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सस्ता सोना खरीदने का मौका: बेच रही मोदी सरकार, जानिए कैसे खरीदें
ऐसे में बाजार तमाम तरह के आफरों के साथ तैयार है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए भारतीय रिर्जव बैंक ने भी अपनी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की आठवीं सीरीज को आज से सब्सक्रिप्शन के लिए खोल दिया है।
लखनऊ: त्योहारों और विवाहों का मौसम चालू हो रहा है। धनतेरस और दिवाली के समय सोने की खरीदने का चलन है। चाहे थोड़ी ही मात्रा में खरीदा जाए लेकिन हिंदू परम्पराओं में इसे काफी शुभ माना जाता है। इसके साथ ही विवाहों की खरीदारी भी शुरू हो गई है। चूंकि बीती सहालग में लाकडाउन होने के कारण विवाह सम्पन्न नहीं हो पाए थे, इसलिए इस सहालग में विवाह भी ज्यादा होने है।
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बाजार तमाम तरह के आफरों के साथ तैयार है
ऐसे में बाजार तमाम तरह के आफरों के साथ तैयार है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए भारतीय रिर्जव बैंक ने भी अपनी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की आठवीं सीरीज को आज से सब्सक्रिप्शन के लिए खोल दिया है। जिसमे आगामी 13 नवंबर तक निवेश किया जा सकता है। इस बॉन्ड के तहत सोने की कीमत 5,177 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है।
रिजर्व बैंक ने बीते शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा
रिजर्व बैंक ने बीते शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा था कि 999 फीसदी गुणवत्ता वाले सोने का इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित बंद भाव के साधारण औसत के हिसाब से बॉन्ड का नॉमिनल वैल्यू 5,177 रुपये प्रति ग्राम होगी। सरकार ने पहले की तरह इस बार भी इस बॉन्ड के समर्थन में ऑनलाइन बॉन्ड के लिए आवेदन करने और डिजिटल भुगतान करने वालों को प्रति ग्राम के हिसाब से 50 रुपये की छूट का ऐलान किया है। ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,127 रुपये प्रति ग्राम होगा। इससे पहले गोल्ड बॉन्ड की सातवीं सीरीज में सोने की कीमत 5,051 प्रति ग्राम पर रही थी।
निवेश करने वालों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड अच्छा विकल्प है
निवेश सलाहकारों के मुताबिक लंबी अवधि के लिए निवेश करने वालों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड अच्छा विकल्प है। इसमें निवेशक को सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है और ये बॉन्ड मैच्योरिटी पर टैक्स फ्री हैं। निवेश सलाहकारों का मानना है कि टैक्स के लिहाज से भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेहतर है। इसे मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेंस टैक्स नहीं देना पड़ता है, जबकि शेयर पर 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स लगता है।
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अवधि 08 साल है लेकिन पांचवें साल से निवेशक को इंट्रेस्ट पेमेंट डेट पर इससे पैसा निकालने का विकल्प दिया जाता है। इसके अलावा निवेशक के पास इसे जब चाहे तब बेच सकता है। भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक इस बॉन्ड को जारी करता है। इस स्कीम के तहत निवेशक कम-से-कम एक ग्राम सोना खरीद सकता हैं।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव
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