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Sanchar Saathi Portal: चोरी हुए फोन को अब पोर्टल से करें ब्लॉक और ट्रैक, सरकार ने शुरू किया संचार साथी
Sanchar Saathi Portal: अगर आपका मोबाइल फोन कहीं गुम हो जाए तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, आप घर बैठे अपने मोबाइल फोन को ब्लॉक कर सकते है। सरकार का नया पोर्टल आपकी मदद करेगा।
Sanchar Saathi Portal: ज्यादातर मामले फोन चोरी के हर रोज मिलते है। जब भी किसी का फोन गुम हो जाता है तो लोग पुलिस में कंप्लेन करने के बाद भूल जाते है। लेकिन अब सरकार का ये नया कदम आपके काम को आसान बना सकता है। सरकार ने नया पोर्टल संचार साथी की शुरुआत कर दी है। वर्तमान समय में स्मार्टफोन में नेट बैंकिंग, पर्सनल डाटा, यूपीआई आदि जैसी कई जानकारियां इकट्ठा रहती है। जब ऐसी स्थिति में फोन चोरी या गुम हो जाता है तो हमे फोन से ये सब आईडी ब्लॉक करवानी पड़ती है। ऐसी ही स्थिति से बचने के लिए सरकार ने नया उपाय ढूंढ निकाला है। 16 मई को मोदी सरकार ने संचार साथी पोर्टल (Sanchar Saathi Portal) आम लोगों की सहायता के लिए लॉन्च किया है।
अब फोन चोरी करने वालों की खैर नहीं,
रेल और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT Minister Ashwini Vaishnaw) ने संचार साथी पोर्टल को लॉन्च (Sanchar Saathi Portal Launched) किया है। इस पोर्टल के माध्यम से आप अपने गुम हुए मोबाइल नंबर को ब्लॉक और अनब्लॉक कर सकते है। अब यदि फोन चोरी होता भी है तो चोरी हुए फोन को यूज करना सरल नहीं होगा। संचार साथी पोर्टल के माध्यम से आप मोबाइल का आसानी से शिकायत दर्ज करा सकते है। और तो और फोन को ढूंढना व उसे ब्लॉक करना और भी आसान हो जाएगा। इस पोर्टल से खोए हुए फोन की ट्रैकिंग भी अब आसान हो जाएगी।
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इस पोर्टल की खास बात ये है कि चोरी हुए फोन के बारे में संचार साथी पोर्टल पर सूचना दर्ज करते ही मोबाइल ऑपरेटर को भी मामले की जानकारी मिल जाएगी। जिसके बाद मोबाइल के लोकेशन का पता लगते ही यह अपडेट पोर्टल द्वारा चालू कर दिया जाएगा। इस पोर्टल के जरिए आपको यह भी पता चलेगा कि एक आईडी पर कुल कितने सिम कार्ड लिए गए है।
ऐसे करे गुम हुए फोन को ब्लॉक,
- आपका मोबाइल चोरी/गुम हो गया है और आप अपने फ़ोन के मिसयूज होने के डर में है तो इसे बचाने के लिए आप फोन को ब्लॉक करना चाहते हैं तो https://sancharsaathi.gov.in/ पर जाए।
- इस साइट के Citizen Centric Services का विकल्प तय करें।
- यहां जाते आपको दो ऑप्शन Block Your Lost/Stolen Mobile का विकल्प मिलेगा जिस पर क्लिक कर के आगे बढ़े।
- इस ऑप्शन का चयन करने के बाद ही आपके सामने एक नया पेज खुल जायेगा, जहां आपको मोबाइल से संबंधित कुछ जानकारी दर्ज करनी होगी।
- आपको दोनों मोबाइल नंबर, 15 डिजिट का दोनों IMEI नंबर दर्ज पोर्टल पर दर्ज करना होगा।
- इसके अतिरिक्त आपको फोन का डिवाइस मॉडल और मोबाइल का इनवॉइस(Bill) भी साइट पर अपलोड करना होगा।
- इसके बाद आपको मोबाइल खोने/गुम होने की तारीख, टाइम, जिला और राज्य की जानकारी भी पूरी तरह से सही सही भरना होगा।
- इसके साथ ही आपको पुलिस में दर्ज की गई शिकायत नंबर, पुलिस स्टेशन का लोकेशन, राज्य और जिले का नाम भी दर्ज करना होगा।
- पुलिस शिकायत की कॉपी अपलोड का भी ऑप्शन दिया रहता है।
- फिर अपना व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, एड्रेस, ईमेल जैसी जानकारी भी साइट पर फिल करे।
- आखिरी में Disclaimer का चयन कर फॉर्म को सब्मिट कर दें।
- यह फॉर्म जमा होने के तुरंत बाद आपके फोन को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
- इस साइट के माध्यम से आप फोन को ट्रैक भी कर सकते हैं।
साइट में दूसरा ऑप्शन 'नो योर मोबाइल' है। यूजर्स को यह जानने में मदद करेगा की उनके एक आईडी में कितने सिम कार्ड लिए गए है, क्या डॉक्यूमेंट्स जोड़े गए है। इसे अब आप जानने के साथ बंद भी कर सकते है। क्योंकि फोन नंबर केवाईसी से जुड़े रहते है। यह एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एल्गोरिध्म के साथ किए जायेगा।
फोन फ्रॉड के मामले पर ब्रेक लगाने के लिए लॉन्च किया पायलट प्रोजेक्ट,
मोबाइल फोन से जुड़े सभी फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे थे। सिम से जुड़ी फ्रॉड की घटनाओं में भी लगातार इजाफा हो रहा था। यह समस्या देश की सुरक्षा के लिए भी एक प्रश्न चिन्ह बन रहा था। इस पोर्टल को लॉन्च करते वक्त आईटी टेलीकॉम और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश में डिजिटल इंडिया के मिशन को बढ़ाने और टेलीकॉम यूजर्स की सेफ्टी को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने संचार सारथी पोर्टल शुरू किया है। चोरी हुए मोबाइल को ब्लॉक करने के लिए सीईआईआर (Central Equipment Identity Register) तकनीक की शुरुआत इस पोर्टल से की गई है, जिसके माध्यम से अब व्यक्ति यह जान पाएंगे की उनका सिम कार्ड किसके नाम पर रजिस्टर्ड है। इसके अलावा एएसटीआर (Artificial Intelligence and Facial Recognition powered Solution for Telecom SIM Subscriber Verification) के यूज से फर्जी सिम यूजर्स की पहचान आसानी से की जा सकेगी। पोर्टल के लॉन्च पर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कुल 40 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन की पहचान की गई है। इस पोर्टल को पायलत प्रोजेक्ट के पद चिन्ह पर कुछ शहरों में जारी किया गया था। पर अब इसे पूरे देश के लिए लॉन्च कर दिया गया है।