम बजट पेश किया तो उन्होंने इस परंपरा को तोड़ दिया।

नई दिल्ली: वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण आज वित्‍त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया। आजाद भारत का पहला बजट 1947 में पेश किया गया था। देश के पहले वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने बजट पेश किया था। उस दौरान वह बजट दस्तावेजों को चमड़े के एक ब्रीफकेस में लेकर संसद भवन पहुंचे थे। उसके बाद से देश का हर वित्त मंत्री ने बजट दस्तावेजों को चमड़े के ब्रीफकेस में लेकर संसद पहुंचता रहा।

लेकिन मोदी सरकार में जब निर्मला सीतारण देश की पहली महिला वित्त मंत्री बनीं तो उन्होंने इस परंपरा का भारतीयकरण किया। वह लाल कपड़े के बस्ते में बजट दस्तावेजों को लेकर संसद भवन पहुंचीं। दरअसल यह भारतीय बहीखातों का ही एक स्वरूप है। बता दें कि निर्मला सीतारमण के महिला वित्त मंत्री बनने से पहले इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री रहने दौरान देश की वित्त मंत्री का संभाल चुकी हैं।

आम बजट के साथ पेश होता है रेल बजट

रेल मंत्रालय भारत सरकार के सबसे बड़े मंत्रालयों में से एक है। आम बजट से पहले हर साल रेल बजट पेश किया जाता था। देश का पहला रेल बजट वर्ष 1924 में पेश किया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने साल 2016 में इस परंपरा को बदल दिया। उस समय के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया।

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Nirmala Sithraman

साल 2016 में मोदी सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही पुरानी परंपरा को भी तोड़ दिया। तब से देश के रेल बजट को आम बजट के साथ ही पेश किया जाने लगा। इसके अलावा मोदी सरकार ने फरवरी के आखिरी दिन पेश होने वाले आम बजट को फरवरी के पहले दिन ही पेश करने की परंपरा शुरू कर दी।

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इसकी वजह यह है कि बजट से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को एक अप्रैल तक नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरा करना है, क्योंकि सरकार एक अप्रैल से ही नए वित्त वर्ष के हिसाब से काम करने की शुरुआत कर दे। इसका मकसद यह है कि बजट को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। पहले इस प्रक्रिया को पूरा होने में मई-जून तक का समय लग जाता था।

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पहले शाम 5 बजे पेश होता था बजट

बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार ने एक और परंपरा को तोड़ दिया है। पहले देश का आम बजट शाम पांच बजे पेश किया जाता था, लेकिन जब पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने 1999 का आम बजट पेश किया तो उन्होंने इस परंपरा को तोड़ दिया और सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश किया। तब से आम बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा।

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