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राजस्थान की राजनीति में हलचल: BJP ने पायलट पर कही ये बात, कांग्रेस हुई बेचैन

राजस्थान के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के एक बयान ने हलचल पैदा कर दी है। एक इंटरव्यू के दौरान पूनिया से जब पूछा गया कि क्या पायलट राजस्थान के सीएम बन सकते हैं?

Newstrack
Published on: 24 July 2020 6:34 AM GMT
राजस्थान की राजनीति में हलचल: BJP ने पायलट पर कही ये बात, कांग्रेस हुई बेचैन
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जयपुर: राजस्थान राजनीति का झगड़ा फिलहाल सुप्रीमकोर्ट पहुंचा गया है। राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा दिए गए ताज़ा फैसले के मुताबिक पायलट गुट की याचिका को सही माना है। इस बीच राजस्थान के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के एक बयान ने हलचल पैदा कर दी है। एक इंटरव्यू के दौरान पूनिया से जब पूछा गया कि क्या पायलट राजस्थान के सीएम बन सकते हैं? तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि 'यदि हालात अनुमति देते हैं तो सचिन पायलट मुख्यमंत्री बन सकते हैं। पूनिया के इस बयान के बाद सियासी गलियारों में नई अटकलें लगाई जाने लगी हैं।

कांग्रेस की इम्युनिटी पावर कमजोर-पूनिया

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने पर जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'कोरोना संकटकाल में राजस्थान की जनता की इम्युनिटी क्षमता अच्छी है, इसलिए कोरोना से तो प्रदेश की जनता बच जाएगी, लेकिन कांग्रेस की इम्युनिटी पावर कमजोर लगती है।'

सरकार को जनता का ख्याल नहीं है-पूनिया

राज्य सरकार पर राजनीतिक संकट को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में डॉ. पूनिया ने कहा है कि सरकार को जनता का ख्याल नहीं है, लेकिन प्रदेश की जनता की इम्युनिटी पावर अच्छी है, ऐसे में कोरोना की मार से जनता तो बच जाएगी, लेकिन कांग्रेस की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम लगती है। डॉ. पूनिया ने मुख्यमंत्री द्वारा पीएम को लिखे पत्र पर कहा कि मुख्यमंत्री ने अपनी नैतिक तौर पर हार मान ली है।

साथ ही केरल में विश्व की पहली कम्यूनिस्ट सरकार को कांग्रेस द्वारा अपदस्त करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी पार्टी को टूटने से नहीं बचा पा रही और बहुमत की स्थिति में नहीं दिख रही, ऐसे में बार-बार लोकतंत्र का अपमान करने वाली कांग्रेस को लोकतंत्र याद आ रहा है।

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मुख्यमंत्री होटल से बाहर निकलें

एक अन्य सवाल के जवाब में डॉ. पूनिया ने कहा कि राज्य में फसलों पर टिड्डियों का हमला, कोरोना का संकट, रोजगार पर बात करने और इन मुद्दों पर काम करने के बजाए मुख्यमंत्री अपनी सरकार को लेकर एक होटल में बैठे हैं, जनता पूछ रही है कि राज्य में सरकार कहां पर है? ऐसे में मुख्यमंत्री को चाहिए कि खुद भी होटल से बाहर निकलें और मंत्रियों व विधायकों को भी खुला छोड़ें, जिससे वो अपने क्षेत्र में जाएं, जहां पर प्रदेश की आम जनता इस संकटकाल में उनको ढूंढ़ रही है, जिससे उनके काम हो सकें।

सरकार कैद आम जनता मुसीबत में

सवाल के जवाब में डॉ. पूनिया ने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायापालिका भारत के संविधान की खूबसूरती है और उनके अपने अपने कार्य और महत्व हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए कहा कि उन्होंने नैतिकता की दुहाई देते हुए जो पत्र प्रधानमंत्री जी को लिखा है, मैं उनको याद दिलाना चाहता हूं कि कांग्रेस की ओर से 1957 से 1990 के अंतिम तक कई राज्य सरकारों को बर्खास्त किया गया, इसलिए मुख्मयंत्री को याद रखना चाहिए कि कांग्रेस सरकारों द्वारा संविधान की जितनी धज्जियां उड़ाई हैं, फिर किस नैतिकता की बात करते हैं।

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सरकार एक बाड़े में बंद है और प्रदेश की आम जनता विपदा से गुजर रही है, फसलों पर टिड्डियों के हमले से किसान परेशान हैं, सभी मुद्दों पर विफल हो चुकी एवं अपनी असफलताओं को छुपाने के लिये राज्य की सरकार ने आरोप लगाने के लिये बीजेपी को एक कंफर्ट एजेंसी मान लिया है।

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