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100 साल पूरे होने से पहले बड़ा कार्यक्रम करेगा RSS, जोरों पर चल रही तैयारियां
पहली बार अवध प्रांत में प्रशांत भाटिया के साथ एक और सह कार्यवाह संजय कुमार को लाया गया है। वह अब तक बौद्धिक प्रमुख थे। कानपुर प्रांत के प्रचारक संजय मिश्र को इतिहास संकलन समिति की जिम्मेदारी दी गई है।
लखनऊ। अपनी स्थापना के सौ साल पूरा करने करने के पहले विश्व का सबसे बड़ा गैरराजनीतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कई बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। संघ की योजना पूरे देश में अपनी षाखाओं को और बढ़ाने की है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की स्थापना
उल्लेखनीय है कि 1925 को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की स्थापना विजय दशमी के दिन नागपुर में हुई थी जिसके बाद संघ का विस्तार होता गया और उसके आनुषागिंक संगठनों में से एक भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र और कई अन्य राज्यों में सरकारें हैं।हाल ही बंगलूरू में सम्पन्न हुई आरएएस की प्रतिनिधि सभा में कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया। इसके लिए तय किया गया कि संघ अब अपनीषाखाओं का विस्तार देहातों और गांवों में करेगा।
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रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण
प्रतिनिधि सभा की बैठक में कई प्रस्ताव पारित हुए जिनमें मुख्य रूप से ‘श्री रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण भारत की अन्र्तनिहित शक्ति का प्रगटीकरण है’ पारित किया गया। इसके अलावा प्रदेश के 26 जिलों में गांव गांव शाखाएं शुरू करने की बात कही गयी। 13 अप्रैल से 24 जुलाई तक धरती मां की उर्वरक क्षमता बढाने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। प्रतिनिधि सभा की बैठक से भाग लेकर वापस लखनऊ लौटे सह प्रांत संघ चालक सुनील खरे ने बताया कि यूपी में अवध प्रांत के कार्यवाह रहे डा अनिल के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में चले जाने के कारण अब यह जिम्मेदारी शारीरिक प्रमुख रहे प्रशांत कुमार को दी गई है।
संकलन समिति की जिम्मेदारी
पहली बार अवध प्रांत में प्रशांत भाटिया के साथ एक और सह कार्यवाह संजय कुमार को लाया गया है। वह अब तक बौद्धिक प्रमुख थे। कानपुर प्रांत के प्रचारक संजय मिश्र को इतिहास संकलन समिति की जिम्मेदारी दी गई है। उनकी जगह कानपुर में ही सह प्रांत प्रचारक रहे श्रीराम सिंह प्रांत प्रचारक रहेंगे।
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25 जिलों में 2628 शाखा, मिलन
प्रांत कार्यवाह प्रशांत ने बताया कि संघ का प्रत्यक्ष कार्य अवध प्रांत के 25 जिलों में 2628 शाखा, मिलन और मंडली के रूप में चल रहा है। अवध प्रांत ने अपनी आगामी योजना में संघ शताब्दी वर्ष से पहले मंडल स्तर (न्याय पंचायत) तक शतप्रतिशत प्रत्यक्ष संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य लिया है। अभी मौजूदा समय में अवध प्रान्त में करीब एक हजार शाखा चल रही है। 2025 से पहले सभी मंडलों में शाखाएं शुरू की जाएंगी।
श्रीधर अग्निहोत्री