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भारत ने अंतरिक्ष में सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने की क्षमता हासिल की : DRDO प्रमुख

भारत का उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकसित करने में देश की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा। यह बात बुधवार को डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कही।

Anoop Ojha
Published on: 27 March 2019 4:52 PM GMT
भारत ने अंतरिक्ष में सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने की क्षमता हासिल की : DRDO प्रमुख
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नयी दिल्ली: भारत का उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकसित करने में देश की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा। यह बात बुधवार को डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कही।

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रेड्डी ने कहा कि परियोजना के लिए मंजूरी करीब दो वर्ष पहले दी गई थी।

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अंतरिक्ष में भारत द्वारा उपग्रह को मार गिराए जाने के बाद उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।’’ इससे देश अंतरिक्ष शक्तियों के चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है।

रेड्डी ने कहा कि परीक्षण के लिए उपयोग की गई प्रौद्योगिकी पूरी तरह स्वदेश में विकसित है।

उपग्रह को मिसाइल से मार गिराया जाना दर्शाता है कि ‘‘हम ऐसी तकनीक विकसित करने में सक्षम हैं जो सटीक दक्षता हासिल कर सकता है।’’

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख ने कहा, ‘‘उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण से हमारी क्षमता का पता चलता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा।’’

उन्होंने कहा कि परियोजना को काफी तेजी से लागू किया गया और इस तरह के कार्यक्रम लागू करने में यह डीआरडीओ की क्षमता को दर्शाता है।

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डीआरडीओ ने कहा कि एक बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर मिसाइल ने सफलतापूर्वक लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में भारतीय उपग्रह को ‘हिट टू किल’ मोड में निशाना बना लिया।

इसने कहा, ‘‘इंटरसेप्टर मिसाइल तीन चरणों का मिसाइल था जिसमें दो ठोस रॉकेट बूस्टर थे। रेंज सेंसर से निगरानी में पुष्टि हुई कि मिशन ने अपना उद्देश्य पूरा कर लिया।’’

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परीक्षण ‘मिशन शक्ति’ अभियान के तहत ओडिशा में डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया।

रेड्डी ने कहा कि इस परीक्षण से बाहरी अंतरिक्ष में अपने संसाधनों की रक्षा करने की भारत की क्षमता का पता चलता है।

भारत के पास अब भी विस्तृत राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत नहीं है। बहरहाल, सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए संयुक्त संचालन सिद्धांत अप्रैल 2017 में जारी हुआ था जिसमें बाहरी अंतरिक्ष से जुड़े मुद्दों से निपटने के लिए ‘रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी’का गठन किया जाना प्रस्तावित था।

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इस बीच विदेश मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण किसी देश के खिलाफ नहीं था और बाहरी अंतरिक्ष में भारत किसी हथियार दौड़ में शामिल नहीं होना चाहता है।

(भाषा)

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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