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क्या साजिश के तहत छिपाएं गए हैं रोहिंग्या मुसलमान, मरकज में हुए थे शामिल
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम छिपे बैठे रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश में जगह –जगह तलाशी अभियान चला रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। दिल्ली पुलिस, कोई गलती नहीं करना चाहती है।
नई दिल्ली: भारत में जिस रफ्तार से कोरोना वायरस के नए केस मिल रहे है। उससे केंद्र सरकार की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। अभी तक यूपी, दिल्ली, और महाराष्ट्र समेत बाकी राज्यों से जो केस मिले हैं। उसमें से ज्यादातर या तो तबलीगी जमात से हैं या फिर उनके सम्पर्क में आए हुए लोग हैं।
अब जो नई जानकारी निकल कर सामने आई है, उसके मुताबिक तबलीगी मरकज में शामिल हुए सैकड़ों जमाती के साथ रोहिंग्या मुसलमान भी शामिल थे।
अब यही लोग 'आफत' बनकर घूम रहे हैं। हजारों जमातियों की तरह ये सैकड़ों रोहिंग्या मुसलमान कोरोना की चपेट में आकर दिल्ली के लोगों को परेशानी में भी डाल सकते हैं या डाल रहे हैं। यह चिंता केंद्र के साथ दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस तीनों को रात दिन सता रही है।
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क्राइम ब्रांच की टीम कर रही छापेमारी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम छिपे बैठे रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश में जगह –जगह तलाशी अभियान चला रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। दिल्ली पुलिस, कोई गलती नहीं करना चाहती है।
लॉकडाउन के दौरान तब्लीगी मरकज में शामिल जमातियों की हजारों भीड़ से सबक लेते हुए जल्द से जल्द ऐसे रोहिंग्या मुस्लिम को पकड़कर टेंशन फ्री होना चाहती है।
पुलिस ने उन इलाकों में छापेमारी तेज कर दी है, जहां पर ये छिपे हो सकते हैं। खासकर बाहरी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के साथ पूर्वी दिल्ली के इलाके में भी, हालांकि पुलिस छापों की पुष्टि नहीं कर रही है। वहीं यह तय है कि वापस कैंपों में नहीं लौटने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों ने दिल्ली पुलिस की नींद जरूर उड़ा दी है।
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अभी तक अपने कैंपों में वापस नहीं लौटे रोहिंग्या
मरकज में शामिल जमातियों के साथ ये भी तब्लीगी मरकज से तो निकले, लेकिन वापस अपने कैंपों में नहीं गए। ऐसे में मकरज में शामिल इन रोहिंग्या मुसलमानों ने दिल्ली में कोरोना वायरस के संक्रमण के और फैलने की आशंका बढ़ा दी है।
यूपी में छिपे हो सकते हैं रोहिंग्या मुसलमान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूपी के तकरीबन 8 जिलों में 369 रोहिंग्या शरणार्थियों के मौजूद होने की सूचना है। ऐसे में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इनकी खोजबीन तेज कर दी है। हर उस जगह पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जहां पर इनके छिपे होने की संभावना है।
क्या साजिश के तहत छिपाए गये हैं रोहिंग्या
सूत्रों के मुताबिक तब्लीगी मरकज से निकाले जाने के दौरान जिस तरह सड़क पर थूकने जैसी हरकते जामतियों ने कीं थी, उससे रोहिंग्या मुस्लिमों पर भी शक गहराया गया है कि कहीं ये लोग भी किसी साजिश के तहत न गायब हुए हों।
दिल्ली पुलिस के साथ खुफिया एजेंसियों को भी यह चिंता सता रही है कि आखिर रोहिंग्या मुस्लिम निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात में शामिल होने के बाद आखिर वापस कैंपों में क्यों नहीं पहुंचे? इसके पीछे खुफिया एजेंसियों को साजिश का शक है।
क्या जमातियों का रोहिंग्याओं के साथ कोई कनेक्शन है?
बता दें कि खुफियां एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर गौतमबुद्धनगर, मेरठ, कानपुर, मथुरा, सहारनपुर, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और अलीगढ़ जिले की पुलिस को डीजीपी मुख्यालय की ओर से निर्देश जारी किया गया था कि वे रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाएं।
यही नहीं खुफिया इनपुट मिलने और कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण के बीच कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी यूपी, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों की सरकारों को रोहिंग्या शरणार्थियों और तबलीगी जमात के बीच लिंक की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
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