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G20 Summit: डिनर न्योते पर प्रेसिडेंट ऑफ भारत विवाद पर विदेश मंत्री का विपक्ष पर पलटवार, बोले-‘हर कोई पढ़े संविधान’
G20 Summit 2023: विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इंडिया भारत है और यह संविधान में लिखा है। मैं हर किसी को संविधान पढ़ने के लिए कहूंगा। जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है। प्रधानमंत्री ने जो महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है।
G20 Summit 2023: जी-20 सम्मेलन से पहले ही भारत बनाम इंडिया को लेकर सियासत तेज हो गई है। विपक्ष इस पर जहां हमलावर है तो वहीं सत्ता पक्ष भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। नौ से दस सितंबर के बीच दिल्ली के प्रगति मैदान में जी-20 बैठक होने जा रही है। इस बैठक के डिनर में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से एक निमंत्रण पत्र भेजा गया है। जिस पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। इस पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। जहां विपक्ष जी-20 के लिए भारत सरकार द्वारा की गई तैयारियों पर भी लगातार हमला कर रहा है। तो वहीं इस पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने विपक्ष के वार पर पलटवार करते हुए कहा कि इंडिया भारत है और यह संविधान में लिखा है। मैं हर किसी को इसे (संविधान) पढ़ने के लिए कहूंगा। उन्होंने तैयारियों को लेकर कहा कि यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है।
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बोले-यही हमारे संविधान में...
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि इंडिया भारत है और यह संविधान में लिखा है। मैं हर किसी को संविधान पढ़ने के लिए कहूंगा। जब आप भारत कहते हैं, तो एक अर्थ, एक समझ और एक अनुमान आता है और मुझे लगता है कि यही हमारे संविधान में भी परिलक्षित है।
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वही उनकी दुनिया थी...
उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए इंतजाम की विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना पर जवाब देते हुए कहा कि अगर किसी को लगता है कि वे लुटियंस दिल्ली या विज्ञान भवन में अधिक सुविधाजनक महसूस कर रहे थे तो यह उनका विशेषाधिकार था। वही उनकी दुनिया थी और तब शिखर सम्मेलन की बैठकें ऐसे समय हुई, जहां देश का प्रभाव संभवतः विज्ञान भवन में या उसके दो किलोमीटर (लुटियंस दिल्ली) तक में रहा हो।
यह एक अलग युग-
विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक अलग युग है, यह अलग सरकार है और यह एक अलग विचार प्रक्रिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महसूस किया और हमने उस दिशा में काम किया है, जिसमें जी-20 ऐसी चीज है, जिसे एक राष्ट्रीय प्रयास के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को लगता है कि हमें अभी भी सन् 1983 में फंसे रहना चाहिए, उनका 1983 में फंसे रहने के लिए स्वागत है।
जयशंकर का यह बयान विपक्ष पर जी-20 के इंतजाम और प्रेसिडेंट की तरफ से भेजे गए न्योते को लेकर तगड़ा पलटवार है।