TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Ramesh Bidhuri Speech: बिधूड़ी की टिप्पणी कहीं बदल न दे समीकरण, दानिश प्रकरण में विपक्षी एकजुटता के क्या हैं सियासी मायने, अब BSP पर सबकी निगाहें

Ramesh Bidhuri Controversial Speech: राहुल गांधी का आनन-फानन में बसपा संसद के घर पहुंच जाना और लालू यादव से लेकर अखिलेश यादव तक का इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर तीखा हमला करना अनायास नहीं माना जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 23 Sept 2023 8:27 AM IST
Ramesh Bidhuri Remark on Danish Ali
X

Ramesh Bidhuri Remark on Danish Ali  (PHOTO: social media )

Ramesh Bidhuri Controversial Speech: लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की बसपा सांसद दानिश अली के संबंध में बदजुबानी भाजपा को महंगी पड़ती दिख रही है। इस प्रकरण को लेकर पूरे विपक्ष ने जिस तरह एकजुटता के साथ बिधूड़ी और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे बदलते हुए सियासी समीकरण के संकेत मिल रहे हैं। राहुल गांधी का आनन-फानन में बसपा संसद के घर पहुंच जाना और लालू यादव से लेकर अखिलेश यादव तक का इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर तीखा हमला करना अनायास नहीं माना जा रहा है।

यह विपक्षी एकजुटता का ही असर था कि भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी इस मामले को लेकर बिधूड़ी को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया। बिधूड़ी की इस बदजुबानी ने उत्तर प्रदेश की बड़ी सियासी ताकत बसपा को भी विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की और पांव बढ़ाने का संदेश दिया है जबकि बसपा ने अभी तक एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों से दूरी बनाए रखी है। अब सबकी निगाहें बसपा मुखिया मायावती के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। हालांकि मायावती ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

BSP MP दानिश अली से मिले राहुल गांधी, गले लगाया, बोले- 'नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान'

बिधूड़ी की इस टिप्पणी पर हुआ हंगामा

भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली पर टिप्पणी गुरुवार को की थी मगर इसका असली सियासी असर शुक्रवार को देखने को मिला। दरअसल गुरुवार को महिला आरक्षण बिल के हो-हल्ले में असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल का यह मुद्दा दबा रह गया था। हुआ यूं कि गुरुवार को लोकसभा में चंद्रयान-3 की कामयाबी पर चर्चा हो रही थी। भाजपा सांसद बिधूड़ी के संबोधन के दौरान बसपा सांसद दानिश अली ने कुछ टोकाटाकी की तो बिधूड़ी ने काफी उग्र तेवर दिखाए। उन्होंने बसपा सांसद को उग्रवादी और आतंकवादी तक बता डाला। इसके अलावा उन्होंने बसपा सांसद को लेकर अन्य आपत्तिजनक बातें भी कहीं।

उनकी इस टिप्पणी पर विपक्ष सांसदों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। दानिश अली के साथ ही विपक्षी सांसदों ने मांग की कि बिधूड़ी को अपनी इस टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। बाद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में दखल दिया और उन्होंने भाजपा सांसद की टिप्पणी के लिए खेद जताया। रक्षा मंत्री की ओर से खेद जताए जाने के बाद ही विपक्षी सांसदों का गुस्सा शांत हो सका। बिधूड़ी की टिप्पणी को संसदीय रिकॉर्ड से भी हटा दिया गया।

'संसद में नहीं छोड़ता तो आम मुस्लिम के साथ क्या करता होगा?', रमेश बिधूड़ी के बयान पर दानिश अली ने स्पीकर को लिखा लेटर

दानिश के घर पहुंचकर गले मिले राहुल

लोकसभा में बसपा सांसद के साथ हुई इस घटना को लेकर शुक्रवार को विपक्षी दलों ने बिधूड़ी और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भाजपा से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार बैठे कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कहां इस मौके पर चूकने वाले थे। सबको हैरानी में डालते हुए वे केसी वेणुगोपाल और इमरान प्रतापगढ़ी के साथ दानिश अली के घर पर पहुंच गए।

वे दानिश अली से गले मिले और उन्होंने इस मुद्दे को लेकर मजबूत लड़ाई लड़ने का भरोसा भी दिया। उनका कहना था कि भाजपा सांसद की इस अमर्यादित टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई के लिए लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला को लंबी चौड़ी चिट्ठी लिख डाली। उन्होंने इस मामले को विशेषाधिकार समिति में भेजने और बिधूड़ी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की।

Ramesh Bidhuri Video: लोकसभा में BSP सांसद को बताया आतंकवादी, बिधूड़ी की टिप्पणी पर भारी हंगामा, राजनाथ के खेद जताने पर शांत हुआ विपक्ष

विपक्षी दल एकजुट,स्पीकर को लिखा पत्र

दानिश अली प्रकरण में सबसे उल्लेखनीय बात यह दिखी कि विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया पूरी तरीके से एकजुट नजर आया जबकि यह मामला बसपा सांसद से जुड़ा हुआ है और बसपा इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है। गठबंधन में शामिल दलों की ओर से लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला और लोकसभा महासचिव को बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में चिट्ठी लिखी गई है। स्पीकर को चिट्ठी लिखने वाले दलों में कांग्रेस के अलावा एनसीपी, टीएमसी और डीएमके भी शामिल हैं।

मजे की बात यह है कि राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आए और उन्होंने भाजपा सांसद की बदजुबानी पर तीखी आपत्ति जताई।

मायावती के कदम पर सबकी निगाहें

सियासी जानकारों का मानना है कि बिधूड़ी ने बैठे-बैठाए भाजपा की सियासी मुसीबत बढ़ा दी है। इस प्रकरण को लेकर एक नया सियासी समीकरण बनता हुआ दिख रहा है। दरअसल बहुजन समाज पार्टी ने अभी तक 2024 की सियासी जंग को लेकर तटस्थ रुख अपना रखा है। बसपा ने एनडीए और इंडिया दोनों गठबंधनों से दूरी बनाए रखी है। बसपा मुखिया मायावती दोनों गठबंधन से अलग रहकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं।

दानिश मामले में विपक्षी दलों का एकजुट होकर खड़ा हो जाना बसपा को अपने साथ आने का इंडिया गठबंधन का आमंत्रण माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि बिधूड़ी की ओर से की गई इस टिप्पणी के बाद बसपा सांसद के पक्ष में इंडिया गठबंधन की एकजुटता ने बसपा को भी आगे की सियासी राह के बारे में बहुत कुछ सोचने पर मजबूर किया है। ऐसे में अब सबकी निगाहें बसपा मुखिया मायावती के अगले सियासी कदम पर टिकी हुई हैं।

कैसे बढ़ गईं भाजपा की सियासी मुश्किलें

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की भूमिका हमेशा सबसे अहम मानी जाती रही है। 2014 और 2019 में भाजपा को बड़ी जीत दिलाने में उत्तर प्रदेश की प्रमुख भूमिका थी। 2024 की सियासी जंग के लिए भाजपा ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश पर निगाहें गड़ा रखी हैं।

भाजपा की ओर से प्रदेश के सभी सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है और पार्टी नेतृत्व हारी हुई सीटों को जीतने के लिए विशेष मेहनत कर रहा है।

उत्तर प्रदेश में बसपा के अलग होकर चुनाव लड़ने के फैसले से अभी तक त्रिकोणात्मक संघर्ष की स्थिति मानी जा रही है मगर यदि बसपा ने अपना रुख बदलते हुए इंडिया गठबंधन से हाथ मिलाया तो भाजपा के लिए आगे की सियासी राह काफी मुश्किल हो जाएगी।

नए सियासी समीकरण की सुगबुगाहट

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की ओर से लगातार अपना कुनबा और बड़ा करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में बिधूड़ी के खिलाफ मोर्चा खोलकर इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने बसपा को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है। बसपा सांसद पर विधूड़ी की टिप्पणी के बाद विपक्षी नेताओं का एकजुट होकर स्पीकर पर दबाव बनाना और राहुल गांधी का तुरंत दानिश अली के घर पहुंच जाना आगे के सियासी समीकरणों के लिए बड़ा संदेश माना जा रहा है।

बसपा मुखिया मायावती ने भी बिधूड़ी की टिप्पणी पर तीखी आपत्ति जताई है मगर अभी उन्होंने विपक्षी दलों की ओर से इस मुद्दे पर दिखाई गई एकजुटता के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है। वैसे इस प्रकरण के बाद आने वाले दिनों में एक नए सियासी समीकरण की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और यह नया समीकरण भाजपा की मुश्किलें बढ़ने वाला साबित हो सकता है।



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story