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Satpura Bhawan Fire Update: कैसे जल गए मंत्रालयों के दफ्तर, कौन जिम्मेदार, क्यों आग पर काबू पाने में नाकामयाब रही शिवराज सरकार ?

Satpura Bhawan Fire Update: आग इतनी भीषण थी कि राज्य सरकार को केंद्र से सेना की मदद के लिए गुहार लगानी पड़ी। चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में अब इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 13 Jun 2023 9:57 AM IST
Satpura Bhawan Fire Update: कैसे जल गए मंत्रालयों के दफ्तर, कौन जिम्मेदार, क्यों आग पर काबू पाने में नाकामयाब रही शिवराज सरकार ?
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Satpura Bhawan Fire Update (photo: social media )

Satpura Bhawan Fire Update: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित विशाल सतपुड़ा भवन में सोमवार दोपहर को लगी आग मंगलवार सुबह को बुझी। इस बहुमंजिला इमारत में कई मंत्रालयों के दफ्तर हैं, जिन्हें इस अग्निकांड से भारी नुकसान पहुंचा है। आग की चपेट में आए तीन मंत्रालयों के सभी कागजात, दस्तावेज और फर्नीचर जलकर राख हो गए। आग इतनी भीषण थी कि राज्य सरकार को केंद्र से सेना की मदद के लिए गुहार लगानी पड़ी। चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में अब इसे लेकर राजनीति भी गरमा गई है।

सतपुड़ा अग्निकांड की जांच के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरीय अधिकारियों की एक टीम गठित की है, जो उन्हें जांच कर प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपेगी। उन्होंने आग पर काबू पाने के बाद एक रिव्यू मीटिंग भी बुलाई है, जिसमें हालात की समीक्षा की जाएगी। राहत की बात ये रही कि इस भयानक हादसे में एक भी जान नहीं गई। समय रहते पूरी इमारत खाली करवा ली गई। हालांकि, आग लगने की खबर सामने आने के बाद इमारत के अंदर मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया था। इस दौरान मची भगदड़ में कुछ लोगों को चोटें भी आईं। एक अनुमान के अनुसार, इमारत के अंदर करीब 1 हजार लोग मौजूद थे।

कहां से शुरू हुई आग ?

खबरों के मुताबिक, आग की शुरूआत इमारत की तीसरी मंजिल से हुई, जो धीरे-धीरे छठी मंजिल तक पहुंच गई। बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी और एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने से फैलती गई। पूरे ऑफिस में 30 से अधिक एसी कंप्रेसर ब्लास्ट हुए हैं। आग जिस सतपुड़ा भवन में लगी, वो प्रदेश सरकार के सचिवालय वल्लभ भवन के ठीक सामने पहाड़ी पर स्थित है।

भोपाल के कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि आग की जानकारी सोमवार दोपहर 4 बजे को मिली। जिसके बाद दमकल विभाग की 50 गाड़ियों और नगर निगम के 300 पानी टैंकरों को मौके पर भेजा गया। स्थिति अधिकी गंभीर होने के बाद सेना, वायुसेना, एयरपोर्ट और तेल कंपनियों की दमकल गाड़ियां भी मौके पर भेजी गईं। 14 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार सुबह 8 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। सिंह ने बताया कि ऊपर की मंजिलों में ज्वलनशील सामग्री रखी हुई थी, इसलिए आग पर नियंत्रण पाने में इतना समय लग गया।

किन-किन मंत्रालयों के दफ्तर चपेट मं आए ?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आग की चपेट में सतपुड़ा भवन में स्थित सरकार के तीन मंत्रालयों के दफ्तर आए हैं। वो मंत्रालय हैं – आदिम जाति कल्याण विभाग, चिकित्सा विभाग और परिवहन विभाग। बताया जा रहा है कि इन आग की चपेट में आए चार मंजिलों में रखी 12 से अधिक फाइलें जलकर खाक हो चुकी हैं। इनमें सबसे अधिक फाइलें चिकित्सा विभाग की थीं।

एयरफोर्स की भी ली गई मदद

एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान हादसे के दौरान पूरे एक्टिव रहे। वो पल-पल की जानकारी ले रहे थे और केंद्र को इससे अवगत करा रहे थे। उन्होंने इस अग्निकांड की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी दी। रात में जब स्थिति बेकाबू लग रही थी, तब मुख्यमंत्री के ही अनुरोध पर रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स के AN 32 विमान और MI 15 हेलीकाप्टर को देर रात भोपाल के लिए उड़ान भरने का निर्देश दिया।

सीएम ने गठित की जांच कमेटी

सतपुड़ा अग्निकांड को लेकर राज्य सरकार में हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आग लगने के प्रारंभिक कारणों की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी घोषित की है। इस कमेटी में एसीएस गृह राजेश राजौरा, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग सुखबीर सिंह, प्रधान सचिव नगरीय विकास विभाग नीरज मंडलोई और एडीजी फायर शामिल हैं।

सतपुड़ा अग्निकांड पर गरमाई राजनीति

मध्य प्रदेश में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा सतपुड़ा अग्निकांड को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है। विपक्षी कांग्रेस ने इस भीषण अग्निकांड को सत्ताधारी बीजेपी की साजिश करार दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार अपनी विदाई को भांप चुकी है, इसलिए घोटालों से जुड़ी फायलों को साजिश के तहत नष्ट किया जा रहा है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के आरोपों के निराधार करार दिया है।

बता दें कि राजधानी भोपाल स्थित सतपुड़ा भवन पहले भी अग्निकांड का शिकार हो चुका है। 11 साल पहले 25 जून 2012 को चौथी मंजिल पर शिक्षा विभाग के दफ्तर में शॉट सर्किट की वजह से आग लग गई थी।



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