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भई वाह! क्वारनटीन के दौरान मजदूरों ने बदल डाली स्कूल की सूरत
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की गयी। बता दें की प्रवासी मजदूरों के लिए भी सरकार ने कहा था कि जो जहां पर है वहीं रहे, सबके खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की गयी। बता दें की प्रवासी मजदूरों के लिए भी सरकार ने कहा था कि जो जहां पर है वहीं रहे, सबके खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी।हालांकि की बहुतेरे मजदूर अपने गांवों की ओर कूच कर गए, लेकिन कुछ प्रवासी मजदूर अभी भी फंसे रह गए। इस दौरान जितने भी मजदुर अपने गृहजनपद के लिए उन्हें गांव के स्कूलों में क्वारनटीन किया गया था। इन मजदूरों ने अपनी मेहनत से राजस्थान के एक स्कूल की सूरत बदल डाली।
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क्वारनटीन रहने के दौरान इन मजदूरों ने ऐसा कदम उठाया जिसकी चारो तारीफ हो रही है। यहां रह रहे मजदूरों ने समय का सदुपयोग करते हुए स्कूल की सूरत ही बदल दी। मजदूरों ने खाली समय में स्कूल के रूप रंग को ही बदल डाला है। बता दें कि यहां पलसाना कस्बे के शहीद सीताराम कुमावत और सेठ केएल ताम्बी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश के 54 मजदूर ठहरे हुए हैं। हालांकि अब इनका क्वारनटीन पीरियड भी पूरा हो गया है।
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मजदूरों ने बताया कि इस दौरान सरपंच और गांव के लोगों ने उनके रहने के लिए बहुत अच्छी व्यवस्था की थी। ये मजदूर व्यवस्था से इतने खुश थे कि बदले में गांव के लिए कुछ करना चाहते थे और इसी सोच में उन्होंने स्कूल की पुताई का काम शुरू कर दिया। मजदूरों ने सरपंच से पुताई का सामान लाकर देने की मांग की। सामग्री उपलब्ध होने के बाद मजूदरों ने विद्यालय में रंगाई पुताई कर स्कूल को ऐसा चमका दिया कि प्रशासन भी तारीफ किए बिना नहीं रह सका।
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