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रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने पर 3 महीने बाद विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित करने की मांग वाली याचिका पर तीन महीने बाद सुनवाई करेगा। गुरुवार को बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच के समक्ष इस मामले का विशेष उल्लेख कर तत्काल सुनवाई की मांग की।

Dharmendra kumar
Published on: 23 Jan 2020 9:11 PM IST
रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा देने पर 3 महीने बाद विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर स्मारक घोषित करने की मांग वाली याचिका पर तीन महीने बाद सुनवाई करेगा। गुरुवार को बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच के समक्ष इस मामले का विशेष उल्लेख कर तत्काल सुनवाई की मांग की।

रामसेतु भारत और श्रीलंका के बीच मन्नार की खाड़ी में चूना पत्थरों की श्रृंखला है। रामायण के मुताबिक माता सीता को छुड़ाने के लिए भगवान राम की वानर सेना ने रामसेतु की निर्माण किया था।

प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई के बारे में स्वामी की अर्जी का संज्ञान लिया। पीठ ने स्वामी से कहा कि आप तीन महीने बाद इसका उल्लेख करें। हम उस समय इस पर विचार करेंगे।

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बीजेपी नेता ने कहा कि वह इस मामले को लेकर कानूनी लड़ाई का पहला दौर जीत चुके हैं जिसमें केन्द्र ने रामसेतु के अस्तित्व को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि संबंधित मंत्री ने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की उनकी मांग पर विचार के लिए 2017 में एक बैठक बुलाई थी, लेकिन इसके बाद इस मामले में कुछ नहीं हुआ है।

बता दें कि 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने सेतु समुद्रम परियोजना के लिए रामसेतु तोड़ने का फैसला लिया था और कहा था कि भगवान राम के बारे में पुख्ता साक्ष्य नहीं है। इस हलफनामे पर काफी हंगामा होने के बाद यूपीए सरकार ने इसे वापस ले लिया था।

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बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सप्रीम कोर्ट से रामसेतु को ऐतिहासिक स्मारक के रूप में मान्यता देने की उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है।

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गौरतलब है कि मोदी सरकार रामसेतु मामले पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और राम सेतु के बारे में कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा वैकल्पिक मार्ग तलाशेगी।



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Dharmendra kumar

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