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Rajasthan: सचिन की पदयात्रा से कांग्रेस में खलबली, भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी, गहलोत के पलटवार से गरमाई सियासत
Rajasthan Politics: पांच दिनों तक चलने वाली पायलट की इस पदयात्रा और उनके तीखे तेवर से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आज दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है।
Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच शुरू हुई जंग लगातार और तीखी होती जा रही है। सचिन पायलट ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का ऐलान करते हुए गुरुवार को अजमेर से जयपुर तक अपनी जन संघर्ष पदयात्रा शुरू कर दी। जन संघर्ष पदयात्रा के दौरान पायलट ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कोई समझौता न करने का ऐलान किया।
पांच दिनों तक चलने वाली पायलट की इस पदयात्रा और उनके तीखे तेवर से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आज दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस के सभी पदाधिकारी हिस्सा लेंगे और इस बैठक के दौरान आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।
हालांकि कांग्रेस ने इस पदयात्रा से खुद को अलग करते हुए स्पष्ट किया है कि यह पायलट का निजी कार्यक्रम है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से जारी बयान से साफ हो गया है कि पायलट अब कांग्रेस में अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इशारों में सचिन पायलट पर पलटवार करते हुए कहा कि झूठी राजनीति करने वाले लोग बहुत खतरनाक होते हैं। उन्होंने नई पीढ़ी को सच्चाई के रास्ते पर चलने की नसीहत भी दी।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग जारी रखेंगे पायलट
सचिन पायलट ने पिछले दिनों राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर अनशन भी किया था। अब उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मोर्चा खोलते हुए पदयात्रा निकाल दी है। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की पारदर्शी तरीके से जांच होनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके मगर कुछ लोगों को यह बात मंजूर नहीं है। वे दूध और नींबू की बात करने लगे। प्रदेश सरकार के रवैए से साफ है कि उसका जांच करने का कोई इरादा नहीं है मगर मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई छोड़ने वाला नहीं हूं। हालांकि इस दौरान पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम नहीं लिया मगर उनके संबोधन से साफ है कि उनका इशारा अशोक गहलोत की ओर ही था।
पायलट ने कहा कि कुछ लोगों ने भीषण गर्मी के इस दौर में पदयात्रा न करने की सलाह दी मगर मैंने जवाब दिया कि राजनीति आग का दरिया है और उसे तैरकर पार करना होगा। पायलट ने कहा कि पिछले 45 वर्षों से मेरा परिवार जन सेवा के प्रति समर्पित रहा है और हमारी निष्ठा और ईमानदारी पर विरोधी भी उंगली नहीं उठा सकते।
युवाओं का समर्थन जुटाने की कोशिश
गुरुवार को अजमेर से निकली सचिन पायलट की यह यात्रा 125 किलोमीटर की दूरी पूरी करके पांच दिनों में जयपुर पहुंचेगी। यात्रा के लिए जारी पोस्टर भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस पोस्टर पर सोनिया गांधी की तस्वीर तो लगी है मगर राहुल और प्रियंका की तस्वीर गायब है। अपनी यात्रा के दौरान पायलट पेपर लीक मामले को भी प्रमुखता से उठाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
माना जा रहा है कि इसके जरिए पायलट युवाओं का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं। सचिन पायलट की पदयात्रा में वे चेहरे भी शामिल है जिन्हें कांग्रेस में सचिन का समर्थक माना जाता रहा है। सचिन पायलट के रुख से साफ हो गया है कि अब वे आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ गए हैं।
दिल्ली में राजस्थान कांग्रेस की आज अहम बैठक
इस बीच कांग्रेस ने सचिन पायलट की पदयात्रा से किनारा कर लिया है प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि सचिन पायलट की पदयात्रा उनका निजी कार्यक्रम में और प्रदेश संगठन से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश संगठन की ओर से इस पदयात्रा का कोई कार्यक्रम नहीं तय किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने सचिन की पदयात्रा में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीरें न होने का मुद्दा भी उठाया।
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने आज नई दिल्ली में पार्टी संगठन की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा के अलावा प्रदेश कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। सचिन पायलट की पदयात्रा के दौरान हो रही इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के दौरान प्रदेश में कांग्रेस की आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
गहलोत ने किया पायलट पर पलटवार
दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। गहलोत ने गुरुवार को सचिन पायलट का नाम लिए बगैर उन पर हमला बोला। गहलोत ने कहा कि नई पीढ़ी के लोगों को सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए। झूठ की राजनीति करने वाले लोग काफी खतरनाक होते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अपने स्वार्थ के अलावा कुछ नहीं दिखता। उन्हें न तो पार्टी और संगठन की कोई चिंता होती है और न देश और प्रदेश के विकास की।
अपनी राजनीतिक यात्रा का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि मैंने हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है और राजनीति में वही कामयाब होता है जो सबको साथ लेकर चलता है। पार्टी में गुटबाजी करने वाले लोग कभी कामयाब नहीं हो पाते। गहलोत के संबोधन से साफ हो गया कि उन्होंने यह सब बातें सचिन पायलट को निशाना बनाते हुए ही कही हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों के रुख से साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस में शुरू हुई यह जंग और तीखी होगी। दोनों गुटों के बीच सुलह समझौते के सारे रास्ते अब बंद होते दिख रहे हैं।