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टेलीकॉम कंपनियों को SC की फटकार: पूछा- क्या बंद कर दें अदालत?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को AGR मामले की सुनवाई के दौरान भुगतान ना किए जाने और अदालत के फैसले का उल्लंघन करने पर नाराजगी जाहिर की।
दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक सुनवाई के दौरान सरकार और टेलिकॉम कंपनियों को जमकर फटकार लगाई। शुक्रवार को AGR मामले की सुनवाई के दौरान भुगतान ना किए जाने और अदालत के फैसले का उल्लंघन करने पर शीर्ष अदालत की नराजगी देखने को मिली। कोर्ट ने सवाल किया कि अफसरों ने हमारा आदेश कैसे रोका? वहीं ये भी कहा कि अगर अदालत के आदेशों का उल्लंघन ही करना है तो कोर्ट को बंद कर दो।
केंद्र सरकार और टेलिकॉम कंपनियों को कड़ी फटकार
भारत की कई टेलिकॉम कंपनियों पर दूरसंचार विभाग के बकाया एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) को चुकाने के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना करने के लिए एयरटेल, वोडाफोन समेत अन्य कंपनियों के मैनिजिंग डायरेक्टर, सीएमडी को नोटिस जारी किया। वहीं कंपनियों, टेलीकॉम विभाग के अधिकारियों को 17 मार्च को समन भी किया है।
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मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई में तीन जजों की बेंच ने की। इस बेंच में जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस जेसी. शाह शामिल हैं।
क्या कहा कोर्ट ने:
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और टेलिकॉम कंपनियों को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, 'ये याचिकाएं दाखिल नहीं करनी चाहिए थीं. ये सब बकवास है।' वहीं नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल किया, 'क्या सरकारी डेस्क अफसर सुप्रीम कोर्ट से बढ़कर है जिसने हमारे आदेश पर रोक लगा दी?
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कोर्ट ने ये भी सवाल किया कि क्या हम सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दें ? क्या देश में कोई कानून बचा है? क्या ये मनी पॉवर नहीं है? बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए।'
क्या है मामला:
गौरतलब है कि टेलिकॉम कंपनियों पर कुल 92 हजार करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे चुकाने की तारीख 17 मार्च है। वहीं टेलीकॉम कंपनियों ने AGR का बकाया चुकाने के लिए मोहलत मांगी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आगे मोहलत देने से इनकार कर दिया। लेकिन इस बाबत कंपनियों ने अभी तक बकाया भुगतान नहीं किया है।
क्या है AGR
बता दें कि AGR संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला यूसेज और लाइसेंसिग फीस है।