2002 गुजरात दंगा: मोदी को क्लीन चीट पर टली सुनवाई, SC ने कही ये बड़ी बात

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों के दौरान प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआइटी द्वारा दी गई क्लीन चीट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को होगी।

Dharmendra kumar
Published on: 4 Feb 2020 10:08 AM GMT
2002 गुजरात दंगा: मोदी को क्लीन चीट पर टली सुनवाई, SC ने कही ये बड़ी बात
X

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2002 गुजरात दंगों के दौरान प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को एसआइटी द्वारा दी गई क्लीन चीट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 अप्रैल को होगी।

सु्प्रीम कोर्ट ने इस दौरान कहा कि मामले की सुनवाई को कई बार स्थगित किया गया है, ऐसा कबतक होगा। इसपर किसी दिन तो सुनवाई करनी ही होगी। यह याचिका जाकिया जाफरी ने दायर की है। जाकिया दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्नी हैं।

जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश महेश्वरी की पीठ ने मामले पर अप्रैल तक सुनवाई को टाल दिया, जब जाकिया के वकील ने स्थगन की मांग की और अदालत से होली की छुट्टी के बाद इसपर सुनवाई करने का आग्रह किया। इसी के बाद कोर्ट ने यह टिपण्णी की।

यह भी पढ़ें...दिल्ली चुनाव: आम आदमी पार्टी ने जारी किया घोषणापत्र, बीजेपी को दी चुनौती

जाकिया जाफरी ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें गुजरात हाईकोर्ट के 5 अक्टूबर, 2017 के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने विशेष जांच दल के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। उनके वकील ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि याचिका में एक नोटिस जारी करने की जरूरत है, क्योंकि यह 27 फरवरी, 2002 से मई 2002 तक एक कथित 'बड़ी साजिश' से संबंधित है।

यह भी पढ़ें...अभी-अभी बस खाईं में गिरी: मची अफरातफरी, मौत का तांड़व-कई घायल

गौरतलब है कि एहसान जाफरी 28 फरवरी, 2002 को गुलबर्ग सोसाइटी में मारे गए 68 लोगों में शामिल थे, साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच के गोधरा में जलने से 59 लोगों की मौत हो गई थी और गुजरात में दंगे भड़के थे।

यह भी पढ़ें...महात्मा गांधी पर घमासान! संसद में कांग्रेस नेता ने BJP को बताया रावण का औलाद

8 फरवरी, 2012 को, एसआइटी ने मोदी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित 63 अन्य लोगों को क्लीन चिट देते हुए एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ कोई अभियोजन साक्ष्य नहीं था।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story