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कोरोना संकट में RBI ने किए ये बड़े एलान, लोन-EMI होगी सस्ती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का एलान किया था। इस पैकेज का ब्यौरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दे चुकी हैं। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने रेपो रेट कटौती की घोषणा की है।
नई दिल्ली: कोरोना संकट में कमजोर अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का एलान किया था। इस पैकेज का ब्यौरा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दे चुकी हैं। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने रेपो रेट कटौती की घोषणा की है।
रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की गई है, जिसके बाद नया रेट 4% हो गया है। कोरोना के लॉकडाउन के बाद से यह तीसरी बार है जब आरबीआई ने राहतों का एलान किया है। सबसे पहले 27 मार्च को और उसके बाद 17 अप्रैल को आरबीआई ने कई तरह की राहतों की घोषणा की थी, जिसमें EMI मोराटोरियम जैसे बड़े एलान किए गए थे। दूसरी बार में आरबीआई ने NABARD, SIDBI और NHB को 50 हजार करोड़ रुपये की रीफाइनैंसिंग का प्रावधान किया था।
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी आखिरकार यह स्वीकार किया है कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश के सकल घरेलू उत्पाद में ग्रोथ नेगेटिव रहेगी यानी इसमें गिरावट आएगी। कोरोना और लॉकडाउन के कारण इसके पहले लगातार कई रेटिंग एजेंसियां ऐसा आकलन कर चुकी हैं, लेकिन रिजर्व बैंक जीडीपी अपना कोई अनुमान पेश करने से बचता रहा था।
कोरोना से बने हालात पर एक बार फिर विचार करने के लिए मौद्रिक नीति समित की बैठक के बाद शुक्रवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कई बड़े एलान किए। उन्होने कहा कि वित्त वर्ष 2021 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आएगी और यह नेगेटिव रह सकता है।
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आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट कटौती की घोषणा की। इस कटौती के बाद आरबीआई की रेपो रेट 4.40 फीसदी से घटकर 4 फीसदी हो गई है। इसके साथ ही लोन की किस्त देने पर 3 महीने की अतिरिक्त छूट दी है। अगर आप अगले 3 महीने तक अपने लोन की ईएमआई नहीं देते हैं तो बैंक दबाव नहीं डालेगा।
दूसरी छमाही में घटेगी महंगाई
शशिकांत दान कहा कि साल की पहली छमाही में महंगाई उच्च स्तर पर रह सकती है, हालांकि दूसरी छमाही में इसमें गिरावट आने की उम्मीद है। तीसरी-चौथी छमाही में यह 4 फीसदी से नीचे आ सकती है।
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जीडीपी रहेगी निगेटिव
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने जीडीपी को लेकर चिंता जताई और कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में ग्रोथ नेगेटिव टिरिटरी में रह सकती है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा झटका प्राइवेट कन्जंप्शन को लगा है। कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स का प्रोडक्शन मार्च 2020 में 33% घट गया। वहीं मर्केंडाइज एक्सपोर्ट 30 साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया है।
आयात-निर्यात को बढ़ावा
आयात-निर्यात को बूस्ट देने के लिए आरबीआई ने कई घोषणाएं की हैं। प्रीशिपमेंट और पोस्ट शिपमेंट के लिए एक्सपोर्ट क्रेडिट के परमिसिबल पीरियड को 1 साल से बढ़ाकर 15 महीने के लिए कर दिया गया। अमेरिकी डॉलर स्वॉप फसिलिटी के लिए EXIM बैंक को 15000 करोड़ रुपये का आवंटन।