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राजस्थान: सिंघवी ने कहा- स्पीकर के नोटिस पर नहीं दिया जा सकता स्टे

राजस्थान में बीते कई दिनों से चल रहे सियासी संघर्ष के बीच सोमवार यानी आज का दिन बेहद अहम है। आज बड़े फैसलों के आने की सम्भावना है, जो राजस्थान की सियासत को लेकर काफी कुछ साफ़ कर देंगे।

Newstrack
Published on: 20 July 2020 5:32 AM GMT
राजस्थान: सिंघवी ने कहा- स्पीकर के नोटिस पर नहीं दिया जा सकता स्टे
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जयपुर: राजस्थान में बीते कई दिनों से चल रहे सियासी संघर्ष के बीच सोमवार यानी आज का दिन बेहद अहम है। आज बड़े फैसलों के आने की सम्भावना है, जो राजस्थान की सियासत को लेकर काफी कुछ साफ़ कर देंगे। दरअसल, राजस्थान हाईकोर्ट में सचिन पायलट खेमे की दायर याचिका पर आज फैसला आ सकता है। इस फैसले पर गहलोत सरकार का भविष्य टिका है।

कांग्रेस के बागी नेता और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुट की याचिका पर सोमवार को फिर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है।

Updates...

यहां जाने कि अशोक गहलोत ने पायलट के लिए क्या-क्या कहा-

1-सचिन पायलट ने गन्दा खेल खेला

2- सचिन निकम्मा और नाकारा थे

3-पायलट को कम उम्र में सब कुछ मिला

4- लोगों को लड़ाने का काम करते थे

कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता-अभिषेक मनु सिंघवी

-राजस्थान हाईकोर्ट की सुनवाई में अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता, क्योंकि यह अधिकार सिर्फ स्पीकर के पास है। अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बार फिर दोहराया कि जब तक विधायकों के खिलाफ अयोग्यता पर स्पीकर कोई फैसला नहीं लेते तब तक कोर्ट इसमें दखल नहीं दे सकता।

-पायलट गुट की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। अब इस बीच CJI की कोर्ट के बाहर कई वकील धरने पर बैठ गए हैं। कोर्ट रूम में सिर्फ मामले से संबंधित वकीलों को बैठने की इजाजत दी गई है, अन्य वकीलों को नहीं जाने दिया गया है। अब अन्य वकील इसपर हंगामा कर रहे हैं। कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

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-कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जिन तर्कों को सुप्रीम कोर्ट नकार चुका है, हरीश साल्वे उन्हीं बातों को सामने रख रहे हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कुछ लाइनें भी सिंघवी ने पढ़कर सुनाईं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में ये भी कहा कि सिर्फ पार्टी से इस्तीफा देना ही दल बदल कानून के तहत नहीं आता बल्कि विधायक अगर पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करते हैं तो वह भी आधार बनता है।

-अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि ये याचिका सिर्फ एक नोटिस के आधार पर डाली गई है, जबतक स्पीकर किसी विधायक को अयोग्य घोषित ना कर दें। तबतक अदालत दखल नहीं दे सकता है। उन्होंने कहा कि बागियों की अर्जी खारिज की जाए।

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-हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान स्पीकर की ओर दलील रख रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्पीकर के आदेश को लिमिटेड ग्राउंड पर चुनौती दी जा सकती है, लेकिन जो याचिका दायर की गई है उसमें वो ग्राउंड शामिल ही नहीं हैं।अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसलिए सचिन पायलट गुट की याचिका तुरंत खारिज कर देना चाहिए।

हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आज आने वाले कोर्ट के फैसले पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट पायलट गुट को अमान्य कर देता या मान्य कर देता है, तो अशोक गहलोत को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना चाहिए, क्योंकि उसके बाद ही वह कामकाज कर सकते हैं।

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फैसले के बाद ऐसा होगा समीकरण

अगर विधानसभा की नोटिस सही ठहराए जाने पर विधानसभा अध्यक्ष को विधायकों की सदस्यता ख़त्म कर देने का अधिकार मिल जाएगा। ऐसे राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में 19 विधायक कम हो जाएंगे और तब कुल सदस्य 181 माने जाएंगे। बहुमत के लिए 91 का आंकड़ा जरुरी है और गहलोत के पास 101 सदस्यों का समर्थन है।

वहीं अगर बागी विधायकों के पक्ष में फैसला आता है तो सभी बाग़ी 19 विधायकों की सदस्यता बच जाएगी और गहलोत सरकार संकट में पड़ सकती है। हालाँकि इसी स्थिति में गहलोत सरकार प्लान बी पर आ सकते हैं।

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