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रक्षा मंत्री राजनाथ ने की अमेरिका से बात, चीन पर दिया ये बड़ा बयान
भारत चीन के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए धैर्यपूर्वक द्विपक्षीय प्रस्ताव का इंतजार कर रहा हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से बातचीत की और एक “मजबूत तथा दीर्घकालिक” द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी पर अपनी सहमति दोहराई।
नई दिल्ली भारत-चीन के साथ गतिरोध खत्म करने के लिए धैर्यपूर्वक द्विपक्षीय प्रस्ताव का इंतजार कर रहा हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से बातचीत की और एक “मजबूत तथा दीर्घकालिक” द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी पर अपनी सहमति दोहराई। शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान पेंटागन ने इसकी जानकारी दी। पेंटागन ने कहा कि फोन कॉल के दौरान एस्पर और राजनाथ सिंह ने सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा की।
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भारत आने का दिया निमंत्रण
शुक्रवार को हुई टेलीफोनिक बातचीत के दौरान इस मामले पर संक्षिप्त चर्चा हुई। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि बातचीत के लिए द्विपक्षीय तंत्र का ही इस्तेमाल किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि कभी-कभी इसमें समय लगता है लेकिन भारत धैर्य रखेगा और बातचीत के जरिए ही समस्या का हल निकाला जाएगा। दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी के बीच परस्पर सहयोग पर चर्चा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी मंत्री को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे एस्पर ने स्वीकार कर लिया।
बता दें कि 5 मई को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील पर दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प में कई सैनिक घायल हो गए थे। इसके बाद भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए दोनों सेनाओं द्वारा यहां पर सैन्य टुकड़ी भेजी गई है। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि दोनों ने कोविड-19 महामारी से लड़ने के संबंधित अनुभव पर एक-दूसरे को जानकारी दी और इस संबंध में उत्कृष्ट द्विपक्षीय सहयोग जारी रखने की बात भी कही।
तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं
बता दें कि दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है जब लद्दाख में चीन और भारत के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लद्दाख में और उत्तरी सिक्किम में कई क्षेत्रों में भारत और चीन, दोनों देशों की सेनाओं ने हाल ही में सैन्य जरूरतों के लिए निर्माण किया हैं। दो सप्ताह बाद भी दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने तथा दोनों पक्षों द्वारा अपने-अपने मोर्चे और अधिक मजबूत करने के स्पष्ट संकेत हैं।
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इससे पहले चीन ने भारत के साथ सीमा पर अपने मौजूदा गतिरोध को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मध्यस्थता का प्रस्ताव शुक्रवार को खारिज कर दिया। चीन ने कहा कि दोनों देश बातचीत के जरिये विवाद को दूर करने में सक्षम हैं और उन्हें किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।