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भारत-चीन तनाव पर बोले RSS प्रचारक इंद्रेश कुमार, ...तो देंगे मुहतोड़ जवाब
भारत हमेशा से विश्व शांति का पक्षधर रहा है। हम युध्द नहीं चाहते, लेकिन यदि हमें विवश किया जाएगा तो मुहतोड़ जवाब अवश्य देंगे। भारत और भारत की संस्कृति विश्व बंधुत्व और सद्भाव में विश्वास करती है।
नई दिल्ली: भारत हमेशा से विश्व शांति का पक्षधर रहा है। हम युध्द नहीं चाहते, लेकिन यदि हमें विवश किया जाएगा तो मुहतोड़ जवाब अवश्य देंगे। भारत और भारत की संस्कृति विश्व बंधुत्व और सद्भाव में विश्वास करती है। हमारे सद्भाव को यदि कोई हमारी कमजोरी समझता है तो यह उसकी भूल है। आरएसएस की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और नवभारत फाउंडेशन के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने यह बात कही।
इंद्रश कुमार नवभारत फाउंडेशन द्वारा आयोजित वेबिनार में को संबोधित कर रहे थे। चिंतन से समाधान श्रीराम जन्मभूमि, धारा 370, समान नागरिक संहिता, ट्रिपल तलाक और एनआरसी (NRC) जैसे जटिल मुद्दे को सुलझाने और इन विषयों के आगे की चुनौतियों पर विमर्श के लिए आयोजित इस सम्मेलन में देशभर से सैकड़ों विद्वान, विशेषज्ञ, सैन्य एवं प्रशासनिक अफसर, शिक्षक, पत्रकार, एवं अन्यलोग शामिल थे।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि सांप्रदायिक कूटनीति के कारण मुद्दे भटकते हैं और हिंसा की ओर जाते हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का हटना भारत की एकता-अखंडता का प्रतीक है और एक भारत-एक संविधान के सपने को साकार करता है।
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उन्होंने कोरोना महामारी में गरीबों की मदद करने की अपील की। साथ ही उन्होंने इस वायरस को मानव निर्मित बताया। इंद्रेश कुमार ने कहा, तब्लीगी जमात जैसे मामलों से संक्रमण में तेजी आई है। हमें ऐसा नहीं करना है। उन्होंने तीन बिंदुओं को विशेषरूप से रेखांकित किया, "आत्मनिर्भरता, सर्वधर्म समभाव एवं सभी मनुष्यों को बराबरी केअधिकार"।
इस मौके पर पूर्व पुरातत्व अधिकारी डॉ. केके मोहम्मद ने कहा किस तरह कुछ इतिहासकारों ने राम मंदिर के मुद्दे को भटकाने का काम किया जो विषय क्षेत्र एक पुरातत्व विशेषज्ञ का है वहां इन इतिहासकारों को ऐसे हस्ताक्षेप करने का अधिकार नहीं था। केके मोहम्मद उस टीम में शामिल रहे थे जिसने अयोध्या में खुदाई की थी।
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प्रोफ राकेश कुमार उपाध्याय, काशी विश्वविद्यालय ने कहा कि अयोध्या में मिले सबूतों के प्रकाश में रोमिला थापर और इरफ़ान हबीब जैसे वामपंथी इतिहासकारों को देश से क्षमा मांगनी चाहिए कि उन्होंने इतने समय तक राममंदिर विषय को सांप्रदायिक रंग देकर भटकाने का कार्य किया।
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चर्चा में नव भारत फाउंडेशन के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) केजे सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री रेशमा एच. सिंह, लोकसभा के पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती, पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गुरमीत सिंह एवं सह संयोजक विक्रमादित्य सिंह मौजूद रहे. दो मिनट का मौन रखकर चीनी सैनिकों से लड़ाई में भारतीय सेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
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