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बिक रहे कांग्रेस विधायक! गहलोत के आरोप पर BJP का पलटवार, पूछा ये सवाल
राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अगर पर्दे के पीछे की बात करें तो कांग्रेस में भी सब कुछ सही नहीं चल रहा है।
राजस्थान: सियासत का चूल्हा अब राजस्थान में अभी भी गर्म है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा पर खुलकर आरोप लगा रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। अगर पर्दे के पीछे की बात करें तो कांग्रेस में भी सब कुछ सही नहीं चल रहा है। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच अंदरखाने जबर्दस्त खींचतान चल रही है।
पूरी फिल्म के लेखक खुद अशोक गहलोत- गजेंद्र सिंह शेखावत
भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के उस आरोप पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने बीजेपी पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगया था। सीएम गहलोत ने विपक्षी पार्टी पर विधायकों को खरीदने का आरोप भी लगाया था।
अशोक गहलोत के आरोप पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि 'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पूरी फिल्म के कलाकार, विलेन और कहानी लिखने वाले हैं। वह बीजेपी के कंधे का इस्तेमाल कर कांग्रेस अध्यक्ष पर बंदूक चला रहे हैं। मैं यह मांग करता हूं कि वह इस बात को सार्वजनिक करें कि उनके कितने विधायक सेल पर हैं (जैसा वह सोचते हैं)।'
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बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप
इससे पहले शनिवार को अशोक गहलोत ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगया था। उन्होंने कहा था कि विधायकों को 25 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। उन्होंने राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पुनियां और राजेंद्र राठौर पर केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर कांग्रीस सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। गहलोत ने कहा था कि वे दस करोड़ रुपए एडवांस और 15 करोड़ रुपए सरकार गिरने के बाद देने का ऑफर कर रहे थे।
निर्दलीय व छोटे दलों के विधायकों को डरा-धमका रहे हैं
राजस्थान की कांग्रेस सरकार को अस्थिर किए जाने के प्रयास के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एसओजी व एसीबी जैसी एजेंसियों के जरिए निर्दलीय व छोटे दलों के विधायकों को डरा-धमका रहे हैं।
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पूनियां ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने एसओजी और एसीबी का भय दिखाकर निर्दलीय और छोटे विधायकों को प्रभावित करने की कोशिश की और अभी भी वो ऐसा ही कर रहे हैं। माकपा के एक विधायक का व्हिप का उल्लंघन कर वोट करना इसका उदाहरण है।'