मोदी सरकार के राहत पैकेज पर RBI के डायरेक्टर ने खड़े किए सवाल, गिनाईं ये कमियां

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक डायरेक्टर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे सतीश काशीनाथ मराठे ने कोरोना से निपटने के लिए मोदी सरकार के राहत पैकेज पर सवाल खड़े किए हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 21 May 2020 2:57 PM GMT
मोदी सरकार के राहत पैकेज पर RBI के डायरेक्टर ने खड़े किए सवाल, गिनाईं ये कमियां
X

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक डायरेक्टर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे सतीश काशीनाथ मराठे ने कोरोना से निपटने के लिए मोदी सरकार के राहत पैकेज पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि तीन महीने का मो​रेटोरियम काफी नहीं है और एनपीए में नरमी को राहत पैकेज का हिस्सा होना चाहिए था।

सतीश काशीनाथ मराठे ने ट्वीट कर कहा कि राहत पैकेज अच्छी और प्रगतिशील सोच वाला है, लेकिन यह अर्थव्यवस्था को उबारने में अग्रिम योद्धाओं के रूप में बैंकों को शामिल करने के मामले में विफल रहा है। तीन महीने का मोरेटोरियम काफी नहीं है। एनपीए, प्रोविजनिंग में नरमी आदि राहत पैकेज का हिस्सा होना चाहिए था ताकि भारत को एक बार फिर तरक्की के रास्ते पर ले जाया सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के राहत पैकेज से मांग बढ़ने की उम्मीद कम है, क्योंकि इसमें सप्लाई साइड पर जोर है।

यह भी पढ़ें...पाक सरकार की वेबसाइट में पीओके को बताया भारत का हिस्सा, यूजर्स ने किया ट्रोल

RSS की संस्था से जुड़े रहे हैं मराठे

सतीश काशीनाथ मराठे ने बैंक ऑफ इंडिया से अपने बैंकिंग करियर की शुरुआत की थी। वह 2002 से 2006 तक द यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक के चेयरमैन एवं सीईओ और इसके पहले 1991 से 2001 तक जनकल्याण सहकारी बैंक लिमिटेड के सीईओ भी रहे। वह सहकारी क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ सहकार भारती के संस्थापक सदस्य हैं। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा एक स्वयंसेवी संगठन है।

यह भी पढ़ें...भूल जाएं सस्ती शराब: नहीं हटेगा कोविड टैक्स, सरकार ने प्रस्ताव टाला

प्रधानमंत्री ने की थी घोषणा

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते कोरोना से प्रभावित देशवासियों और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज का एलान किया था। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई घोषणाएं की थीं, जिनमें एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये का लोन देने का प्रस्ताव भी था।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story