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Rajasthan Congress: आखिर क्या तय हुआ फार्मूला, गहलोत और पायलट दोनों की चुप्पी, मिलकर चुनाव लड़ने का हाईकमान का संकेत
Rajasthan Congress: बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से गहलोत और पायलट में सुलह होने की बात कही जा रही है मगर अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि दोनों नेताओं में सुलह के लिए क्या फार्मूला तय किया गया है।
Rajasthan Congress: राजस्थान कांग्रेस का संकट सुलझाने के लिए सोमवार को दिल्ली में मैराथन बैठक चली। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के आवास पर हुई इस बैठक के दौरान राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और नाराज पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी मौजूद थे। इस बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से गहलोत और पायलट में सुलह होने की बात कही जा रही है मगर अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि दोनों नेताओं में सुलह के लिए क्या फार्मूला तय किया गया है।
मजे की बात यह है कि दिल्ली में हुई इस बैठक के बाद दोनों नेताओं की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है। गहलोत और पायलट दोनों नेताओं ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बैठक में तय हुआ कि गहलोत और पायलट मिलकर एक साथ चुनाव लड़ेंगे। गहलोत और पायलट दोनों नेताओं ने फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है।
खड़गे के आवास पर मैराथन बैठक
राजस्थान कांग्रेस का संकट लंबे समय से पार्टी हाईकमान के लिए मुसीबत बना हुआ है। कर्नाटक में भाजपा के खिलाफ बड़ी चुनावी जीत हासिल करने के बाद पार्टी हाईकमान ने राजस्थान के संकट पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसी सिलसिले में सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और लंबे समय से नाराज चल रहे सचिन पायलट को दिल्ली तलब किया गया था।
राजस्थान संकट के समाधान के लिए सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के आवास पर मैराथन बैठक चली। करीब चार घंटे तक चली इस बैठक के दौरान खड़गे के अलावा राहुल गांधी, अशोक गहलोत, सचिन पायलट, केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान राजस्थान का संकट समझाने के लिए विभिन्न फॉर्मूलों पर चर्चा किए जाने की खबर है।
दोनों नेताओं में सुलह का संकेत
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पहले गहलोत बैठक में हिस्सा लेने के लिए खड़गे के आवास पर पहुंचे। गहलोत के पहुंचने के कुछ देर बाद ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी खड़गे के आवास पर पहुंच गए। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने राजस्थान संकट के संबंध में लंबी चर्चा की। बाद में सचिन पायलट भी खड़गे के आवास पर पहुंचे। खड़गे और राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट की बैठक के दौरान गहलोत अलग कमरे में बैठे हुए थे। बाद में सभी नेताओं ने एक साथ बैठकर भी राजस्थान संकट के संबंध में चर्चा की।
सोमवार की रात करीब दस बजे तक चली इस बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से दोनों नेताओं में सुलह की बात कही जा रही है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि गहलोत और पायलट मिलकर राजस्थान में चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस एक बार फिर चुनावी जीत हासिल करने में कामयाब होगी। हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि राजस्थान कांग्रेस में सुलह के लिए क्या फार्मूला अपनाया गया है।
गहलोत और पायलट की चुप्पी से सस्पेंस
बैठक के बाद कैसी वेणुगोपाल ने मीडिया के बीच दोनों नेताओं में सुलह का दावा किया। इस दौरान उनके साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी मौजूद थे। हालांकि इन दोनों नेताओं ने चुप्पी नहीं तोड़ी। सुलह के संबंध में सवाल पूछे जाने पर भी दोनों नेता चुप्पी साधे रहे। सियासी जानकारों का मानना है कि दोनों नेताओं के बीच सुलह भले हो गई हो मगर दोनों के दिलों में टीस अभी भी बरकरार लगती है।
सचिन पायलट की मांगों पर गौर फरमाने के लिए कांग्रेस हाईकमान की ओर से पहले भी कमेटी का गठन किया गया था मगर इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसे में अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि पायलट की मांगों पर हाईकमान की ओर से क्या कदम उठाया जाएगा। पायलट लंबे समय से राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते रहे हैं जबकि पार्टी हाईकमान इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है। ऐसे में राजस्थान संकट के समाधान के फार्मूले को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है।
पार्टी हाईकमान के कदमों पर सभी की निगाहें
राजस्थान कांग्रेस में संग्राम छोड़ने के बाद पायलट और गहलोत के अलग-अलग गुट बन गए हैं। दोनों के समर्थकों की ओर से भी अभी तक कोई बयान नहीं दिया गया है। सचिन पायलट ने अपनी तीन मांगों को पूरा न करने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी थी मगर उनके अल्टीमेटम की आखिरी तारीख से पहले सुलह की बात सामने आई है।
अब यह देखने वाली बात होगी कि पायलट और गहलोत की ओर से आगे क्या सियासी कदम उठाए जाते हैं। पार्टी हाईकमान की ओर से उठाए जाने वाले कदमों पर भी सभी की निगाहें लगी हुई हैं। माना जा रहा है कि जल्द ही सियासी तस्वीर साफ हो सकती है।