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राम मंदिर विवाद: SC में सभी पक्षों ने दाखिल किया जवाब, देखें किसने क्या कहा
राम जन्मभूमि विवाद पर मामले में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है। हिंदू पक्ष ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो।
नई दिल्ली: राम जन्मभूमि विवाद पर मामले में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है। हिंदू पक्ष ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो। रामलला विराजमान की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए देने की बात कही गई है।
तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर बंद लिफाफे में जवाब दिया है। मुस्लिम पक्ष ने जवाब दाखिल कर कहा है कि उन्हें 6 दिसंबर 1992 जैसी मस्जिद चाहिए।
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हिंदू महासभा ने अपने जवाब में राम मंदिर के निर्माण पर पूरे मंदिर की व्यस्था करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक ट्रस्ट बनाने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मामले पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इसके साथ चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सभी पक्षकारों से तीन दिन के भीतर मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके बाद सभी पक्षकारों ने शनिवार को एक-एक कर अपने जवाब कोर्ट में दाखिल कर दिए।
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संभावना जताई जा रही है कि राम मंदिर पर फैसला 17 नंवबर से पहले आएगा, क्योंकि 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होने जा रहे हैं।
हिंदू पक्ष ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में कहा गया कि अयोध्या में विवादित जमीन का पूरा हिस्सा राम मंदिर के लिए दिया जाए। मुस्लिम पक्ष और निर्मोही अखाड़ा को जमीन का कोई भी हिस्सा नहीं दिया जाना चाहिए।
संविधान पीठ का यह फैसला इलाहाबाद हाईकोर्टके फैसले की तरह भूमि के बंटवारे का नहीं होगा। हाईकोर्ट ने विवादित स्थल को रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी बोर्ड में बांटने का आदेश दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के आखिरी दिन बुधवार को सुबह 10.30 बजे कार्यवाही शुरू होने से पहले अदालत में इस बारे में कई अर्जी रखी गई थीं, लेकिन पीठ ने कहा कि अब किसी अर्जी पर विचार नहीं किया जाएगा और सुनवाई शुरू कर दी।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, अब कुछ नहीं होगा, हम पांच बजे तक सुनवाई करेंगे और उसके बाद मामला खत्म। हालांकि अदालत ने उसके बाद एक घंटा पहले ही चार बजे सुनवाई समाप्त कर दी और फैसला सुरक्षित रख लिया।